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क्या आपकी बिजली वाकई कटने वाली है? देश में कोयले का संकट कितना बड़ा

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नई दिल्ली:पारा 50 डिग्री छूने को आतुर है। ऐसे में लोग गैर जरूरी काम के लिए घर से निकलना बंद कर चुके हैं। लेकिन घर में भी उन्हें चैन नहीं। चाहे दिल्ली हो, उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो या झारखंड और छत्तीसगढ़, सब जगह बिजली की किल्लत है। इसी वजह से दिन-रात कभी भी बिजली काटी जा रही है। बिजली क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि देश में इस सबस कोयले का संकट  गंभीर रूप ले चुका है। इसी वजह से देश में बिजली संकट भी गहरा गया है।

कोयला मंत्री की जुदा है राय
नरेंद्र मोदी सरकार में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी का का कहना है कि देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है। कोयले के लिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। कल ही जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड की सब्सिडियरी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का प्रोडक्शन रिव्यू किया। उन्हें हर रोज दो लाख 20 हजार टन कोयला पावर प्लांट्स को उपलब्ध कराने को कहा गया है।


मंत्री का कहना एक महीने से ज्यादा का है स्टॉक
जोशी का कहना है कि केंद्र सरकार दिन-प्रतिदिन, घंटे के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और हम देश को आवश्यक कोयले की आपूर्ति करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 25 अप्रैल तक, 2.15 करोड़ टन कोयला स्टॉक थर्मल पावर प्लांट्स के पास उपलब्ध था। यानी थर्मल पावर प्लांट्स के पास लगभग 9-9.5 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। यह स्टॉक दिन-प्रतिदिन के आधार पर भरा जाता है। इसके अलावा मंत्रालय के पास करीब 30 दिन का स्टॉक उपलब्ध है।


कोयले के आयात में आई भारी गिरावट
रूस-युक्रेन युद्ध (Ukraine Russia War) के कारण अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों (International Energy Prices) में बढ़ोतरी के साथ कोयले के आयात में गिरावट आई है। इस समय बेंचमार्क आस्ट्रेलियन न्यू कैसल कोल की कीमत बढ़ कर 300 डॉलर प्रति टन हो गई है। एक साल पहले यह कीमत 160 डॉलर प्रति टन थी जबकि दो साल पहले 100 डॉलर प्रति टन। जब दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू ही हुआ था, उस समय एक दिन कोयले का दाम 440 डॉलर प्रति टन तक चला गया था।

हर रोज बढ़ रही है मांग
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने कहा है कि देश भर के ताप बिजली घर कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत है। देश में 27 अप्रैल को बिजली की अधिकतम मांग 200.65 गीगावॉट रही, जबकि व्यस्त समय में बिजली की कमी 10.29 गीगावॉट थी। यह 28 अप्रैल को दिन में पौने तीन बजे करीब बढ़ कर 204.653 गीगावॉट तक चला गया था। पिछले साल इसी तारीख को पीक डिमांड 182.559 गीगावॉट था।

बिजली घर तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे ने किये यह किया इंतजाम
खदान से कोयला जल्द से जल्द बिजली घर तक पहुंचे, इसके लिए रेलवे ने विशेष इंतजाम किया है। इन इंतजाम में मालगाड़ियों का अतिरिक्त रैक लगाना तो है ही, साथ ही कुछ रूट से पैसेंजर और मेल एक्सप्रेस ट्रेन को कैंसिल भी किया जा रहा है। ऐसा इसलिए, ताकि ट्रैक खाली हो तो ज्यादा से ज्यादा मालगाड़ी चलाया जा सके। बताया जाता है कि अभी तक रेलवे 270 ट्रेनों को कैंसिल किया जा चुका है।

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