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पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पीड़िता ने की आई जी अजमेर से गुहार

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अजमेर, । टोंक जिले के देवली थाने में पुलिस हिरासत में नवम्बर माह (2020) में चोरी के आरोप में पारधी (DNT & NT) जाति की महिला सोयना पंवार (पति सिलिन्सा पंवार) एंव उनकी पुत्री व 2 पडोसी महिलाओ को हिरासत में लेकर 2 दिन हिंसा की गई | जिससे सोयना पंवार बुरी तरह घायल हो गई और कुछ दिन पश्चात् मौत हो गई | इसको लेकर मृतिका के पति सिलिंसा पंवार ने टोंक SP, पुलिस महानिरक्षक (IG) अजमेर व अतिरिक्त पुलिस महानिरक्षक अपराध को पत्र लिखा और गुहार लगाने के बावजूद जब कुछ नहीं हुआ तब आज, 18 जून को  मृतका की पुत्री व पति ने श्री सेंगथिर, पुलिस महानिरीक्षक, अजमेर के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार की। 
पीड़िता के साथ मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने पुलिस द्वारा इस प्रकरण में  की जा रही लीपा पोती को गलत बताते हुए प्रकरण की निष्पक्ष व त्वरित जांच की मांग की जिससे दोषी पुलिस के विरुद्ध में FIR दर्ज की जाये | 
पी यू सी एल की राज्य अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव तथा मध्यप्रदेश की पारधी समुदाय के बीच काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता शिवानी ने बताया कि 25 नवम्बर 2020 को देवली पुलिस ने नाबालिग पुत्री को फोन चोरी के आरोप में उठा लिया तथा उसकी मदद को आई उसकी मां को  सोयना को भी रात को अवैध रूप से हिरासत में रख लिया और साथ में पारदी समुदाय के डेरे की 2 अन्य महिलाओ को भी अवैध रूप से हिरासत में रख लिया।
 पुलिस द्वारा लगातार प्रताड़ना जैसे पिटाई करना, उल्टा लटकाना तथा बिजली का करंट  दिए जाने के कारण मृतक की हालत खराब हो जाने पर उसे देवली के सरकारी अस्पताल में 27 नवम्बर को भर्ती करवाया गया | जब उसका कोई इलाज नहीं हुआ तो उसे 29 नवम्बर को कोटा के महाराणा भीम सिंह सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया और बाद में न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी 7 दिसम्बर को मौत हो गई। 
दूसरी तरफ 27 नवम्बर की सुबह सोयना की नाबालिक पुत्री को टोंक के बाल अदालत में पेश कर उसे अजमेर के बाल गृह में भेज दिया गया और उसको माँ की मृत्यु के बाद जमानत मिली | देवली पुलिस  ने नाबालिग पुत्री पर चोरी का आरोप लगाया तथा समूचे मामले को बंद करने का प्रयास किया। 
मामला प्रकाश में आने तथा राजस्थान व मध्यप्रदेश के जन संगठन द्वारा दिसम्बर माह में  तथ्यान्वेषण किये जाने पर पुलिस हिरासत में मौत का मामला उजागर हुआ तथा सोयना के पति पति ने SP टोंक के नाम FIR दर्ज करवाने के पत्र को IG अजमेर व अतिरिक्त महानिदेशक अपराध को 11 जनवरी को पत्र लिखा |
 जब टोंक SP ने इसे बिना परिवार व प्रत्येक्ष दर्शियों से बात किये ही सोयना के साथ हुई हिरासत में हिंसा को  झूठा करार दिया तब आज अजमेर IG के सामने परिवार जन पेश हुए और उनके स्तर पर जाँच की गुहार की | पीयूसीएल खुश है की IG अजमेर ने तुरंत अपनी स्तर की जाँच शुरू की, धर्मवीर जानू – पुलिस उपधिक्षक ने पुत्री व पति का बयान लिया |  पुलिस महानिरीक्षक ने आश्वस्त किया कि पीड़ित पक्ष के साथ न्याय किया जाएगा और 10 दिन के भीतर जाँच पूर्ण की जायेगी |
वंचित वर्ग की पीड़िता सोयना की पुलिस हिरासत में अमानवीयहिंसा तथा मौत को निंदनीय बताते हुए पी यू सी एल द्वारा आज एक बैठक आयोजित की गई जिसमें मृतका की पुत्री ने अपना पक्ष रखा। बैठक में,कविता श्रीवास्तव, शिवानी,अनन्त भटनागर,डी एल त्रिपाठी,रमेश लालवानी,डॉ सुरेश अग्रवाल,सिस्टर गीता कैरोल,वर्षा शरण,सागर मीणा,सिस्टर एलवीना उपस्थित रहे। पी यू सी एल ने पीड़िता को मामले में हर स्तर पर सहयोग देने का निर्णय लिया है।
*कविता श्रीवास्तव (अध्यक्षा)*              *डॉ अनन्त भटनागर (महासचिव)*

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