,मुनेश त्यागी
आज जनवादी लेखक संघ मेरठ इकाई ने रामगोपाल भारतीय संरक्षक और मुनेश त्यागी जिला सचिव के नेतृत्व में, समाज में बढ़ रहे अंधविश्वास, धर्मांता, भीड़ हत्याओं और सत्संगी हादसों में लगातार हो रही अकाल मौतों के खिलाफ भारत की राष्ट्रपति महोदया को जिलाधीश मेरठ द्वारा विज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले काफी दिनों से समाचारों में आ रहा है कि पिछले कई वर्षों में सत्संगों में हुई भगदड़ों में दो हजार से ज्यादा लोगों की अकाल मौत हो चुकी हैं। ये हादसें भारतीय समाज, संविधान और राज्य सरकारों की छवि खराब कर रहे हैं।
इन सत्संगों के कारण समाज में अंधविश्वास और धर्मांता बढ़ती जा रही हैं और इस कारण ज्ञान विज्ञान की संस्कृति को भारी क्षति पहुंच रही है। संसद चुनावों के बाद देश में भीड़ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं जिनमें अनेकों निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी हैं और इससे सरकार की छवि और कानून के शासन को नुकसान पहुंच रहा है। इन तमाम घटनाओं पर तत्काल प्रभावी रोक लगाना, समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने और साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी हो गया है।
इन तमाम हादसों को रोकने के लिए ज्ञापन में मांग की गई है कि,,,
1. हादसों के जिम्मेदार लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए,
2. हादसों में अकाल मौत के शिकार और घायलों को बीस बीस लाख रुपए और पांच पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए,
3. इन हादसों में मौत के शिकार परिवारों के बच्चों को मुक्त शिक्षा और सरकारी नौकरी दी जाए,
4. इन हादसों के दोषियों को तुरंत कड़ी से कड़ी सजा दी जाए,
5. इन हादसों को रोकने के लिए सरकार समय से जरूरी कदम उठाए और दोषियों को समयबद्ध सीमा के अंदर कठोरतम सजा दिलवाई जाए,
6. सत्संग में जाने वाली जनता की बुनियादी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए,
7. अंधविश्वासों को एवं बढ़ती धर्मांधताओं को रोकने के लिए ज्ञान विज्ञान और वैज्ञानिक संस्कृति बढ़ाने वाले कार्यक्रमों का जनता में प्रचार प्रसार किया जाए और
8. परेशान जनता से उनकी समस्याओं को लेकर गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत की जाए और उनका समाधान किया जाए।
जिलाधीश मेरठ को ज्ञापन देने वालों में लेखक एवं कवि मंगलसिंह मंगल, धर्मपाल सिंह मित्रा, डोरी लाल भास्कर, मोहम्मद अली, जी पी सलोनिया, शिवांक त्यागी, रामगोपाल भारतीय संरक्षक और मुनेश त्यागी जिला सचिव ने भाग लिया।