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भूमाफियाओं ने बनवाई अहिल्या पथ योजना?

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इंदौर। आईडीए ने बोर्ड बैठक में सुपर कारीडोर से रेवती रेंज तक जो 15 किमी का अहिल्या पथ बनाने का निर्णय लिया है, उसके पीछे इस मार्ग के भूमाफिया, बिल्डरों के होने की बात सामने आ रही है। सबसे ज्यादा जमीनें पूर्व विधायक और उनके कुछ बिल्डर साथियों की हैं जो उन्होंने दशकों पूर्व सस्ते दामों पर खरीद ली थी।

अब रातोंरात इन जमीनों के भाव दुगने-तिगुने हो जाएंगे। उधर, कलेक्टर आशीष सिंह ने इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रभावित गांवों की जमीनों की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि आईडीए की बोर्ड बैठक में सुपर कारीडोर के समीप ग्राम रिजलाय से रेवती (रेंज) गांव तक 15 किमी का देवी अहिल्या पथ

बनाने चौड़ा होगा। कहा तो ये जा रहा है कि इस मार्ग का निर्णय चार साल बाद होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर किया गया है ताकि इंदौर की ओर से आने वाले देशभर के श्रद्धालुओं को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। कहा जा रहा है कि जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर एनएचएआई ने अरविंदो अस्पताल से उज्जैन के हरिफाटक तक फोरलेन को सिक्सलेन कर 15 मीटर चौड़ी करने का निर्णय पहले ही ले लिया है तो फिर इसकी जरूरत नहीं थी। सिंहस्थ के दौरान 2 माह तक इस मार्ग के दोनों टोल बंद कर दिए जाएंगे, इसलिए ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। हालांकि अभी प्रस्ताव को भोपाल जाना और प्रकाशन होना बाकी है लेकिन इस निर्णय कि इस निर्णय के पीछे कांग्रेस के पूर्व विधायक और उनके कुछ बिल्डर साथियों का हाथ बताया जा रहा है। उनकी इस मार्ग पर सैकड़ों एकड़ जमीनें हैं जो दशकों पूर्व उन्होंने मार्ग के चौड़ीकरण और अन्य सुविधाएं होने के बाद कालोनी काटने के लिए रखी थीं। इस निर्णय के बाद अब इन जमीनों की कीमतें दुगनी-तिगुनी हो जाएंगी।

कलेक्टर ने लगाई रोक

उधर, इस मार्ग से प्रभावित हो रहे 8 गांवों की जमीनों के नक्शे टीएनसीपी से पास करने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने रोक लगा दी है। जिन नक्शों के आवेदन लगे हैं वो भी रुक जाएंगे। इन गांवों में नैनोद, रिजलाय, बुढ़ानिया, बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, लिम्बोदागारी, रेवती औरट्रैफिक के अलावा ये भी हैं कारण

चरणों में बनेगा। पहला चरण 227 हेक्टेयर का नैनोद और रिजलाय गांव में 4.55 किमी, दूसरा चरण 450 हेक्टेयर का बुढ़ानिया और बड़ा बांगड़दा में 1.80 किमी, तीसरा चरण 214 हेक्टेयर का पालाखेडी और बुढ़ानिया से 2.40 किमी, चौथा चरण 338 हेक्येयर का पालाखेड़ी और लिम्बोदागारी गांव में 1.25 किमी और पांचवा चरण 171 हेक्टेयर का रेवती व बरदरी गांव में 5 किमी लंबा होगा। कुल 1400 हेक्टेयर जमीन पर 15 किमी लंबा अहिल्या पथ बनेगा। इस पर 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। किसानों को जमीन के बदले 50 फीसदी विकसित प्लॉट मिलेंगे। अहिल्या पथ दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। इसे सिंहस्थ के लिए बनाने की बात की जा रही है।

अहिल्या पथ के लिए पश्चिमी क्षेत्र का ट्रैफिक सुगम होने, नई सुव्यवस्थित आवासीय व वाणिज्यिक सेटेलाइट टाऊनशिप की सुविधा कारण गिनाए गए हैं। सघन पौधारोपण, ग्रीन बेल्ट 5 से बढ़ाकर 7 फीसदी, तीन बड़े सिटी पार्क, सोलर लाइट की भरोसा भी दिया गया है। ग्रीन बेल्ट की अधिकता वाली पालाखेड़ी व लिम्बोदागारी गांव में 566 हेक्टेयर में गोल्फ सिटी भी बनेगी जिसमें 18 होल का गोल्फ कोर्स होगा। फिनटेक सिटी भी बनेगी जिसमें क्लस्टर बेस्ड डेवलपमेंट होगा। इससे फायनेंशियल टैक्नालॉजी संस्थानों को जमीन दी जाएगी। 214 हेक्टेयर की सिटी पर 250 करोड़ खर्च होंगे।

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