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भाजपा के मौजूदा विधायकों और जिला अध्यक्षों के लिए मुसीबत बनेंगे जन आक्रोश रथ

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एस पी मित्तल, अजमेऱ

1 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर में 51 जन आक्रोश रथों को हरी झंडी दिखाई। ये रथ अब राजस्थान के सभी 200 विधानसभाओं का भ्रमण करेंगे। भाजपा का मकसद मौजूदा कांग्रेस सरकार की खामियों को उजागर करना है। इसी माह दिसंबर में कांग्रेस सरकार के चार वर्ष भी पूरे हो रहे हैं तथा 4 से 18 दिसंबर तक राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा भी निकल रही है। ऐसे में भाजपा ने भी विधानसभा स्तर पर जन आक्रोश यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। जेपी नड्डा ने जो 51 रथ रवाना किए हैं, उनमें शिकायत बॉक्स भी है। भाजपा कार्यकर्ताओं और जागरूक लोग अपनी शिकायतें लिख कर इस बॉक्स में डाल सकते हैं। अब जब भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व शिकायतें आमंत्रित कर रहा है, तब स्वाभाविक है कि भाजपा के मौजूदा विधायकों और जिला अध्यक्षों को लेकर रथ में लगे बॉक्स में शिकायतें डाली जाएंगी। चूंकि जन आक्रोश रथ प्रत्येक विधानसभा का भ्रमण करेगा, इसलिए बॉक्स में शिकायतें भी बहुत प्राप्त होंगी। जब ऐसी शिकायतें राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंचेगी तब मौजूदा विधायकों और जिला अध्यक्षों की मुसीबत बढ़ेंगी। जन आक्रोश रथों को विधानसभा क्षेत्र में घुसाने की जिम्मेदारी भी जिलाध्यक्षों और विधायकों को ही दी गई है। यानी जिलाध्यक्ष अपनी प्रशंसा में भी पत्र बॉक्स में डलवाएं। अलबत्ता शिकायत बॉक्स को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है। अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक जन आक्रोश रथ के आने का इंतजार कर रहे हैं। ये रथ 14 दिसंबर तक विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। राजस्थान में 200 में से 72 विधायक भाजपा के हैं। जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक नहीं है, वहां रथ को घुमाने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की है। कार्यकर्ता इस बात से खुश है कि उन्हें अपने मन की बात राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने का अवसर मिल गया है। राष्ट्रीय नेतृत्व पहले ही कह चुका है कि प्राप्त शिकायतों और सुझावों पर ही उम्मीदवारों का चयन और चुनावी घोषणा पत्र जारी होगा। 

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