केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुजरात में यूएस सेमीकंडक्टर फर्म को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि इंडिया में सेमीकंडक्टर सेक्टर को लाना सरकार की रणनीति का हिस्सा है, रोजगार में वृद्धि के लिए हमारे देश को इसकी जरूरत भी है. इसी के साथ उन्होंने ये भी सफाई दी कि इस संबंध में हमने किसी राज्य का नाम नहीं लिया था. मेरे बयान का यह मतलब कत्तई नहीं था. भविष्य में हमें विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है.
हालांकि केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ये भी कहा कि समानांतर रूप से हमें दूसरी लाइन के सेक्टर्स मसलन लघु उद्योग में नौकरियां पैदा करनी होंगी. इससे देश के युवाओं को लाभ होगा. बेरोजगारी को देखते हुए ये कदम उठाना जरूरी है. फिर उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में सोच रहे हैं और इस पर काम भी कर रहे हैं.
जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने पिछले दिनों केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री का पद भार संभाला था. उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है. शुक्रवार को उन्होंने भारत में अमेरिकी सेमीकंडक्टर निर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी की उपयोगिता पर सवाल उठाया था. यह कंपनी तत्काल गुजरात में 2.5 लाख डॉलर की यूनिट स्थापित कर रही है और जानकारी के मुताबिक हर नौकरी के लिए 3.2 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है.
बैंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने ये भी कहा था कि नई कंपनी करीब 5,000 नौकरियां पैदा करेंगी. इसके लिए उसे 2 अरब डॉलर की सब्सिडी दी जा रही है. यह कुल निवेश का सत्तर फीसदी हिस्सा है. उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों से पूछा कि इतनी बड़ी राशि का आवंटन आखिर कितना सही है? आखिरकार ये देश की संपत्ति का सवाल है.
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी का यही बयान सुर्खियों में आ गया. इसे गुजरात से जोड़ा गया. हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इस्पात और भारी उद्योग विभा का दायित्व सौंपने के लिए धन्यवाद दिया और ये भी कहा कि वह देश के युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के मुद्दे पर फोकस करना चाहते हैं.