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क्‍या फि‍र नाराज चल रहे शिवपाल ?

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लखनऊ । अपनों को सपा में अपेक्षित अहमियत न दिला पाने वाले शिवपाल यादव क्या व्यथित हैं? एक बारगी फिर ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। वजह है कि निकाय चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव और शिवपाल का एक साथ खुलकर प्रचार न करना और शिवपाल के करीबियों का भाजपा के पाले में चले जाना। शिवपाल ऐसी किसी बातों को भाजपा का झूठ करार देते हैं लेकिन अंदरखाने कुछ न कुछ ऐसा है जिसके चलते शिवपाल और सपा पूरी तरह घुलमिल से नहीं पा रहे हैं। निकाय चुनाव के नतीजों के बाद उम्मीद है कि इस बाबत तस्वीर कुछ साफ होगी।

शिवपाल यादव के करीबी व छह बार के विधायक नरेंद्र सिंह यादव अपने बेटे व बेटी के साथ हाल में सपा छोड़कर भाजपा में चले गए। उसके बाद उनके करीबी अजय त्रिपाठी मुन्ना ने भी भाजपा में जाना बेहतर समझा। मुलायम के जाने के बाद शिवपाल सपा में लौट आने के साथ पूरी तरह अखिलेश के साथ आ गए, लेकिन अभी तक उनको व उनके लोगों को वह अहमियत नहीं मिली। पार्टी में चर्चा रहती है कि अखिलेश के बाद पार्टी में नंबर दो पर रामगोपाल यादव हैं या शिवपाल यादव? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

वहीं यह भी प्रश्न उठ रहा है कि निकाय चुनाव में टिकट वितरण में क्या शिवपाल को वाजिब तवज्जो दी गई। पार्टी के बड़े नेता तो इस सवाल पर कन्नी काट जाते हैं। फिर भी तमाम चर्चाओं के बीच शिवपाल यादव का कहना है कि वह भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में रहें हैं, उन्हें सब पता है, यह अनायास कही बात है या फिर अपनी अहमियत जता कर संदेश देने की कोशिश। उन्होंने नाराजगी तो जाहिर नहीं की है, लेकिन कहीं न कहीं शिवपाल ने यह जरूर जताया है कि अगर वह चाहें तो भाजपा उन्हें शामिल कर सकती है। शिवपाल हालांकि सपा प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कई जगह बागियों को समझाने बुझाने में जुटे हैं। इटावा में तो उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। अभी तक देखें तो शिवपाल व अखिलेश यादव बहुत कम मौकों पर सार्वजनिक तौर पर साथ दिखें हैं।

‘नौकरशाही के भरोसे चुनाव लड़ रही भाजपा’
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने शुक्रवार को इटावा में पत्रकारों से कहा कि नौकरशाही के भरोसे चुनाव लड़ा जा रहा है ताकि गड़बड़ियां करा कर चुनाव जीता जा सके। अगर सही तरीके से मतदान हो जाए तो भाजपा कहीं से भी नहीं जीतेगी। निकाय चुनाव बाद लोकसभा के चुनाव में भी जनता भाजपा को हटाने का काम करेगी।

शिवपाल सिंह ने सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस भ्रष्ट सरकार को हटाने की जरूरत है। अगर सही तरह से मतदान हो जाए तो भाजपा कहीं से भी नहीं जीत सकती है। शिवपाल ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य बड़बोले मंत्री हैं। वह अपने विभागों से कुछ विकास नहीं करा सकते हैं भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई भी नहीं करते हैं, सिर्फ जनता को भ्रमित करते हैं।

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