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 क्या भारी-भरकम कर्ज है गौतम अडानी के लिए चिंता की बात?

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नई दिल्ली : अरबपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने कहा है कि उसकी साल 2028 तक अपने और बिजनसेज को अलग करने की योजना है। इसके साथ ही ग्रुप ने कर्ज संबंधी चिंताओं को खारिज किया है। अडानी ग्रुप अपने मेटल, माइनिंग, डेटा सेंटर्स, एयरपोर्ट्स, रोड्स एंड लॉजिस्टिक्स बिजनसेज को डीमर्ज करने का प्लान कर रहा है। चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जुगशिंदर सिंह ने यह बात कही है। सिंह ने शनिवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘इन बिजनसेज के लिए मानदंड साल 2025-28 तक एक बेसिक इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल और अनुभवी प्रबंधन हासिल करना है। उसके बाद उन्हें डीमर्ज किया जाएगा।’

एयरपोर्ट बिजनस पर बड़ा दांव

सिंह ने कहा, ‘कंपनी अपने एयरपोर्ट बिजनस पर बड़ा दांव लगा रही है। इसका लक्ष्य आने वाले वर्षों में सरकारी सेवाओं के अलावा देश में सबसे बड़ा सर्विस बेस बनना है।’ अडानी समूह ने बीते वर्षों में अपनी बिजली, कोयला, ट्रांसमिशन और ग्रीन एनर्जी बिजनस को अलग किया है। फोर्ब्स के अनुसार अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने कारोबार को बंदरगाह से एनर्जी तक फैलाया है। इस समय वे एक मीडिया कंपनी के भी मालिक हैं।

अडानी एंटरप्राइजेज का आ रहा ओएफएस

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) फॉलो ऑन ऑफर (OFS) के जरिए 2.5 अरब डॉलर जुटाने जा रही है। अडानी एंटप्राइजेज के शेयर में बीते कुछ सालों में भारी इजाफा हुआ है। इस कंपनी का शेयर साल 2022 में करीब 130 फीसद बढ़ा है। लेकिन इस साल इसमें अब तक 7 फीसदी की गिरावट आई है। अडानी ग्रुप की दूसरी कंपनियों के शेयर भी बीते साल करीब 100 फीसदी बढ़ गए। हालांकि, कुछ निवेशकों को चिंता है कि कंपनियां ओवरवैल्यूड हो रही हैं। सिंह ने कहा, ‘हालांकि, कुछ ट्रेडिशनल वैल्यूएशन मैट्रिक्स बिजनसेज के लिए रिलेवेंट नहीं हैं।’

नहीं देखते पीई मल्टीपल

उन्होंने कहा, ‘हम हमारे किसी भी बिजनस के लिए पीई मल्टीपल्स नहीं देखते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनसेज के लिए एसेट्स पर रिटर्न की दर प्रासंगिक है। अडानी एंटरप्राइजेज सम-ऑफ-पार्ट्स मॉडल पर काम करती है।’

कर्ज को लेकर कोई चिंता नहीं

सिंह ने विश्लेषकों द्वारा कर्ज पर जताई गई चिंताओं को खारिज किया। 31 मार्च 2022 को पूरे हुए वित्त वर्ष में अडानी ग्रुप का कुल सकल कर्ज 40 फीसदी बढ़कर 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया। फिच ग्रुप की क्रेडिटसाइट्स ने पिछले सितंबर अडानी ग्रुप को ओवर लीवरेज्ड बताया था और कर्ज पर चिंता जताई थी। सिंह ने कहा, ‘किसी ने भी हमारे सामने कर्ज को लेकर चिंता नहीं जताई है। किसी भी निवेशक ने ऐसा नहीं किया है। मैं हजारों हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) और 160 संस्थानों के संपर्क में हूं और किसी ने भी यह नहीं कहा है।’
(रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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