Site icon अग्नि आलोक

हर खास मौके पर बच्चों से पौधे लगवाते हैं इंदौर के पर्यावरण प्रेमी राजेश मकवाने

Share

इंदौर। शहर में ऐसे पर्यावरण प्रेमीभी हैं, जो कई साल से हर खास मौके पर बच्चों से पौधे लगवाते हैं और उनसे उसकी देखभाल ( का वादा भी लेते हैं। 1988 से अब तक 17 हजार से ज्यादा पौधे लगा और बांट चुके हैं। आज सुबह भी अपने जन्मदिन के मौके पर 400 पौधों का वितरण करवाया।

शहर के इन पर्यावरण प्रेमी का नाम है राजेश मकवाने, जो इंदौर विकास प्राधिकरण के बगीचे की देखभाल करते हैं। 1987 में मेघदूत गार्डन का काम देखना शुरू करने के बाद 1988 से उन्हें पेड़-पौधों से विशेष लगाव शुरू हो गया। तब से चल पड़ा सिलसिला, जो आज तक जारी है। अब तक 17 हजार 700 पौधे बांट और लगा चुके है। यूं तो बिना किसी विशेष मौके पर वे लोगों को लगाने के लिए पौधे देते हैं, लेकिन अगर उनके किसी जानने वाले का जन्मदिन है, तो वे उसे खासतौर पर अलग-अलग किस्म के पौधे देते हैं। आज सुबह ही मकवाने ने अपने जन्मदिन के मौके पर अलग-अलग किस्म के 400 पौधों का वितरण वे विधायक महेंद्र हार्डिया के हाथों करवाया है। इसमें अंगूर, सिंदूर, पीपरमेंट, तुलसी, टिकोमा, राम-श्याम तुलसी, मोगरा के अलावा कई फलदार और छायादार पौधे भी शामिल हैं।

बच्चों को करते हैं शामिल
मकवाने सबसे ज्यादा पौधे बच्चों को देते हंै और उनसे वादा लेते हैं कि वे उसकी देखभाल कर उसका फोटो उन्हें भेजेंगे। कहते हैं कि बच्चे इस मामले में ज्यादा केयरिंग होते हैं। वे पौधे लगाने के बाद अपने साथ उसे बढ़ता देखकर बेहद खुश भी होते है, इसलिए अधिकतर मामलों में वे बच्चों के हाथों ही पौधे लगवाते हैं। मकवाने खुद भी शहर के कई प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर पौधे रोप उसे बढ़ता हुए देख रहे हैं।

खुद ही खरीदते हैं नर्सरी से
बांटने के लिए मकवाने खुद ही नर्सरी से पौधे खरीदते हैं। इसमें छायादार से लेकर फलदार और आयुर्वेदिक लाभ देने वाले पौधे भी शामिल होते हैं। कहते हैं कि किसी भी मोहल्ले में एक जैसे ढेरों पौधे नहीं लगाता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि फूलों वाले पौधे भी उनमें शामिल हों, ताकि चिडिय़ा, तितली, मधुमक्खी, भंवरे आकर बैठें। इससे पौधों को भी फायदा होता है। मकवाने दूसरे शहर में रहने वाले अपने परिचितों के जन्मदिन पर बस से भी पौधे भेजते हैं।

Exit mobile version