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*राजनैतिक रसूख की छांव में चल रहा है शराब का अवैध कारोबार*  

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  *गांव- गांव खुलेआम हो रही है शराब की बिक्री*

मुरैना- लगभग तीन बर्ष पूर्व जिले के छैरा गांव में निर्मित जहरीली शराब की बिक्री से हुई दो दर्जन से अधिक मौतों के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अब कम से कम कुछ समय तक जिले में अवैध शराब के कारोबार को लगाम लग जायेगी। उम्मीद के विपरीत अंचल में अवैध शराब कारोबार राजनैतिक रसूख की छांव में तेजी से फल फूल रहा है।  पुलिस एवं आबकारी महेश में की लापरवाही के चलते इस कारोबार को जैसे पंख लग गये हैं। यह बात भी काफी हद तक सही है कि अवैध शराब कारोबार को प्रभावी राजनैतिक नेता एवं जनप्रतिनिधियों का खूला संरक्षण  होने के कारण पुलिस एवं आबकारी महकमा लाचार होकर सब कुछ देखने को मजबूर है।  हालांकि पुलिस इस अवैध कारोबार को लगाम लगाने के लिये प्रभावी कार्यवाही करने का प्रयास करती है लेकिन कारोबार से जुड़े राजनेता उन्हें मौन रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। इस कारण अंचल में शराब माफिया की गतिविधियों में कमी नहीं आ रही है। जानकार बताते हैं कि जिलेभर में अवैध शराब कारोबार सत्ता रुदल के प्रभावित राजनेता एवं जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में अच्छा में संचालित हो रहा है। जो राजनेता मंच पर खड़े होकर नशा और शराब की बुराइयों से आमजन एवं समाज को इससे दूर रहने का उपदेश देते हैं,वही राजनेता अपनी जेबें भरने के लिए अबे काम हो को अंजाम दें तो देश और समाज का भला आखिर कैसे हो सकता है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार शराब के अवैध कारोबार को संरक्षित करने में जौरा के एक जनप्रतिनिधि का नाम पुलिस शिवम प्रशासनिक हलको मैं चर्चित है। जो अपने संपर्क एवं क्षमताओं का उपयोग इस कारोबार को चलाने में करते  हैं।  

सत्ता रूड़ दल के राजनेता एवं जनप्रतिनिधियों पर शराब कारोबार में लिप्त होने के आरोपों की पुष्टि पिछले कुछ दिनों में विभिन्न थानों में अवैध शराब की पकड़-धकड़ की कार्यवाहियों से की जा सकती है। गत वर्ष 29 अप्रैल को चिन्नौनी थाना क्षे़त्र में चम्बल नदी में नाव द्वारा परिवहन कर लाई जा रही अवैध शराब पकड़ी गई थी। पुलिस द्वारा मौके पकड़े गए आरोपी ने पुलिस  पूछताछ मैं इस कारोबार से जुड़े कर पकड़े गये आरोपी द्वारा न केबल अवैध शराब सत्तारूड़ पार्टी के एक विधायक के भतीजे के यहां ले जाये जाने की बात स्वीकार की अपितु पुलिस द्वारा आरोपों की जांच के लिये शराब के साथ पकड़े गये आरोपी के मोबाईल की कॉल डिटेल में भी विधायक के कथित भतीजे की कई बार बातचीत होना पाया गया। जानकार बताते हैं कि पुख्ता सबूत होने के बावजूद राजनैतिक दबाव में पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। हालांकि विधायक महोदय अपने ऊपर लगे इन आरोपों को पूरी तरह नकार चुके हैं। इससे पूर्व जौरा थाने में लक्जरी कार सहित पकड़ी गई अवैध शराब की भी कुछ एसी ही कहानी बताई जाती है। पिछले दिनों सबलगढ़ थाना क्षेत्र में शराब ठेकेदार के कार्यालय से की जा रही अवैध शराब की बिक्री एवं इस मामले में भाजपा के कद्दावर नेता एवं भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष को आरोपी बनाये जाने से इसमें अब कोई संदेह नहीं कि जिले में अवैध शराब का कारोबार राजनैतिक संरक्षण में संचालित किया जा रहा है। हाल ही में कुछ माह पूर्व सांकरा गांव की कुछ महिलाओं से चर्चा करते हुए विधायक के बायरल वीडियो मैं तो इस कारोबार पर पड़े पर्दे को भी उजागर कर दिया। वायरल वीडियो में महिलाओं से  से चर्चा करते हुए जनप्रतिनिधि खुद स्वीकार कर रहे हैं कि शराब के ठेकेदार तो वहीं हैं फिर वे इस कारोबार को बंद कैसे करा सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि जनप्रतिनिधि के इस  बायरल वीडियो की चर्चा सत्ता के मुखिया तक भी पहुंच गई लेकिन कार्रवाई की नाम पर कुछ भी नहीं हुआ।

इसी प्रकार चिन्नौनी थाना पुलिस द्वारा 29 अप्रेल को भाजपा विधायक के कथित भतीजे के खिलाफ शराब की तस्करी का मामला दर्ज किया गया। इसके तत्काल बाद विधायक द्वारा कैलारस नगर के अपराधों की आड़ लेकर पुलिस अधीक्षक पर निशाना भी साधा गया। जानकार बताते हैं कि विधायक के नजदीकी भतीजे को अवैध शराब कारोबार में कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी बनाये जाने के विरोध में विधायक द्वारा इस प्रकार का कदम उठाया गया लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। स्टार वार का सच यही है कि राजनीतिक रसूख के चलते अब्बल तो पुलिस चाह कर भी गांव-गांव बिक रही अवैध शराब की रोकथाम के लिए कार्रवाई नहीं कर सकती। यदि भूले बिसरे कोई कार्यवाही पुलिस कर भी देती है तो वह अंजाम तक नहीं पहुंच पाती। 

*राजस्थान से लाकर मंहगी दरों पर बेची जाती है शराब*

सत्ता रूड़ दल के राजनेता एवं जनप्रतिनिधियों पर शराब कारोबार में लिप्त होने के आरोपों की पुष्टि पिछले कुछ दिनों में विभिन्न थानों में अवैध शराब की पकड़-धकड़ की कार्यवाहियों से की जा सकती है। चिन्नौनी थाना क्षे़त्र में चम्बल नदी में नाव द्वारा लाई जा रही अवैध शराब के साथ पकड़े गये आरोपी द्वारा न केबल अवैध शराब सत्तारूड़ पार्टी के एक विधायक के भतीजे के यहां ले जाये जाने की बात स्वीकार की अपितु पुलिस द्वारा आरोपों की जांच के लिये शराब के साथ पकड़े गये आरोपी के मोबाईल की कॉल डिटेल में भी विधायक के कथित भतीजे की कई बार बातचीत होना पाया गया। हालांकि विधायक महोदय अपने ऊपर लगे इन आरोपों को पूरी तरह नकार चुके हैं। इससे पूर्व जौरा थाने में लक्जरी कार सहित पकड़ी गई अवैध शराब की भी कुछ एसी ही कहानी बताई जाती है। पिछले दिनों सबलगढ़ थाना क्षेत्र में शराब ठेकेदार के कार्यालय से की जा रही अवैध शराब की बिक्री एवं इस मामले में भाजपा के कद्दावर नेता एवं भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष को आरोपी बनाये जाने से इसमें अब कोई संदेह नहीं कि जिले में अवैध शराब का कारोबार राजनैतिक संरक्षण में संचालित किया जा रहा है। 

*विधायक द्वारा पुलिस अधीक्षक पर निशाना ?*

चिन्नौनी थाना पुलिस द्वारा 29 अप्रेल को भाजपा विधायक के कथित भतीजे के खिलाफ शराब की तस्करी का मामला दर्ज होने के तत्काल बाद विधायक द्वारा कैलारस नगर के अपराधों की आड़ लेकर पुलिस अधीक्षक पर निशाना साधा गया। 

*क्राईम ब्रांच द्वारा वाहन सहित पकड़ी 35 पेटी अवैध शराब*

•इसी क्रम में कुछ दिन पूर्व ही 12 अक्टूबर 2023 को क्राईम ब्रांच की निशानदेही पर जौरा में बोलेरो वाहन सहित पकड़ी गई अवैध शराब एवं लगभग 1 माह पूर्व बागचीनी थाना पुलिस द्वारा जौरा के एक जनप्रतिनिधि के चालक के घर से भारी मात्रा में पकड़ी गई अवैध शराब की कार्रवाई भी जनप्रतिनिधि महोदय को कठघरे में खड़ा करती है।

•पूर्व विधायक ने लिखा पुलिस अधीक्षक को पत्र*

•आंचल में खुलेआम चल रहे अवैध शराब कारोबार को सख्ती से रोकने के लिए जोरा के पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्र ने पुलिस अधीक्षक मुरैना को पत्र लिखकर अब शराब की बिक्री रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित किए जाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में सक्षम कार्यवाही नहीं कर पाती है। क्षेत्र में आचार संहिता लागू होने से बाबजूद गांव गांव अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। क्षेत्र के नौजवान नशे के आदि होकर बर्बाद हो रहे हैं। पत्र में पूर्व विधायक में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि पर इस कारोबार में संकलित रहने एवं संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

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