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जिस केस में विधायकी गई, उसी में आजम बरी:केस करने वाले भाजपा नेता उपचुनाव में रामपुर से ही विधायक बने

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हेट स्पीच केस में आजम खान को बड़ी राहत मिली है। बुधवार को रामपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने आजम को बरी कर दिया। आजम को इसी केस में MP/MLA कोर्ट की निचली अदालत से 3 साल की सजा हुई थी। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ, जिसमें आजम पर केस करने वाले भाजपा नेता विधायक चुने गए।

वकील जुबैर अहमद ने बताया कि आजम को MP/MLA कोर्ट ने बरी कर दिया है। निचली अदालत ने जिन साक्ष्यों के आधार पर सजा दी थी, उन्हें अमान्य करते हुए ऊपरी अदालत ने लगभग 7 महीने बाद आजम को बाइज्जत बरी कर दिया है।

2019 में आजम खान के खिलाफ भाजपा नेता ने दर्ज कराया था केस

यह फोटो 27 अक्टूबर 2022 की है। जब कोर्ट ने आजम को 3 साल की सजा सुनाई थी।

आजम को हेट स्पीच मामले में 27 अक्टूबर 2022 को सजा हुई थी। कोर्ट ने आजम पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला 2019 का है। तब देश में लोकसभा चुनाव हो रहे थे।

सपा नेता आजम खान उस वक्त एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए रामपुर के मिलक विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे। सभा स्थल पर काफी भीड़ थी। चुनावी सभा में कथित रूप से आजम खान ने आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। जिस पर विपक्षी दलों ने हंगामा किया था।

इसी दौरान भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मिलक कोतवाली में आजम खान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया था। पुलिस की जांच पड़ताल के बाद यह मामला रामपुर की MP-MLA कोर्ट में पहुंचा था।

केस करने वाले आकाश सक्सेना रामपुर शहर सीट से उपचुनाव में जीते
आजम खान की विधायकी जाने के बाद रामपुर शहर सीट पर 5 दिसंबर 2022 को उपचुनाव हुए थे। 7 दिसंबर को रिजल्ट घोषित हुआ, इसमें भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया।

इससे पहले भी आकाश सक्सेना रामपुर विधानसभा सीट से 2022 में आजम के खिलाफ चुनाव लड़े थे, हालांकि वो हार गए थे। आकाश अब तक 43 केसों में आजम के खिलाफ सीधे पक्षकार हैं।

विधायकी बहाल नहीं होगी
हाईकोर्ट के सीनियर वकील सीबी पांडेय का कहना है कि पूर्व मंत्री आजम खान की विधायकी पर कुछ नहीं हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर द्वारा विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद उनकी बहाली नहीं की जा सकती है। वैसे ही हेट स्पीच मामले में आजम खान की विधायकी बहाल नहीं हो सकती है। लेकिन आजम को अन्य किसी मुकदमे में 2 या 2 साल से ज्यादा सजा सुनाई गई होगी। तब उनकी सदस्यता और 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक नहीं हटेगी।

आजम को सड़क जाम करने के मामले में मिल चुकी है 2 साल की सजा
हेट स्पीच मामले के अलावा 13 फरवरी, 2023 को मुरादाबाद कोर्ट ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को 2 साज की सजा सुनाई थी। दरअसल, 29 जनवरी 2008 को आजम को मुरादाबाद पुलिस ने रोक लिया था। इस दौरान आजम गुस्सा होकर सड़क पर बैठ गए थे। उसके बाद आजम खान और उनके बेटे समेत समर्थकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सड़क जाम करने का मुकदमा दर्ज किया गया था।

27 महीने तक जेल में रहे थे आजम

आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और सपा नेता शिवपाल यादव भी मौजूद थे।

आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।

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