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मध्य प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ चलेगा ‘हल्ला बोल अभियान’

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भोपाल स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान से रविवार को प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ बड़े संघर्ष का ऐलान हुआ। यहां युवाओं ने प्रेसवार्ता कर ‘बेरोजगारी के खिलाफ ‘हल्ला बोल अभियान’ की घोषणा की। रोजगार के सवाल पर लगातार आंदोलन करने वाले संगठन ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी अब राष्ट्रीय आपदा का रूप ले चुकी है। एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार, मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के 17 वर्षों के कार्यकाल में 6,999 बेरोजगार आत्महत्या करने को मजबूर हुए। पिछले 5 वर्षो में लाखों युवा भर्ती परीक्षा का इंतजार करते हुए ओवर एज हो गए। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि आज भी मध्यप्रदेश के राजनीतिक विमर्श में यह मुद्दा नहीं है। इसलिए युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ हल्ला बोलने का निर्णय लिया है।

कार्यक्रम में शामिल युवा हल्ला बोल के केंद्रीय नेतृत्व से रजत यादव, प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय परमार, प्रदेश महासचिव दीप करण सिंह, आकाश विद्यार्थी, अमित प्रकाश सहित आंदोलन के अन्य नेताओं ने ‘युवाओं के नौ सवाल’ शीर्षक से एक पत्र जारी किया। पत्र में रोजगार से संबंधित 9 सवाल मुख्यमंत्री से पूछे गए हैं।

पत्र को जारी करते हुए युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव ने कहा कि “बेरोजगारी और एनसीआरबी (NCRB) के सुसाइड के आंकड़े से स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी जीवन-मरण का सवाल बन गई है। लाखों सरकारी पद खाली होने के बावजूद भी सरकार ने इन्हें भरने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई, जो सबित करता है कि रोजगार देने में प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है।”

प्रदेश अध्यक्ष अरुणोदय परमार ने कहा कि हमने मध्य प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ “हल्ला बोल अभियान” की शुरुआत बेरोजगारी को चुनावी विमर्श के केंद्र में लाने के संकल्प के साथ किया है। अभियान के पहले चरण में प्रदेश भर के युवा मुख्यमंत्री को 50 हजार पत्र भेजेंगे, जिसमें युवाओं से जुड़े 9 सवाल पूछे गए हैं। प्रदेश महासचिव दीपकरण सिंह ने आगामी रणनीति साझा करते हुए बताया कि विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के मसले पर प्रदेश के युवाओं को लाम बंद किया जाएगा।

ज्ञात हो कि देश में ‘पढ़ाई, कमाई, दवाई’ का नारा देने वाले और चुनावी विमर्श स्थापित करने वाले युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चल रहा रोजगार आंदोलन ‘युवा हल्ला बोल’ लम्बे अरसे से युवाओं के मुद्दों के लिए देश भर में संघर्ष कर रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में “हल्ला बोल अभियान” के माध्यम से चुनाव को युवाओं के मुद्दों पर केंद्रित करने के लिए संघर्ष करेगा।

अरुणोदय ने सवालों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम मुख्यमंत्री को रोजगार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न पूछ रहे हैं। जिसमें ये 9 सवाल शामिल हैं।

1) आपने अपने कार्यकाल में कितने युवाओं को रोजगार दिया?

2) ओवरएज हुए युवाओं का गुनहगार कौन?

3) 2018 के बाद MPPSC की कोई भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इसका गुनहगार कौन?

4) मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी होने के बावजूद चयनित शिक्षकों को नियुक्तियां क्यों नहीं दी जा रही?

5) मध्य प्रदेश में बदहाल शिक्षा व्यवस्था का गुनहगार कौन?

6) सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पद क्यों नहीं भरे जा सके?

7) बेरोजगारी से पीड़ित युवा आत्महत्या करने पर मजबूर हैं, इसका जिम्मेदार कौन?

8) पेपर लीक का दोषी कौन?

9) मध्य प्रदेश में पलायन का गुनहगार कौन?

युवा नेताओं ने कहा कि “हल्ला बोल अभियान” आगामी विधानसभा चुनाव में इन 9 सवालों को लेकर पूरे प्रदेश में विमर्श खड़ा करेगा और बेरोजगारी को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगा।

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