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आरटीई को ठेंगा दिखा रहे हैं वाराणसी के सैकड़ों निजी स्कूल

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वाराणसी। एक ओर जहां शिक्षा के अधिकार के तहत शुल्क प्रतिपूर्ति का पैसा न आने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कई बड़े स्कूल आरटीई के तहत गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई स्कूल ऐसे भी हैं, जो किसी भी सूरत में गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देना चाहते हैं। आरटीई के तहत आवेदन करने के लिए जब पोर्टल खोला जाता है, तो इन स्कूलों का नाम ही उसमें नहीं दिखाई देता है। इसे निजी स्कूलों का रसूख कहें या फिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत कि वाराणसी के करीब सौ से ज्यादा निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार के दायरे से बाहर हैं। आज तक अधिकारी इन स्कूलों को इसके दायरे में ला ही नहीं पाए हैं। बीएसए अरविंद कुमार पाठक का कहना है कि कई स्कूलों की मैपिंग नहीं हो सकी है। जिससे वह आरटीई के दायरे में आने से बच रहे हैं।

पोर्टल पर नहीं दिख रहा है स्कूल

हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता का कहना है कि पब्लिक स्कूलों में अलाभित और दुर्बल वर्ग के कई पैरेंट्स ने बच्चों को एडमिशन दिलाना चाहा। उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की कई बार कोशिश की लेकिन कई स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर दिखाई ही नहीं दे रहा है। कई नामचीन स्कूल गायब हैं। यह सिर्फ कुछ स्कूल का मामला नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन करते समय शहर से लेकर देहात तक कई स्कूल पोर्टल पर दिख ही नहीं रहे हैं। वहीं, इस मामले में अभिभावकों का कहना है कि उनके क्षेत्र के आसपास ही कई स्कूल हैं लेकिन ये पोर्टल पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह लापरवाही है या फिर मिलीभगत लेकिन खामियाजा तो ग़रीबों के बच्चों को उठाना पड़ रहा है।

यू-डायस पोर्टल पर डिटेल

रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल बताते हैं कि केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से यू-डायस नाम से एक पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल पर जिले के सभी स्कूलों का ब्योरा रखा जाता है। इस पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार वाराणसी में स्कूलों की कुल संख्या के सापेक्ष में क़रीब सौ से अधिक स्कूलों की जानकारी आरटीई पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। यह मामला गंभीर है। इस पर बाल संरक्षण अधिकार आयोग को संज्ञान देकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वाराणसी से जवाब तलब किया जाएगा।

वहीं मैपिंग कराने के आदेश देने के बावजूद जिले के कई निजी कान्वेंट स्कूल सरकार के दिशा-निर्देश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। निजी स्कूल की ओर से आरटीई एक्ट को लेकर की जा रही अनियमितताओं के संदर्भ में कई सामाजिक संगठनोंऔर अभिभावकों के शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक ने मैपिंग से छूटे निजी स्कूलों के प्रबंधकों को 6 मार्च को पुनः पत्र जारी किया था। बीएसए ने निजी स्कूल प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि 13 मार्च यानी आज विभाग के पोर्टल पर मैपिंग अपलोड नहीं किए जाने पर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसे लेकर निजी स्कूलों में में हड़कंप की स्थिति है।

14 मार्च से शुरू होगा दूसरा चरण

दूसरे चरण में 14 मार्च से 6 अप्रैल तक आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। 7 से 17 अप्रैल तक आनलाइन आवेदन का सत्यापन कर उन्हें लाक करने, 19 अप्रैल को लाटरी निकालने और 28 अप्रैल तक निजी स्कूलों में प्रवेश देने की तारीख निर्धारित की गई है। तीसरे चरण में रिक्त सीटों पर 20 अप्रैल से 12 मई तक आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। 13 मई से 23 जून तक आवेदनों का सत्यापन कर पोर्टल पर लाक किया जाएगा। 25 जून को लाटरी निकाली जाएगी। 5 जुलाई तक दाखिला सुनिश्चित किया जाएगा। पहले चरण की लाटरी 14 मार्च को निकाली जाएगी।

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