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अफीम की खेती कर तस्करों को बेचा जा रहा नशा

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इंदौर. युवाओं को नशे से बचाने के लिए नारकोटिक्स पुलिस इंदौर से लेकर मंदसौर तक नशाखोरों पर नजर रख रही है। नारकोटिक्स विभाग का मानना है कि जंगल वाले इलाकों व खेतों में अफीम की खेती कर तस्करों को बेचा जा रहा है। अफीम के साथ ही गांजा और डोडा चूरा की भी तस्करी हो रही है। हाई-वे के भारी वाहन चालकों को नशे का आदि बनाकर उनके जरिए लगातार सप्लाई कर लोगों तक नशा पहुंचाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, मंदसौर व नीमच में अफीम की तस्करी होती है, फिर हाई-वे पर भारी वाहनों में छिपाकर इन्हें इंदौर व आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है, हाई-वे पर भारी वाहन चालकों को डोडा चूरा व अफीम के नशे का आदि बनाकर उनकेे जरिए ही तस्करी की जा रही है। हर शहर में अपने एजेंट बनाए जाते हैं, जिनके जरिए नशा बेचा जा रहा है। युवा वर्ग ज्यादा निशाने पर हैं। नारकोटिक्स अफसरों के मुताबिक, इंदौर शहर में आजाद नगर, खजराना, भीम नगर व बुद्ध नगर में कई गांंजा, अफीम, डोडा चूरा का नशा बेचने वाले सक्रिय हैं। कुछ को पकड़ा है और अन्य की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

मुंबई से आ रही एमडी, गांजा- अफीम मंदसौर से
नारकोटिक्स अफसरों का मानना है, शहर व आसपास के इलाकों में गांजा, अफीम व डोडा चूरा मंंदसौर से आ रहा है और यहां एजेंटों के जरिए सप्लाई किया जा रहा है। एमडी ड्रग्स मुंबई से लाकर पब-बारों में रईस परिवारों के युवाओं को बेचा जाता है। नारकोटिक्स टीम इस साल अक्टूबर तक 41 केस पकड़ चुकी है, जिसमें 51 आरोपी बनाए गए हैं।

202 कार्यक्रमों के जरिए युवाओंं को किया सचेत
नारकोटिक्स एडिशनल एसपी हेमलता अग्रवाल के नेतृत्व में टीम नशा बेचने वालों की धरपकड़ के साथ ही युवाओंं को जागरूक कर रही है। एसआइ अजय शर्मा के मुताबिक, इस साल अभी तक स्कूल, कॉलेज व अन्य स्थानों पर 202 जागरुकता कार्यक्रम के जरिए हजारों युवाओं को जागरूक कर चुके हैं। नारकोटिक्स की टीम नशा से दूर करने की सीख देने के लिए प्रदेश भर में वालंटियर भी बना रही है। कई डॉक्टर भी इससे जुड़े हैं।

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