इन्दौर । खड़ी कराई की अवैध वसूली के लिये बदनाम सियागंज में गुंडों का खौफ कैसे खत्म होगा….जब घायल या गवाह ही बदमाशों के खिलाफ गवाही देने आगे नहीं आएं। ढाई साल पहले ऐसे ही एक मामले में मुलजिम बने महेंद्र वर्मा व उसके दो भाई कोर्ट से बच निकले।
फरियादी विशाल वर्मा ने वर्ष 2019 में सेंट्रल कोतवाली थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि वह हम्माली का काम करता है। खड़ी कराई को लेकर उसका महेंद्र वर्मा व उसके भाईयों से विवाद चल रहा था। इसके चलते 22 अगस्त 2019 को जब वह अपने भाई सचिन वर्मा के साथ बाईक पर बैठकर सियागंज में हम्माली का काम करने जा रहा था तो जूनी इंदौर श्मशानघाट के सामने मोदी ट्रांसपोर्ट के यहां उन्हें महेंद्र पिता सुरेश वर्मा (38 साल), उसके भाई नरेंद्र वर्मा (30 साल) दोनों निवासी महेशजोशी नगर व एक अन्य शख्स ने रोका और अवैध वसूली के लिए धमकाते हुए उसके भाई सचिन के सिर व अन्य जगह पर लट्ठ से वार किए और हत्या की कोशिश की
इस मामले में सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 294 व 34 के तहत केस दर्ज किया था, मामले में महेंद्र वर्मा के छोटे भाई जितेंद्र उर्फ जीतू (27 साल) को भी मुलजिम बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक तीनों के खिलाफ मामला सेशन कोर्ट में चला तो फरियादी विशाल वर्मा ही पुलिस को दिए बयान से पलट गया। उसने होस्टाईल होते हुए कहा कि वह मुलजिमों को नहीं पहचानता है। घटनावाले दिन मुलजिमों ने उसे कोई गालियां नहीं दी और न उसे व उसके भाई को मारा। दरअसल किसी ने पीछे से सर पर हमला किया था इसलिये वह चेहरा नहीं देख पाया। इसी तरह हमले में घायल विशाल के भाई सचिन ने भी मुलजिमों को नहीं पहचाना और कहा कि उसे किसने मारा, याद नहीं। अन्य गवाह भी पुलिस को दिए बयानों से मुकर गए तो जज पंकज यादव ने तीनों मुलजिमों को बरी कर दिया।
खड़ी कराई के खिलाफ दिल्ली से आवाज, जिसका माल उसका हम्माल
माल लेकर आने वाले ट्रकों में से माल उतरवाना और उसके लिए किसी भी तरह का भुगतान करना अब व्यापारी की जिम्मेदारी होगी। देश के सभी ट्रांसपोर्टर इस फार्मूले को 15 जुलाई से लागू कर रहे हैं। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस दिल्ली से इस बारे में निर्देश जारी हुआ है। सभी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से कहा गया है कि वे इसे सख्ती से लागू करे। इंदौर की तरह कई अन्य शहरों में खड़ी कराई व अन्य नामों से चलने वाली अवैध वसूली को इसकी वजह माना जा रहा है।
आल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतारणसिंह अटवाल और चेयरमैन एसके मित्तल के हस्ताक्षर से आदेश देश के सभी एसोसिएशनों को भेजा गया है। कांग्रेस ने लिखा है कि ट्रकर्स और ट्रांसपोर्टर्स सिर्फ माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए जिम्मेदार है। देश के कई हिस्सों से घटनाएं सामने आ रही हैं कि लोडिंग व अनलोडिंग के शुल्क का बोझ ट्रांसपोर्टर पर डाला जा रहा है। इसके नाम पर मनमानी वसूली हो रही है। इससे ट्रांसपोर्ट का पूरा इकोसिस्टम बिगड़ रहा है। छोटे से मार्जिन के साथ काम करने वाले ट्रांसपोर्ट आपरेटरों के व्यापार की बैलेंसशीट इससे बिगड़ रही है और व्यापार करना मुश्किल हो रहा है।
ट्रांसपोर्टर को निर्देश दिया गया है कि अब जिस व्यापारी का माल होगा लोडिंंग व अनलोडिंग की जिम्मेदारी उसी की होगी और शुल्क का भुगतान उसे ही करना होगा। ट्रांसपोर्टर्स से कहा गया है कि इस व्यवस्था को 15 जुलाई से लागू कर दें। सभी व्यापारी एसोसिएशनों को भी इसकी सूचना दे दें। ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के इस निर्णय व पत्र के पीछे इंदौर जैसे कुछ शहरों में चल रही खड़ी कराई जैसी वसूली परंपरा को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल खड़ी कराई की वसूली करने वाले गुंडे इसका बोझ माल लेकर आने वाले ट्रक ड्राइवर पर डालते हैं।
बीते साल पालदा क्षेत्र में खड़ी कराई व्यवस्था लागू करवाने के पक्ष में भी वहां की हम्माल एसोसिएशन ने यह तर्क दिया था कि खड़ी कराई की वसूली वे ट्रक ड्राइवर से करते हैं तो फिर व्यापारियों को इसमें आपत्ति नहीं होना चाहिए। बीते सप्ताह सियागंज में खड़ी कराई के मामले में भी विरोध तब हुआ जब माल लाने वाली गाड़ी का मालिक खुद व्यापारी निकला। उसके ड्राइवर ने व्यापारी को वसूली के बारे में बताया और फिर व्यापारियों ने विरोध किया। अब ट्रांसपोर्टरों के भी देशव्यापी विरोध के बाद अवैध वसूली करने वालों के लिए मुश्किलें और बढ़ती दिख रही है।