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दुबई में निवेश करने में भारतीय कंपनियां शीर्ष पर

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भारतीय कंपनियों ने जनवरी से जून के दौरान दुबई में 33.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इसके साथ ही, भारतीय कंपनियां इस साल के पहले छह महीने में दुबई में निवेश करने के मामले में सबसे आगे निकल गई हैं। इससे पहले 2022 में कुल निवेश 54.1 करोड़ डॉलर था। रियल एस्टेट सलाहकार वेस्टियन ने यह जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक, दुबई में भारत की ओर से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2020 से इस साल जनवरी-जून के बीच 1.6 अरब डॉलर का रहा है। भारत ने दुबई में कुल 123 परियोजनाओं में निवेश के साथ कनाडा और लातविया को पीछे छोड़ दिया है। रणनीतिक स्थान व कर के लिहाज से महत्वपूर्ण दुबई में भारतीय निवेशकों को प्रोत्साहन मिलता है।

अदाणी ग्रीन एनर्जी में होगा 9,350 करोड़ निवेश
अदाणी ग्रीन एनर्जी में अदाणी परिवार 9,350 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसके एवज में प्रमोटरों को प्रफरेंशियल वारंट जारी किया जाएगा। इसका मूल्य 1,480.75 रुपये प्रति शेयर होगा। समूह का लक्ष्य 2030 तक 45 गीगावॉट की हरित ऊर्जा हासिल करने का है। शेयर बाजारों को दी सूचना में कंपनी ने कहा, उसने पहले ही 19.8 गीगावॉट के लिए ऊर्जा खरीदी करार किया है।  

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नए साल में बढ़ेगा 83 फीसदी निवेश
नवीकरणीय ऊर्जा में अगले साल 16.5 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद है। एक साल पहले की तुलना में यह 83 फीसदी ज्यादा होगा। बिजली मंत्रालय के अनुसार, देश कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ऊर्जा परिवर्तन पर ध्यान दे रहा है, जिससे निवेश में तेजी आएगी। मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य है। भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य रखा है। देश में 2024 में 1,37,500 करोड़ के निवेश के साथ 25 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ने की संभावना है। 2023 में 13.5 गीगावॉट क्षमता पर 74,250 करोड़ निवेश हुआ था।

सेबी ने पांच लोगों पर लगाया चार करोड़ का जुर्माना
बाजार नियामक सेबी ने फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग के पांच पूर्व अधिकारियों पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। शेयर बाजार में कारोबार करने पर दो साल का प्रतिबंध भी लगा दिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा, अख्तर अजीज, शाम सुंदर धवन, बिंदू डोगरा, रितु शर्मा सहित अन्य ने कंपनी के खाताबही में गडबड़ी की थी। 2012 से 2020 तक इनकी जांच की गई और इन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस के जवाब से असंतुष्ट सेबी ने इन पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। 

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