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भारत ने इजरायल में अपने 32 हजार नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी है

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ईरान ने इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। इससे पहले अमेरिका ने अलर्ट जारी किया था। भारत ने इजरायल में अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल की रक्षा में सहायता का निर्देश दिया है। इजरायल में 32 हजार भारतीय रह रहे हैं।

नई दिल्ली : ईरान ने इजरायल के तेल अवीव पर मिसाइलों से हमला कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। इससे पहले ईरान के हमले को लेकर अमेरिका ने अलर्ट दिया था। इस अलर्ट के मद्देनजर भारत ने इजरायल में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की। इस ऐहतियाती एडवाइजरी में भारत ने वहाँ रह रहे भारतीयों को सुरक्षित जगह रहने का आग्रह किया है।

भारत ने कहा है कि इजरायल में भारतीय एम्बेसी वहां के अधिकारियों से लगातार संपर्क में है एयर हालत पर नजर रखी जा रही है। भारत ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इजरायल में 32 हजार भारतीय रह रहे हैं। खबर है कि ईरान के मिसाइल हमले से पहले सभी नागरिक बम शेल्टर्स में चले गए हैं।

इजरायल के समर्थन में अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी सेना को ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में सहायता करने और इजरायल को निशाना बनाने वाली मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया है। इससे पहले एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी के हवाले से बताया गया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल पर मिसाइल दागने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तेहरान किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।

अमेरिका ने किया था अलर्ट

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब लेबनान में तेहान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल लगातार हवाई कार्रवाई कर रहा है। हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान की जवाबी कार्रवाई की आशंका मंडरा रही है, जबकि अमेरिका ने इजरायल को आगाह किया था कि खामेनेई शासन उस पर हमला कर सकता है।

पीएम मोदी ने की थी नेतन्याहू से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दुन‍िया में आतंकवाद व युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है। वहीं, सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने ईरान के शासक की आलोचना करते हुए कहा था कि ईरान का शासन आपको दबा रहा है। ऐसा करके इस पूरे क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेलने की कोशिश की जा रही है। ईरान के शासक का प्राथमिक उद्देश्य जनता का कल्याण नहीं, बल्कि लेबनान और गाजा में युद्ध में पैसा बर्बाद करना है।

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