Site icon अग्नि आलोक

लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द, कैसे वापस मिलेंगे ग्राहकों की जमा रकम?

RBI
Share

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को महाराष्ट्र में आधारित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके पीछे केंद्रीय बैंक ने पर्याप्त कैपिटल की कमी को वजह बताया है. लिक्विडेशन पर, हर जमाकर्ता को 5 लाख रुपये तक की डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम राशि मिल सकेगी. आरबीआई के मुताबिक, बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में अपने जमाकर्ताओं को भुगतान नहीं कर सकेगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि अगर बैंक को आगे काम करने दिया जाता है, जो इससे लोगों के हित पर बुरा असर पड़ेगा.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है, क्योंकि कर्जदाता के पास पर्याप्त कैपिटल मौजूद नहीं है. और बैंक के कमाई की उम्मीद और आगे कामकाज करना जमाकर्ताओं के हित में है.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि लिक्विडेशन पर, हर जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक की राशि की डिपॉजिट राशि मिलेगी. यह DICGC एक्ट, 1961 के तहत होगा.

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने एक साथ 8 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगा दिया है. इसमें एक बैंक विशाखापट्टनम को-ऑपरेटिव बैंक भी है जिस पर आरबीआई ने 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इन सभी बैंकों पर नियमों में ढिलाई बरतने और निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप है. रिजर्व बैंक समय-समय पर ऐसी कार्रवाई करता रहता है और बैंकों को बताए दिशा-निर्देश के बारे में आगाह करता है. दरअसल, रिजर्व बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन के तहत नियम बनाए हैं जिनका पालन हर हाल में करना जरूरी होता है. ऐसा नहीं होने पर रिजर्व बैंक कार्रवाई करता है.

कैसे वापस मिलेंगे ग्राहकों की पैसे

बैंक में ग्राहकों की जमा रकम अब बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के जरिए मिलेगी. रिजर्व बैंक के मुताबिक लिक्विडेशन के बाद हर जमाकर्ता को अपने जमा पर बीमा के तहत 5 लाख रुपये तक की सीमा तक क्लेम मिल सकेगा. हालांकि इसके लिए जमाकर्ताओं को पैसा वापस पाने के लिए आवेदन करना होगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक की आंकड़ों के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ता की जमा इस क्लेम दायरे के अंदर ही है. ऐसे में उन्हें अपनी पूरी रकम वापस मिल जाएगी.

Exit mobile version