बर्मिंघम: अतीत की नाकामियों को भुलाकर विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण की हैट्रिक लगाई जबकि रवि दहिया और नवीन ने भी पीले तमगे अपने नाम करके कुश्ती में भारत के लिये लगातार दूसरा दिन यादगार बना दिया । भारत की झोली में पूजा गेहलोत, पूजा सिहाग और दीपक नेहरा ने कांस्य पदक भी डाले । इसके साथ ही कुश्ती में भारत के पदकों की संख्या 12 रही जिसमें छह स्वर्ण शामिल है ।
दहिया ने पुरूषों के 57 किग्रा फाइनल में नाइजीरिया के एबिकेवेनिमो वेल्सन को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 10 . 0 से हराया । इससे पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के सूरज सिंह और पाकिस्तान के असद अली को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया था ।
वहीं तोक्यो ओलंपिक की नाकामी, अतीत के मानसिक और शारीरिक संघर्षों को पीछे छोड़कर विनेश ने महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में चंद सेकंड में ही श्रीलंका की चामोडिया केशानी मदुरावलागे डॉन को चित करके 4 . 0 से जीत दर्ज की ।
विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता कनाडा की सामंथा ली स्टीवर्ट के खिलाफ विनेश का पहला मुकाबला कठिन था लेकिन उसने महज 36 सेकंड में जीत दर्ज की थी ।
इसके बाद विनेश का सामना नाइजीरिया की मर्सी बोलाफुनोलुवा एडेकुरोये से हुआ जिसकी कठिन चुनौती का इस भारतीय पहलवान ने बखूबी सामना किया ।
महिलाओं के 53 किलोवर्ग में चार ही पहलवान थे । फॉर्म और फिटनेस के लिये जूझ रही विनेश तोक्यो ओलंपिक में पहले दौर से बाहर हो गई थी ।
भारत के लिये तीसरा स्वर्ण नवीन ने पुरूषों के 74 किलो वर्ग में पाकिस्तान के मुहम्मद शरीफ ताहिर को अंकों के आधार पर 9 . 0 से हराकर दिलाया । उन्होंने इससे पहले नाइजीरिया के ओग्बोना एमैन्युअल जॉन को तकनीकी श्रेष्ठता पर हराया । इसके बाद सिंगापुर के हांग यू लोउ और इंग्लैड के चार्ली जेम्स बोलिंग को मात दी ।
महिलाओं के 50 किलो वर्ग में पूजा गेहलोत ने स्कॉटलैंड की क्रिस्टेले एल को कांस्य पदक के मुकाबले में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 12 . 2 से हराया ।
पहले मैच में इसी प्रतिद्वंद्वी को हराने के बाद कैमरन की रेबेका एंडोलो मुआम्बो पर वाकओवर मिला था । सेमीफाइनल में हालांकि वह कनाडा की मेडिसन बियांका पार्क्स से हार गई थी ।
पुरूषों के 97 किलोवर्ग में दीपक नेहरा ने पाकिस्तान के तैयब रजा को अंकों के आधार पर 10 .2 से हराकर कांस्य पदक जीता । वहीं महिलाओं के 76 किलो वर्ग में पूजा सिहाग ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर आस्ट्रेलिया की नाओमी डि ब्रूइन को 11 . 0 से मात देकर कांस्य अपने नाम किया ।