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कैसे सामने आया देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के सेक्स स्कैंडल के सैकड़ों  वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल

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नई दिल्ली। हासन से लोकसभा सांसद, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और मौजूदा लोकसभा चुनाव में हासन क्षेत्र से प्रत्याशी प्रज्वल रेवन्ना के सैकड़ों  सेक्स वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल हो गए हैं और जबर्दस्त चर्चे में है। मोबाइल फोन से लिए गए ये वीडियो मौजूदा लोकसभा चुनाव का भी बड़ा मुद्दा बनने जा रहे हैं। वीडियो की इस कहानी मे ब्लैकमेलिंग, धोखा से लेकर षड्यंत्र सरीखी तमाम चीजें शामिल हैं।

तकनीकी तौर पर पुलिस और खासकर इसकी जांच के लिए बैठाई गयी एसआईटी टीम के लिए इसकी उत्पत्ति सबसे बड़ा पहलू बनी हुई है। खासकर वह फोन जिसके जरिये इसका वीडियो बनाया गया और उससे कॉपी की गयी।बताया जा राह है कि इस जांच में हासन के प्रज्वल के मित्र और शत्रु दोनों से पुलिस पूछताछ करेगी और फिर शायद उसके बाद ही वह किसी नतीजे पर पहुंच सके कि वीडियो सही हैं या गलत तरीके से बनाए गए हैं।

इसके पहले इसका जिक्र खुद प्रज्वल ने किया था जब उन्होंने 1 जून, 2023 को 86 मीडिया प्लेटफार्मों और तीन प्राइवेट लोगों के खिलाफ बंगलुरु की सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इस मुकदमे में मीडिया को इस आधार पर इन खबरों को नहीं चलाने का निर्देश देने के लिए आवेदन किया गया था कि “इस तरह की फेक न्यूज, मार्फ्ड फोटोग्राफ वीडियो को सर्कुलेट करना, प्रकाशित करना और ब्रॉडकास्ट करना प्रतिवादी के लिए खतरा है।”

89 प्रतिवादियों में शामिल तीन निजी लोगों में एक शख्स प्रज्वल का पूर्व ड्राइवर है। जिसने मई, 2023 में खुद को रेवन्ना परिवार की सेवाओं से अलग कर लिया था। उसने यह नौकरी 7 साल बाद काम करने के बाद छोड़ी।

इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं ड्राइवर जिसे परिवार का सदस्य माना जाता था और उसका प्रज्वल के फोन और इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज तक पहुंच थी, का सासंद के साथ 2023 में झगड़ा हो गया और फिर वीडियो पर उसने धमकी देनी शुरू कर दी थी।

दिसंबर, 2023 में ड्राइवर ने हासन में स्थित एक पुलिस स्टेशन में यह आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की कि 13 एकड़ जमीन न लौटाने के बाद प्रज्वल और उनकी मां ने उसका और उसकी पत्नी का अपहरण कर लिए थे।

दूसरी घटना में वीडियो का जिक्र जनवरी, 2024 में हासन में तब आता है जब वकील और एक स्थानीय बीजेपी नेता जी देवराज गौड़ा की कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रज्वल को डिस्क्लीफाई करने की अपील पर मुहर लग जाती है जिस पर बाद में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल जाता है।

देवराज ने 2023 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में होलेनरसिंहपुरा से चुनाव लड़ा था और वह प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना से हार गए थे।

जनवरी में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि रेवन्ना मुझे गंदा आदमी कह कर बुलाता है। यह उसका लड़का है जो गंदा आदमी है। उसकी अश्लील तस्वीरें केस का हिस्सा हैं जो कोर्ट में दर्ज हैं। उसने स्टे ले रखा है। मेरा कोई वीडियो महिलाओं के साथ सोते दिखा सकते हो। मैं हर दिन अपने परिवार में जाता हूं। 

देवराज ने बताया कि मैं उन वीडियो तक उस समय पहुंचा जब मैंने प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर का दिसंबर 2023 में रेवन्ना के खिलाफ डाले गए एक केस का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने बताया कि ड्राइवर का कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने के दौरान ही मुझे रेवन्ना के बेटे के वीडियो और अश्लील तस्वीरों के बारे में जानकारी मिली। मैं नहीं जानता उसने कैसे वीडियो हासिल की।

हालांकि ड्राइवर ने जनवरी में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में वीडियो के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया था।

देवराज ने यह भी दावा किया था कि वह कुछ पीड़ित महिलाओं को मीडिया के सामने लाने पर विचार कर रहे थे लेकिन बाद में पीछे हट गए क्योंकि इतने छोटे शहर में उनकी गरिमा और आत्म सम्मान को ठेस पहुंचने का खतरा था।

महिलाओं के सम्मान को देखते हुए मैंने वीडियो जारी नहीं किए। इससे उनके घरों में तबाही आ जाती। अगर कोई महिला आत्महत्या करती तो फिर उसके लिए कौन जिम्मेदार होता।

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बीजेपी चीफ बीआई विजयेंद्र को हासन लोकसभा सीट से बीजेपी-जेडीएस गठबंधन की तरफ से प्रज्वल को टिकट नहीं देने के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि एक दूसरी पेन ड्राइव एक दूसरा मुद्दा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के पास पहले से ही ये सभी वीडियो और दस्तावेज हैं।

देवराज कई मौकों पर इस बात का दावा कर चुके हैं कि वीडियो के जारी होने के बाद माइनस रेवन्ना परिवार जेडीएस और बीजेपी के विलय का रास्ता साफ हो जाएगा। देगा। परिवार के भीतर देवगौड़ा के बेटों एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवन्ना के बीच पहले से ही मतभेद हैं।

26 अप्रैल के लोकसभा मतदान से पहले हासन में सैकड़ों की संख्या में पेन ड्राइव के जरिये वीडियो बांटे गए। कहा जा रहा है कि इसमें कुल 2900 वीडियो हैं। जिन्हें कथित तौर पर सांसद ने खुद रिकॉर्ड किया है। वीडियो खुद ब खुद अपना सोशल मीडिया का रास्ता बना लिया। और तमाम ऐपों के जरिये लोगों तक पहुंच गया।

राज्य सरकार ने उस समय इस मामले का संज्ञान लिया जब राज्य की महिला आयोग की चेयरपर्सन नागलक्ष्मी चौधरी ने इस मसले पर राज्य के पुलिस के चीफ और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखा।

चेयरपर्सन ने लिखा कि हासन में महिलाओं की अश्लील तस्वीरों वाली पेन ड्राइव बांटी जा रही हैं। अब यह सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही है। यह बहुत परेशान करने वाली बात है। वीडियो में सैकड़ों महिलाएं हैं। महिला आयोग को भी एक पेन ड्राइव मिली है। और इसके साथ ही शिकायत भी मिली है।

शिकायत के आधार पर हमने राज्य के पुलिस चीफ और हासन के सुपरिंटेंडेट आफ पुलिस को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि ऐसा लगता है कि वीडियो दबाव डाल कर रिकार्ड किया गया है। शख्स जिसने वीडियो रिकार्ड किया है और बांटा है उसे कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए। हमने चीफ मिनिस्टर से एसआईटी गठित करने की मांग की है। जिससे आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्त में लिया जा सके। देश में यह बेहद अपमानजनक मामला है।

कर्नाटक सरकार ने 27 अप्रैल को वीडियो मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन का आर्डर दे दिया। इस बीच प्रज्वल देश छोड़कर बाहर जर्मनी भाग गया है। ऐसा उसने 26 अप्रैल को कर्नाटक में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद किया। 

सोमवार को उसके पिता ने कहा कि वह भागा नहीं है। वह पहले से निर्धारित एक टूर पर गया है। वह जांच का सामना करेगा। उसे नहीं पता था कि एक एफआईआर दर्ज होने वाली थी और सरकार द्वारा एसआईटी गठित की जाएगी।

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