इजरायल की सेनाने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं। हमास के वरिष्ठ नेतासमेत दर्जनों निर्दोषों की जान लेने के साथ बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के लिए एक खास प्लानिंग तैयार कर ली है। इजरायली कैबिनेट ने एक नए निदेशालय के गठन को मंजूरी दी, इसका उद्देश्य फिलिस्तीनियों के “स्वेच्छा से पलायन” को बढ़ावा देना है। यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस योजना के अनुरूप है, जिसमें गाजा को खाली कर उसे दूसरों के लिए पुनर्निर्मित करने की बात की गई थी। उधर, फिलिस्तीनी नेताओं का कहना है कि वे अपनी मातृभूमि छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे इजरायल के इस कदम की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में एक नया मोड़ सामने आया है। इजरायल ने गाजा से फिलिस्तीनियों को निकालने के लिए एक नई टीम का गठन किया है। इजरायल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि यह नया निकाय “इजरायली और अंतरराष्ट्रीय कानून” के तहत काम करेगा और गाजा से फिलिस्तीनियों को अन्य देशों में जाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
इजरायल के कदम की आलोचना
इस प्रस्ताव को लेकर फिलिस्तीनी समुदाय और मानवाधिकार समूहों का कहना है कि यह योजना संभवतः अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर सकती है, क्योंकि फिलिस्तीनी इस जमीन से अपनी स्वेच्छा से बाहर जाने के पक्ष में नहीं हैं। इसलिए, यह स्पष्ट है कि इजरायल फिलिस्तीनी लोगों को गाजा से बाहर निकालने के लिए एक योजना पर काम कर रहा है, जिसे फिलिस्तीनी समुदाय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
इजरायली हमलों से गाजा में उथल-पुथल
शनिवार रात से शुरू हुए इजरायल के ताजा हवाई हमलों में गाजा के दक्षिणी हिस्से में कम से कम 26 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हमले में हमास के एक वरिष्ठ नेता सलाह बरदवील की भी मौत हो गई और कई परिवारों का जीवन छिन गया। इस संकटपूर्ण स्थिति में फिलिस्तीनियों का पलायन जारी है, जबकि इजरायल के नए प्रस्ताव ने पूरे क्षेत्र में उथल-पुथल मचा दी है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध में 50021 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि 113000 से अधिक घायल हुए हैं। इसमें से 673 लोग इजरायल द्वारा मंगलवार को शुरू किए गए हवाई हमलों के बाद मारे गए हैं।