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एप्पल हॉस्पिटल परिसर में बनी मेडिकल शॉप संचालकों पर कार्यवाही, मरीजों को देने के बजाय रखे थे 28 रेमडेसिविर इंजेक्शन

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इंदौर

शहर के भवर कुआं थाना क्षेत्र में बने एप्पल हॉस्पिटल परिसर में मेडिकल संचालक द्वारा 28 रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टॉप रखने पर FIR दर्ज की गई है। जिला प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी और अस्पताल प्रबंधन को 11 अप्रैल को यह वैक्सीन इंजेक्शन भेजे गए थे। लेकिन शुक्रवार दोपहर जिला प्रशासन के छापे में इंजेक्शन मेडिकल में ही मिले। जिसमें सीधे तौर पर साबित हुआ कि मेडिकल संचालक मुनाफाखोरी के लालच में इन इंजेक्शन को मरीजों को नहीं दिया है। जिला प्रशासन द्वारा गति फार्मेसी मेडिकल संचालक गिरीश गर्ग और भारत चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

कलेक्टर मनीष सिंह ने शुक्रवार को जिले के समस्त निजी अस्पतालों के संचालक, निर्देशक को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए है। रेमडेसिविर इंजेक्शन गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को तत्काल लगाया जाए, इसमें किसी भी तरह का विलंब नहीं किया जाए। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन निर्धारित दरों पर ही दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों के संचालक यह सुनिश्चित करें कि अस्पताल में पदस्थ अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन अनुचित शुल्क पर ना विक्रय किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करते पाए जाने पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर सिंह ने कहा की समस्त निजी चिकित्सालय प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई दरों एवं प्रोटोकॉल के आधार पर ही कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करेंगे। उन्होंने कहा की इस बात का स्पष्ट रूप से ध्यान दिया जाए कि मरीजों से मनमाने पैसे ना वसूले जाए। उदाहरण के तौर पर यदि किसी अस्पताल में सामान्य स्थिति में वे मरीज को बेड रिज़र्व करने का एक हजार रुपए शुल्क लेते थे तो वर्तमान स्थिति में यह शुल्क एक हजार 400 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति में वे मरीजों से उपचार हेतु उचित शुल्क ही लें। यह व्यवसाय का नहीं बल्कि मानव जाति की सहायता करने का समय है।

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