इंदौर
शहर के सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बुधवार को भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिले। उन्होेंने मंत्री को कहा 2050 तक इंदौर मेगा सिटी बन जाएगा, इसलिए उसकी जरूरतों के हिसाब से प्लान बनाया जाए। सदस्यों ने मंत्री को कई सुझाव दिए। इस पर उन्होंने कहा कि इंदौर के लोगों की पहल अदभुत है। अपने शहर के प्रति ऐसी जीवटता देश में कहीं नहीं दिखती।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इंदौर का मास्टर प्लान देश में सबसे बेहतर होगा। मैं खुद इंदौर आऊंगा। अधिकारियों के साथ आपको भी बुलाऊंगा। जब तक आपकी भावनाओं के अनुरूप प्लान नहीं बनेगा, उसे मंजूर नहीं करूंगा। प्रतिनिधिमंडल में इंदौर उत्थान समिति और मालवा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्यों के साथ जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य प्रबुद्धजन मौजूद थे।
इंदौर उत्थान समिति व मालवा चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य व अन्य प्रबुद्धजन मंत्री सिलावट के साथ पहुंचे भोपाल
मंत्री सिलावट ने कहा कि मास्टर प्लान को सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी और शैक्षणिक दृष्टि को सम्मिलित कर बनाया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में सुरेश हरियानी, पद्मश्री भालू माेंढे, ओपी नरेड़ा, गौतम कोठारी, अशोक कोठारी, कृष्ण कुमार अष्ठाना, गोविंद मालू, प्रो. रमेश मंगल, प्रमोद डफरिया, अजय नरूका, सुनील माकोड़े, मोहम्मद पीठावाला, विष्णु गोयल, अशोक जायसवाल शामिल थे।
अभी तक ये हो चुका है
टीएंडसीपी के साथ एसो. ऑफ इंडस्ट्री, मालवा चैंबर ऑफ कामर्स, होटल एसोसिएशन, लोहा व्यापारी, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, अनाज व्यापारी, पीथमपुर औद्योगिक संगठन, सांवेर, पोलोग्राउंड, पालदा के उद्योगपतियों की बैठक हो चुकी है। प्लान के लिए इन वर्गों से सुझाव लिए जा चुके हैं। इन्हें प्लान में शामिल भी किया गया है।
व्यवस्थित विकास के लिए ये सुझाव दिए : देश के साथ विदेश से भी विशेषज्ञ प्लानर बुलाए जाएं
- प्लानिंग के लिए देश व विदेश के प्लानर को बुलाया जाना चाहिए। जो नए गांव प्लानिंग एरिया में जुड़ रहे उनका बेहतर उपयोग किया जा सके। नया इंदौर वहां आकार ले सके। जैसे 1912 में जल-मल निकासी के लिए एचबी लंकास्टर को बुलाया गया था।
- 1938 में तुकोजीराव होल्कर ने मास्टर प्लान बनाने सलाहकार के रूप में मुंबई के आरवी स्टेम्पर को भी बुलाया था।
- मास्टर प्लान की परिकल्पना मिनी मेगा सिटी को ध्यान में रखकर की जाना चाहिए। 2050 तक शहर मेगासिटी का आकार ले चुका होगा। उस वक्त की जरूरतों को आज के प्लान में ध्यान रखना जरूरी होगा।
- अब ऐसे प्लान की जरूरत है जिसे आकार देने के लिए भारी तोड़-फोड़ करने की जरूरत नहीं हो। इसके लिए अर्बन प्लानर, ट्रांसपोर्ट प्लानर, रीजनल प्लानर की सशुल्क सेवाएं लेनी चाहिए।
- इनके साथ ही ईकोलाॅजिस्ट, हाईड्रोलॉजिस्ट, जियोलॉजिस्ट, सोशल साइंस एक्सपर्ट की सेवा भी लेनी चाहिए।
- जमीनों का लैंडयूज इस तरह निर्धारित किया जाए कि कोई जमीन स्वामी मालामाल तो कोई कंगाल ना हो जाए।
- आमोद प्रमोद, मनोरंजन के केंद्र शहर के हर हिस्से में स्थापित होना चाहिए ताकि शहर का सामाजिक माहौल बेहतर हो।
- मास्टर प्लान जारी होने के साथ ही जोनल और सेक्टर प्लान को बनाया जाना चाहिए।
(ये सुझाव इंदौर उत्थान समिति के संयोजक अजीतसिंह नारंग ने मंत्री के सामने रखे)