मूसलाधार बारिश से हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात समेत देश के कई राज्यों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। राजस्थान के जालौर जिले में भारी बारिश के चलते पहाड़ी झरने के तेज बहाव में पांच लोग बह गए, जिसमें से एक महिला की मौत हो गई। त्रिपुरा में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान के दौरान दो लोगों की जान चली गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर मौजूद मंदिर जलमग्न हो गए। उत्तराखंड में पिंडारी ग्लेशियर मार्ग को भारी बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है जबकि अगले महीने से इस पर ट्रैकिंग शुरू होने वाली है। इस बीच, मौसम विभाग ने 26 अगस्त तक गुजरात से लेकर महाराष्ट्र और बंगाल से लेकर त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
27 अगस्त तक के लिए दक्षिण गुजरात में अलर्ट
मौसम विभाग ने 27 अगस्त की सुबह तक के लिए दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं मौसम विभाग के भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर मछुआरों को 27 अगस्त तक अरब सागर में न जाने की सलाह दी गई है। जबकि उत्तर गुजरात में शनिवार को कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और गांवों को जोड़ने वाली राज्य के राजमार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। अधिकारियों के अनुसार राज्य के 206 जलाशयों में से 66 में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
दक्षिण बंगाल के जिलों में 26 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने शनिवार को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में चक्रवाती परिसंचरण और जोरदार मानसून के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में 26 अगस्त तक बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी। आईएमडी की तरफ से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवाती परिसंचरण सोमवार तक क्षेत्र में कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। मौसम कार्यालय ने कहा कि दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा, हुगली, बीरभूम, पूर्व और पश्चिम बर्धमान जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने मछुआरों को 26 अगस्त तक राज्य के तट से सटे बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
राजस्थान में भारी बारिश
जयपुर से मिली खबर के मुताबिक, जालौर जिले के जसवंतपुरा इलाके में करीब 3 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। इससे पहाड़ी से बहने वाले झरने में पानी की रफ्तार तेज हो गई और सुंधा माता मंदिर का दर्शन करने आये पांच श्रद्धालु पानी के साथ बह गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेल्फ डिफेंस की टीम को शामिल किया गया। बचाव टीम ने तीन श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। एक महिला का शव बरामद हुआ, लेकिन लापता पांचवें श्रद्धालु का अब तक पता नहीं चला है और उसकी तलाश जारी है। राज्य के गंगापुर में भी नदी के तेज बहाव में 65 वर्षीय एक व्यक्ति बह गया और उसकी मौत हो गई।
त्रिपुरा में अब तक बाढ़ से 26 लोगों की जान गई
अगरतला में अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में बचाव अभियान के दौरान त्रिपुरा स्टेट राइफल के जवान आशीष बोस की नदी में बहने से मौत हो गई। वहीं, पश्चिम त्रिपुरा जिले के इंदिरा नगर में तीन लोगों को बचाने के दौरान जीप चालक चिरंजीत देब की डूबने से मौत हो गई। राज्य में अब तक बाढ़ से 26 लोगों की जान जा चुकी है और 1.28 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं।
एनडीआरएफ ने 125 लोगों को निकाला
त्रिपुरा में एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों से 125 लोगों को सुरक्षित निकाला है। राज्य में राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 11 टीमें लगाई गई हैं। भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 4,000 से अधिक खाने के पैकेट गिराए हैं। शनिवार को सोशल मीडिया पोस्ट में वायुसेना ने कहा कि एमआई-17 और एएलएच हेलिकॉप्टर राहत और बचाव कार्य में दिनरात लगे हुए हैं। हेलिकॉप्टरों ने रंगमती, जतनबारी, उदयपुर, पश्चिम मालबासा, शंकर पाली और आसपास के इलाकों में फंसे स्थानीय लोगों के लिए भोजन के पैकेट गिराए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 28 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचाई जा चुकी है।
पिंडारी ग्लेशियर रूट : 15 सितंबर से ट्रैकिंग
उत्तराखंड के बागेश्वर में 15 सितंबर से पिंडारी और कफनी ग्लेशियर की राह रोमांच के शौकीनों के लिए खुल जाएगी। लेकिन पिंडारी ग्लेशियर मार्ग पर भारी बारिश से हुए नुकसान को देखते हुए ट्रैकरों की राह आसान होती नहीं दिख रही है। खाती से सात किमी आगे रुनेठा के पास पैदल पुल की नींव खोखली हो चुकी है। पुल को खतरे की जद में है। द्वाली के समीप चट्टानी रास्ता भी ध्वस्त हो चुका है। इससे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ गई है। कारोबारियों का कहना है कि ट्रैकरों की एडवांस बुकिंग आने लगी है। पुल और रास्ते को देखते हुए फिलहाल उन्हें समय देने में दिक्कत हो रही है। विभाग को जल्द सुध लेनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में 27 को बदलेगा मौसम
जम्मू-कश्मीर में 27 और 28 अगस्त को मौसम फिर बदल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार इन दिन में कुछ हिस्सों में भारी बारिश की सूरत में बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा है। इस बीच मौसम साफ रहने से प्रदेश में तापमान में वृद्धि हुई है। कश्मीर के कई जिलों में दिन का पारा 31 डिग्री के ऊपर चल रहा है।
हिमाचल में कई जगह बरसे बादल
हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला, ऊना, धर्मशाला और सोलन में शनिवार दोपहर बाद बादल झमाझम बरसे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 27 और 28 अगस्त को अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। 29 अगस्त को फिर मौसम साफ रहने के साथ धूप खिलने के आसार हैं। शनिवार को प्रदेश में 73 सड़कें और 53 बिजली ट्रांसफार्मर ठप रहे। जिला शिमला में 35, मंडी में 20, कांगड़ा में 9, कुल्लू में 6, किन्नौर में दो और ऊना में एक सड़क बंद रही।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 65 मिमी तक बारिश
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही है। शनिवार को सुबह आठ बजे से पहले के 24 घंटे में 40 तहसीलों में 65 मिलीमीटर तक वर्षा दर्ज की गई। छत्रपति सभाजीनगर, जालना, बीड़, नांदेड़, परभणी और हिंगोली जिलों में पड़ने वाली इन तहसीलों में भारी बारिश हुई। नांदेड़ के लिंबगांव तहसील में सबसे अधिक 116.50 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।