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पानी टैंकर घोटाले पर जांच कमेटी बनाई

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इंदौर। नगर निगम में फर्जी बिल महाघोटाले की जांच तो चल ही रही है। वहीं इसी बीच पानी के टैंकरों में हुए घोटाले का भी हल्ला मच गया है। इस संबंध में निगम को लिखित शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें 100 से अधिक फर्जी टैंकर कागजों पर ही पानी बांट रहे हैं। ऐसे आरोप लगाए गए हैं। निगम ने अभी एक दिन पहले भी निजी लॉण्ड्री में पानी देते टैंकर को पकड़ा, तो निगम के ही एक जनप्रतिनिधि ने कार्रवाई न करने का दबाव अधिकारियों पर बनाया। वहीं एक जांच समिति भी गठित की गई है, जिसको तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देना है। इस समिति में तीन इंजीनियरों को शामिल किया गया है। निगम हर साल करोड़ों रुपए किराए के टैंडरों पर खर्च करता आया है।

हर साल गर्मियों के दिनों में नगर निगम द्वारा सैंकड़ों टैंकर किराए पर लिए जाते हैं, जो कि वार्डवार पार्षदों के हवाले रहते हैं। फिर ये पार्षद ही रहवासियों से लेकर अन्य जगह टैंकर भिजवाते हैं। अभी निगम में 150 करोड़ रुपए का फर्जी बिल महाघोटाला उजागर हुआ, जिसके मास्टरमाइंड अभय राठौर सहित अन्य कर्मचारी और ठेकेदार फिलहाल जेल में हैं। सालों तक अभय राठौर ने ही पानी के टैंकर भी चलवाए और पिछले दिनों ही उसके घर और रिश्तेदारों के यहां निगम ने कार्रवाई की और अवैध टैंकरों के साथ-साथ पानी चोरी का मामला भी बनाया। पिछले दिनों निगमायुक्त और महापौर को लिखित शिकायतें फर्जी पानी के टैंकरों के संबंध में मिली। एडव्होकेट अभिजीत पांडे ने ये शिकायत सौंपी है, जिसमें उनके द्वारा ऐसे कई फर्जी चल रहे टैंकरों की जानकारी भी दी गई है और उन टैंकरों के नम्बर भी दिए हैं।

अब इस आधार पर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देश पर एक जांच कमेटी का गठन भी किया गया है। अपर आयुक्त जल प्रदाय अभिलाष मिश्रा ने फर्जी टैंकरों की इस शिकायत के आधार पर सहायक यंत्री पंकज दहायत, उपयंत्री झोन क्र. 11 हिमांशु तम्रकार और उपयंत्री झोन क्र. 9 लालाराम मेहरा की कमेटी गठित की, जिसे 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देना है। वहीं वार्ड 44 के टैंकर चालक विपिन कुमायु और अनिल द्वारा उपयंत्री राहुल शर्मा से मिलीभगत के बिना टैंकर चलाए अवैध रूप से डिजल पर्ची लेने और अहिल्या गार्डन एलआईजी स्थित हाईड्रेंट से निगम के टैंकरों का संचालन करने और पूर्व पार्षद रुपेश देवलिया के घर से सरकारी बोरिंग के जरिए निगम के टैंकरों के संचालन के संबंध में जो शिकायत प्राप्त हुई उसके लिए भी दो इंजीनियरों की कमेटी गठित की गई, जिसमें सहायक यंत्री राहुल सूर्यवंशी और उपयंत्री प्रिंस कुमार को शामिल किया गया है।

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