Site icon अग्नि आलोक

राजस्थान में राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा

Share

संविदा कर्मी नियमित तो नहीं हुए, लेकिन वेतन भत्तों में 20 प्रतिशत की वृद्धि। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि बजट में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया तथा अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया। 
पशु पालकों को एक लीटर दूध पर 5 रुपए का अनुदान देने की घोषणा पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने सीएम गहलोत का आभार जताया।
 

एस पी मित्तल, अजमेर

23 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट विधानसभा में पढ़कर सुनाया। गहलोत ने कहा कि यह बजट कृषि बजट है। अपने बजट भाषण की शुरुआत गहलोत ने इस शेर के साथ की। न पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। न हारूंगा हौंसला उम्र भर। यह मैंने खुद से वादा किया है। सीएम गहलोत ने जब यह शेर सुनाया तब विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद थे। गहलोत ने मुस्कुराते हुए कहा कि ऐसे शेर सुनाने की सीख मैंने वसुंधरा राजे से ही ली है। सीएम गहलोत ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम को लेकर उन्हें बहुत सारे ज्ञापन मिले हैं। इसमें पुरानी स्कीम को ही लागू रखने की बात कही गई है। इसलिए मैं अब 1 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त हुए राज्य कर्मचारियों को पुरानी योजना के मुताबिक पेंशन देने की घोषणा करता हंू। इसके साथ ही नए पे ग्रेड की भी घोषणा कर रहा हंू। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में पेंशन की राशि बहुत उपयोगी होती है। नए पे ग्रेड के लागू होने से रोडवेज, पर्यटन निगम, विकास प्राधिकरण आदि सरकारी विभागों के कार्मिकों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही सीएम ने स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के भत्तों में भी 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। सीएम ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की तो कोई घोषणा नहीं की, लेकिन सभी संविदा कर्मियों के वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। सीएम ने एक महत्वपूर्ण घोषणा पर्यटन उद्योग को लेकर की। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं उद्योग क्षेत्र को मिल रही है, वे ही सुविधाएं अब पर्यटन क्षेत्र को भी मिलेगी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने से सरकार पर करीब 700 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने ग्रामीण टूरिज्म स्कीम लागू करने की घोषणा की। सीएम ने अपने बजट भाषण में दुग्ध उत्पादकों को के लिए एक लीटर दूध पर 5 रुपए अनुदान देने की घोषणा की। इस घोषणा का अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने स्वागत किया है। चौधरी ने बताया कि अभी तक दो रुपए का अनुदान मिल रहा था, जिसे 4 रुपए बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन सीएम गहलोत ने पशु पालकों के प्रति उदार रुख दिखाते हुए अनुदान की राशि 5 रुपए कर दी है यानी जो पशुपालक अपने पशुओं का दूध डेयरी के संकलन केन्द्रों पर जमा करवाएगा प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान मिलेगा। चौधरी ने कहा कि सीएम की यह घोषणा पशुपालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चौधरी ने बताया कि सीएम ने 2 हजार नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां बनाने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश भर में पांच हजार सरस डेयरी के नए बूथ खोले जाएंगे, इनमें से एक हजार महिलाओं को मिलेंगे। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत स्तर पर स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से गौशालाएं खोली जाएंगी, इन गौशालाओं को एक करोड़ रुपए तक की सहायता मिलेगी।

अखबार मालिकों को भी खुश किया:
सीएम गहलोत ने अपने बजट भाषण में प्रदेश के उन अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया है, जिन्होंने सरकार से रियायती दर पर भूमि ली है। अखबार मालिकों ने ऐसी भूमि प्रिंटिंग प्रेस लगाने और दफ्तर खोलने के लिए ली है। लेकिन अधिकांश अखबार मालिकों ने प्रेस की जमीन को विभिन्न कंपनियों को किराये पर दे रखा है। सरकार के पहले के प्रावधानों के अनुसार अखबार मालिक 40 प्रतिशत भूमि को अन्य कार्यों के लिए किराये पर दे सकते थे, लेकिन सीएम गहलोत ने 23 फरवरी को 60 प्रतिशत भूमि का उपयोग अन्य कार्य करने की छूट दे दी है। अधिकांश अखबार मालिकों ने 60 प्रतिशत से भी ज्यादा भूमि किराये पर दे रखी है। ऐसे में मुख्यमंत्री पर अखबार मालिकों का दबाव था कि 40 प्रतिशत की छूट को 80 प्रतिशत तक किया जाए। उल्लेखनीय है कि अधिकांश दैनिक समाचार पत्रों के मालिकों ने राजधानी जयपुर के अलावा संभाग और जिला मुख्यालयों पर रियायती दर पर भूमि आवंटित करवा रखी है। कई अखबार मालिकों ने तो प्रिंटिंग प्रेस तक नहीं लगाई है। यदि किसी ने प्रेस लगाई है तो वह तहखाने में चल रही है,जबकि भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल को बड़ी बड़ी कंपनियोंं को किराये दे रखा है। सीएम ने अपने बजट भाषण में गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी कोविड सहायता देने की घोषणा की है। कोरोना की दूसरी लहर में जिन पत्रकारों की मृत्यु हुई उनके परिजन को राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया। लेकिन यह सहायता उन्हीं पत्रकारों को मिल सकी जो राज्य के जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत थे। लेकिन अब सीएम ने गैर अधिस्वीकृत मृतक पत्रकारों के परिजन को भी 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की है।

बजट की महत्वपूर्ण घोषणा:
-मनरेगा में 100 दिन के बजाए 125 दिन रोजगार मिलेगा, 25 दिन का खर्च राज्य सरकार व्यय करेगी।
-100 यूनिट पर 50 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। 101 से 150 यूनिट पर 3 रुपए तथा 150 से 300 यूनिट बिजली खर्च पर 2 रुपए का अनुदान मिलेगा।

Exit mobile version