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पुष्कर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव का स्वागत किया जाना चाहिए

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एस पी मित्तल,अजमेर

अजमेर जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पुष्कर तीर्थ में होली पर्व के पारंपरिक आयोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यानी पुष्कर के लोग शहरी क्षेत्र में होली के उत्सव कर सकेंगे। प्रशासन के इस निर्णय से वो विरोध भी शांत हो गया है जो कथित पाबंदी पर हो रहा था। पुष्कर अंतर्राष्ट्रीय होली महोत्सव राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल पर हो रहा है। चूंकि राठौड़ पुष्कर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए भाजपा से कांग्रेस के नेता विरोध करवाने में सक्रिय रहे। किन लोगों ने विरोध करवाया, इसकी जानकारी भी राठौड़ को है। राठौड़ को टिकट मिलता है या नहीं और चुनाव जीतेंगे या नहीं यह अभी गर्भ में है। लेकिन यदि भारत की सनातन संस्कृति के प्रतीक होली पर्व पर कोई अंतर्राष्ट्रीय आयोजन हो रहा है, इसका सभी को स्वागत किया जाना चाहिए। पुष्कर वासियों के लिए यह अच्छी बात है कि विभिन्न आयोजनों में एक और आयोजन जुड़ गया है। पुष्कर में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। ऐसे में पुष्कर का अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। इस अंतर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए ही पर्यटन विभाग चार से सात मार्च के बीच भव्य आयोजन करवा रहा है, इसमें देश के ख्याति प्राप्त भजन गायक, विभिन्न क्षेत्रों के कलाकार आदि भाग लेंगे। चूंकि बड़ा आयोजन है,इसलिए मेला मैदान में तैयारियां की जा रही है। इस आयोजन का पुष्कर वासियों को स्वागत करना चाहिए। यदि यह आयोजन सफल होता है तो अगले वर्ष होली पर देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, जिसका फायदा पुष्कर के कारोबारियों को ही होगा। यह अच्छी बात है कि अजमेर के भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी और पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत ने भी होली महोत्सव का स्वागत किया है। दोनों भाजपा जनप्रतिनिधियों ने एक सकारात्मक पहल की है। पुष्कर नगर पालिका पर भी भाजपा का कब्जा है। पालिकाध्यक्ष कमल पाठक भी होली महोत्सव को सफल बनाने में जुटे हैं। धर्मेन्द्र राठौड़ भले ही पअनी पार्टी के कुछ नेताओं को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हों, लेकिन भाजपा के जनप्रतिनिधियों से सकारात्मक बयान दिलवा कर राठौड़ ने अपनी राजनीतिक कुशलता दिखाई है। भले ही होली महोत्सव करवाने का मकसद राजनीतिक हो, लेकिन पुष्कर वासियों खास कर तीर्थ पुरोहितों को इस बात से खुश होना चाहिए कि यह महोत्सव हमारी सनातन संस्कृति के होली पर्व से जुड़ा है। धर्मेन्द्र राठौड़ जैसा कांग्रेसी यदि सनातन संस्कृति के त्यौहार पर आयोजन कर रहा है उसका स्वागत किया जाना चाहिए। 

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