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दुनिया की टॉप-500 में भारत की 11 कंपनियां, जानिए कैसे इन्होंने इस लिस्ट में जगह बनाई

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भारत की GDP का एक तिहाई हिस्सा यानी करीब 805 अरब डॉलर महज 11 कंपनियों के पास है। इसका खुलासा Hurun की एक रिपोर्ट में हुआ है। Hurun ने दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट बनाई है। इस मामले में भारत 10वें नंबर है।

रिपोर्ट का दावा है कि 1 दिसंबर 2020 तक भारत की इन 11 कंपनियों का मार्केट कैप 2019 के मुकाबले 14% बढ़ा। इनमें 7 कंपनियां मुंबई की हैं, बाकी चार पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और नई दिल्ली की हैं। आइए इन कंपनियों के बारे में जानते हैं…

Jio ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को टॉप पर पहुंचाया

रिलायंस इंडस्ट्रीज 2020 में 20.5% ग्रोथ करके 168.8 अरब डॉलर मार्केट कैप पर पहुंच गई। सबसे बड़ी वजह, रिलायंस Jio का भारत के टेलीकॉम मार्केट पर कब्जा है। टेलीकॉम इडस्ट्री में 35% मार्केट शेयर अकेले Jio का है। दूसरी वजह, रिलायंस का रीटेल बिजनेस है। फिलहाल दुनियाभर के 7,000 शहर और कस्बों में रिलायंस के 12,000 स्टोर हैं।

2020 में फेसबुक ने रिलायंस में 6 अरब डॉलर निवेश किए हैं। Jio, फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के डेटा के जरिए दोनों कंपनियों की नजर असंगठित क्षेत्र के 6 करोड़ MSME, 12 करोड़ किसानों, 3 करोड़ छोटे दुकानदारों और लाखों छोटी कंपनियों पर है।

कोरोना ने डिजिटल पर फोकस बढ़ाया तो TCS को फायदा मिला

पिछले साल 30% की ग्रोथ के साथ TCS का मार्केट कैप 139 अरब डॉलर पहुंच गया। इतनी बड़ी ग्रोथ TCS को नौ साल बाद मिली है। वजह, कोरोनाकाल में दुनिया का डिजिटल और टेक्नोलॉजी की ओर भागना। कोविड के वक्त इस IT कंपनी के शेयर 25% तक उछले। इसके अलावा शेयर मार्केट के दांव-पेच जैसे 2.75 लाख करोड़ का फ्री फ्लोट मार्केट कैप, अपने ही शेयर और डिविडेंट को वापस खरीद लेना यानी बायबैक की रणनीति के कारण कंपनी को ग्रोथ मिली।

टाटा ग्रुप आज दुनिया के 46 देशों के 149 शहरों से इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सेवा दे रहा है। हाल ही में CEO और MD राजेश गोपीनाथन ने कहा था कि हमारी ऑलराउंड परफॉर्मेंस जारी रहेगी।

कोरोनाकाल में इंश्योरेंस खरीदने वाले बढ़े, HDFC बैंक ने खूब प्लान बेचे

2020 में 11.5% की ग्रोथ लेकर HDFC बैंक 107 अरब डॉलर के मार्केट कैप पर पहुंच गया। बड़ी वजह, कोरोनाकाल में HDFC लाइफ यानी इंश्योरेंस मार्केट मे जबरदस्त उछाल आना है। पिछले साल HDFC लाइफ के शेयर के दाम 30% तक ऊपर गए थे। इस दौरान बैंक के लोन मार्केट में उछाल आया। इंटरेस्ट से होने वाली कमाई में 15% तक की बढ़ोतरी हुई। पिछले साल में लोगों ने करीबन 20% ज्यादा पैसा जमा किया।

1994 से शुरू हुए इस बैंक की आज 2,764 शहरों में 5,500 से ज्यादा ब्रांच हैं। बैंक ने 4 लाख 30 हजार से ज्यादा दुकानदारों को पेंमेंट करने वाली मशीन POS बांटी है। लोगों के पास इसके दो करोड़ से ज्यादा डेबिट और एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं।

हॉर्लिक्स और बूस्ट ने हिंदुस्तान यूनिलीवर को बनाया मजबूत

2020 में 3.3% की ग्रोथ के साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर का मार्केट कैप 68.2 बिलियन डॉलर पहुंच गया। यह ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर की सहायक कंपनी है। भारत में यह 1931 में हिंदुस्तान वनस्पति मैनुफैक्चरिंग कंपनी के नाम से शुरू हुई थी। बाद में इसका नाम हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड हुआ। 2007 में इसे हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड कर दिया गया। यह वैसलीन, फेयर एंड लवली, लक्स, लाइफबॉय, क्लिनिक प्लस, सर्फ एक्सल और व्हील जैसे प्रोडक्ट बनाती है।

इस साल कंपनी ने GSK कंपनी के भारतीय कारोबार का खुद में विलय कर लिया। यह डील 3,045 करोड़ रुपए में हुई। यह हाल में हुई FMCG (बाजार में तेजी से बिकने वाले उत्पादों) की सबसे बड़ी डील थी। इसके बाद यूनिलीवर को हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसी हेल्थ फूड ड्रिंक्स बनाने का अधिकार मिला।

तीन कंपनियों का अधिग्रहण और एक से टाई-अप कर इंफोसिस ने की कमाई

इंफोसिस 2020 में 56.6% की ग्रोथ के साथ 66 बिलियन डॉलर मार्केट कैप पर पहुंच गई। इस फाइनेंशियल इयर में इंफोसिस का शुद्ध लाभ लगातार बढ़ा है। 2020 में इंफोसिस ने कैलिडोस्कोप, गाइडविजन, सिमप्लस जैसी कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया और वैनगार्ड नाम की कंपनी के साथ पार्टनरशिप की। इतना ही नहीं इंफोसिस ने पेरिस समझौते की डेडलाइन 2050 से 30 साल पहले ही खुद को कार्बन न्यूट्रल बना दिया है यानी कंपनी अब जीरो कार्बन उत्सर्जन करती है।

इस कंपनी को सिर्फ 250 डॉलर की पूंजी से साल 1981 में पुणे में शुरू किया गया था। 1983 में यह बेंगलुरु आ गई थी। आज टाटा कंसल्टेंसी के बाद यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी है।

कोरोना में नहीं घटी HDFC की कमाई, बल्कि 5% बढ़ी

हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन यानी HDFC साल 2020 में 2.1% की ग्रोथ के साथ 56.4 बिलियन डॉलर मार्केट कैप पर पहुंच गई। HDFC की शुरुआत 1977 में हुई थी। कंपनी कंस्ट्रक्शन, आवासीय, कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में लोन देती है। अब तक यह कुल 79 लाख घरों को फाइनैंस कर चुकी है। इसके देशभर में 588 ऑफिस है। इसके तीन ऑफिस दुबई, लंदन और सिंगापुर में भी हैं। वहां NRI और भारतीय मूल के लोगों को लोन देते हैं।

HDFC के मुताबिक साल 2020 में कंपनी की कुल इनकम 35 हजार 732 करोड़ रुपए रही है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 4.9% की बढ़त हुई है।

लॉकडाउन में हुई लोन ग्रोथ से कोटक महिंद्रा बैंक को मिला फायदा

पिछले साल 16.8% की ग्रोथ हासिल करने वाले कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट कैप 50 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वजह, बैंक में जमा होने वाले पैसे में 15% तक बढ़ोतरी है। दूसरी ओर बैंक को लोन से होने वाले फायदे में 23% की बढ़ोतरी हुई। कोरोना और लॉकडाउन के बाद भी बैंक अपने नेट NPA को 1500 करोड़ रुपये से घटाकर 1398 करोड़ रुपए ले आया।

साल 1985 में उदय कोटक ने वित्तीय सहायता समूह शुरू किया था। इसे 2003 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने बैकिंग लाइसेंस दिया। अब इसकी 1600 से ज्यादा ब्रांच हैं।

HLT को दिया लोन फंसा, ICICI के शेयरों के दाम टूटे

इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी ICICI भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर का बैंक है। हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में इस बैंक की मार्केट कैप में 0.5% की कमी आई। यह 45 अरब डॉलर रही। इस बैंक की स्थापना जून 1994 में हुई थी।

ICICI ने सिंगापुर की एक कंपनी HLT को करीब 770 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। अप्रैल 2020 में इसके फंसने की खबर आई। इस खबर के बाद बैंक के शेयर में भी गिरावट देखी गई। फिलहाल बैंक का फोकस डिजिटल की तरफ बढ़ रहा है, ताकि कंपनी की लागत कम की जा सके।

एयरटेल के मासिक ग्राहकों की संख्या में जियो से ज्यादा बढ़ोतरी

भारत की जानी-मानी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल की वैल्यू करीब 9% की बढ़ोतरी के साथ 44 अरब डॉलर पहुंच गई है। सुनील मित्तल ने 1984 में पुश बटन वाले फोन का कारोबार शुरू किया। उससे पहले भारत में नंबर घुमाने वाले फोन आते थे। 1992 में उन्होंने भारती सेल्युलर लिमिटेड की स्थापना की थी।

सितंबर 2020 में एयरटेल के नए मासिक ग्राहकों की संख्या में जियो से ज्यादा बढ़ोतरी हुई। ऐसा साल 2016 के बाद पहली बार हुआ है। 2020 में एयरटेल ने अपनी डिजिटल सेवाएं बेहतर करने के लिए IBM और रेड हैट को कॉन्ट्रैक्ट दिया है।

बजाज के शेयर की कीमतों में 200% की बढ़ोतरी

हुरुन की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अच्छी ग्रोथ के बाद बजाज फाइनेंस की वैल्यू 40 अरब डॉलर रही। 1987 में इस कंपनी की शुरुआत दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को फाइनेंस करने के लिए हुई थी। 11 साल बाद कंपनी ने पहली बार अपना शेयर लॉन्च किया।

बजाज फाइनेंस के लिए 2020 उतार-चढ़ाव भरा था। 27 मई 2020 को कंपनी के शेयर की वैल्यू 52 हफ्ते में सबसे कमजोर 1783 रुपये थी। 15 दिसंबर को यही अपने सबसे ऊंचे स्तर 5,225 तक पहुंच गया। ये करीब 200% की बढ़ोतरी थी।

सिगरेट छोड़कर FMCG पर ITC का फोकस

ITC लिमिटेड कंपनी ने 2020 में -22% की गिरावट दर्ज की। कंपनी की वैल्यू 32 अरब डॉलर रही। कंपनी की शुरुआत 1910 में इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया के रूप में हुई थी। आज ITC सिगरेट, FMCG, होटल और पैकेजिंग जैसे सेक्टर की अगुवा कंपनी है।

2020 में कंपनी के शेयर की कीमतें 34% तक गिर गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र में लूज सिगरेट पर बैन के बाद कंपनी की ग्रोथ को झटका लगा। फिलहाल ITC अपने FMCG बिजनेस पर ज्यादा फोकस कर रही है।

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