इमारतों की छतों पर अवैध तरीके से शेड बनाकर चल रही है कोचिंग क्लास और खेल गतिविधियां
कई भवनों का नक्शा आवासीय , निर्माण व्यवसायिक
इंदौर। इंदौर नगर निगम के भ्रष्ट अफसरों की चांदी कूटनेआदत होने से शहर को अवैध इमारतों का जंगल बना दिया है। अधिकारी ही लोगों को अवैध काम के लिए प्रोत्साहित करते हैं और बड़ी मात्रा में अवैध धन कमा रहे हैं । जबकि नगर निगम को न केवल राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि शहर भी बेतरतीब रूप से विकसित हो रहा है । शहर में आवासीय नक्शा स्वीकृत कराकर उस पर व्यवसायिक निर्माण कर लिया जाता है टैक्स आवासीय का चुकाते हैं और कमाई करते हैं व्यवसायी इमारत से ।
हर कॉलोनी में हो रहा है आवासीय ईमारत का व्यवसायिक उपयोग
नगर निगम की अनदेखी, अफसरों की मनमानी और भ्रष्टाचार तथा अवैध कामों की ओर से आंखें मूंद लेने से शहर की बहुत सी बहुमंजिला इमारतों की छत पर अवैध रूप से निर्माण किए गए हैं ,वहीं आवासीय नक्शा स्वीकृत कराकर इमारत को व्यवसायिक रूप देने का काम भी किया गया है । ऐसी कोई कॉलोनी या मोहल्ला नहीं बचा जहा परआवाससिय जमीन पर व्यवसायिक काम किया जा रहा है ।
अवैध निर्माणों की ओर से आंखें मूंदे हुए हैं अफसर
देश के विभिन्न महानगरों में इस तरह का ट्रेंड चल रहा है जिसे इंदौर में भी अधिकारियों ने आंखें मूंदकर स्वीकृति दे दी है भवन कीव्यवसायिक उपयोग के कारण लाखों रुपए प्रतिमाह की कमाई करने के इस कामकाज के लिए कोई नियम कायदे नहीं है कई भवनों की छतों पर शेड डालकर छात्रों को क्लासेस ली जा रही है तो कहीं छतों पर रेस्टोरेंट जिमखाना और खेलकूद की गतिविधियां भी चल रही है ।
हालांकि कुछ समय पूर्व इंदौर नगर निगम के अधिकारी लता अग्रवाल ने अपने मातहतों की मौके पर प्राप्त क्षेत्रफल एवं उपयोग प्रयोजन के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे लेकिन मामला हवा हवाई होकर रह गया इन इमारतों की छतों पर से अभी तक व्यवसाई गतिविधियों के लिए बनाए गए निर्माण नहीं हटाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार कार्यवाही के निर्देश के बाद अधिकारियों ने सक्रियता जरूर दिखाई लेकिन सुविधा शुल्क के चलते मामला ठंडा पड़ गया गया ।भवरकुआ, विजय नगर, एबी रोड, गीता भवन चौराहा सहित सपना संगीता क्षेत्र में कई इमारतों पर व्यवसायिक उपयोग के निर्माण खड़े होकर निगम को ठेंगा दिखा रहे हैं ।इसमें लेनदेन की खबर सामने आ रही है ।
निगम के मुख्यालय प्रभारी ओपी गोयल ने सभी जोनल कार्यालयों को इस मामले में सूचित भी किया था लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इन भवन मालिकों को दिए गए नोटिस फाइलों में ओझल होकर रह गए हैं ।
गीता भवन चौराहा पर तुलसी टावर की छत पर भी खेलकूद गतिविधियां संचालित थी, लेकिन निर्माण अभी तक बरकरार है ।इसी तरह एबी रोड पर स्थित ओणम प्लाजा पर भी खेल गतिविधियों को अंजाम देकर व्यवसायिक उपयोग करने वाली सुविधा बनी हुई है । सभी जोनल कार्यालयों के सहायक राजस्व अधिकारियों को नगर निगम के अधिकारियों ने निर्देशित किया था कि जिन भी इमारतों में ऐसी गतिविधियां चल रही है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए । लेकिन जोनल कार्यालयों ने इन निर्देशों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया ।