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ताजा समाचार -कमल खिलाने के लिए नीतीश ने चला दिया ‘तीर’,सालाना करीब ढाई लाख मौतों की वजह बन सकता है जलवायु परिवर्तन,डार्कवेब पर बिक रहा 75 करोड़ भारतीयों का डाटा

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्तारूढ़ महागठबंधन को छोड़ने और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने की योजना बनाने के मजबूत संकेतों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) JDU के शीर्ष नेता शनिवार को कुमार के आवास पहुंचे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलने की अटकलों के बीच, जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) प्रमुख ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की मौजूदगी में शनिवार को बक्सर जिले के ब्रह्मपुर में प्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य की शुरुआत की। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नवी मुंबई में उनसे मुलाकात करने के बाद शनिवार को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में उसकी सरकार को गिराने के लिए उसके 7 विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है। दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

सालाना करीब ढाई लाख मौतों की वजह बन सकता है जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन से पुरुषों की तुलना में महिलाओंं की जीवन प्रत्याशा को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। यदि वार्षिक जलवायु परिवर्तन सूचकांक 10 अंक बढ़ता है तो जहां पुरुषों की जीवन प्रत्याशा पांच महीने तो महिलाओं की सात महीने घट रही है।

बांग्लादेश की शाहजलाल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और द न्यू स्कूल फॉर सोशल रिसर्च, न्यूयाॅर्क से जुड़े शोधकर्ता अमित रॉय के हाल में किए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। अध्ययन में उन्होंने 191 देशों में 1940 से 2020 के बीच तापमान, वर्षा और जीवन प्रत्याशा से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया है। अध्ययन के नतीजे जर्नल प्लोस क्लाइमेट में प्रकाशित हुए हैं।  

शोध के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बदलाव का असर अलग-अलग रूपों में सामने आने लगा है। यह हमारे भोजन, पानी, हवा और मौसम को प्रभावित कर स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2030 से 2050 के बीच जलवायु परिवर्तन सालाना करीब ढाई लाख मौतों की वजह बन सकता है। साथ ही इसकी वजह से प्रति वर्ष वैश्विक आय में 400 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान होगा।

महिलाओं को ज्यादा खतरा
जलवायु परिवर्तन से पुरुषों की तुलना में महिलाओंं की जीवन प्रत्याशा को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। यदि वार्षिक जलवायु परिवर्तन सूचकांक 10 अंक बढ़ता है तो जहां पुरुषों की जीवन प्रत्याशा पांच महीने तो महिलाओं की सात महीने घट रही है। 

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव शामिल
जलवायु परिवर्तन का लोगों के स्वास्थ्य पर असर को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने इसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों को शामिल किया है। प्रत्यक्ष प्रभावों में लू, बाढ़, सूखा को शामिल किया है जबकि अप्रत्यक्ष प्रभावों में आर्थिक प्रणालियों और पारिस्थितिक तंत्र है।

तापमान और वर्षा के अलग-अलग प्रभावों का अध्ययन करने के अलावा जलवायु परिवर्तन सूचकांक भी तैयार किया है, जो बदलावों की गंभीरता को मापने के लिए इन दोनों कारकों को जोड़कर देखता है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि जलवायु परिवर्तन से कृषि पैदावार पर असर पड़ने से खाद्य कीमतों में इजाफा होगा।

सूर्योदय से पहले आकाश क्यों होता है गुलाबी… संस्कृति के पन्ने करते हैं खुलासा

गरुड़, पर्वतों से विशाल और देवताओं से अधिक सामर्थ्यवान था। वह अमृत लेने देवलोक पहुंच गया। देवताओं ने बहुत प्रयास किया, पर गरुड़ उन्हें परास्त करके अमृत का कलश ले गया। गरुड़ इतना निष्ठावान था कि अमृत पास होने के बावजूद उसके मन में अमृत को चखने की इच्छा उत्पन्न नहीं हुई।

महर्षि कश्यप की कई पत्नियां थीं। उनमें से दो प्रमुख थीं-कद्रू और विनता। विवाह के कुछ समय बाद कद्रू और विनता ने कश्यप से संतान-प्राप्ति की इच्छा व्यक्त की। कश्यप के पूछने पर कद्रू ने एक हजार पुत्रों की कामना की जबकि विनता बोली, ‘मुझे केवल दो पुत्र चाहिए, जो यशस्वी हों।’ महर्षि कश्यप ने तथास्तु कहकर दोनों को आशीर्वाद दिया। 

समय आने पर कद्रू ने एक हजार अंडे और विनता ने दो अंडे उत्पन्न किए। कद्रू के अंडों में से नियत समय पर काले सर्प निकले और धरती पर रेंगने लगे। परंतु विनता के दोनों अंडे जस के तस रहे। काफी प्रतीक्षा के बाद भी अंडों से बच्चे नहीं निकले। कद्रू के बच्चे बड़े हो गए किंतु विनता के अंडे यूं ही रखे रहे। विनता पहले तो चिंतित हुई फिर धीरे-धीरे उसके मन में कद्रू के प्रति ईर्ष्या पैदा हो गई।

एक दिन विनता का धैर्य समाप्त हो गया। उसने एक अंडे को जबरदस्ती फोड़ दिया। उसके भीतर एक पक्षी था। लेकिन वह पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुआ था। वह बाहर निकला तो उसकी त्वचा कच्ची और गुलाबी थी। उसके शरीर का केवल ऊपरी आधा भाग ही विकसित हो पाया था। विनता अपने अर्द्धविकसित पुत्र को देखकर रोने लगी। 

अंडे से निकल बच्चे ने अपनी अपूर्ण काया देखी तो उसे माता की अधीरता पर क्रोध आया। उसने विनता को शाप दिया : ‘तुमने समय से पहले अंडा फोड़कर मेरा जीवन नष्ट कर दिया। मैं तुम्हें शाप देता हूं कि जिस कद्रू से तुम्हें ईर्ष्या है, तुम उसी की 500 वर्ष तक दासी बनकर रहोगी। दूसरे अंडे का ध्यान रखना क्योंकि उससे निकलने वाला तुम्हारा दूसरा पुत्र ही कद्रू की दासता से तुम्हें मुक्ति दिलाएगा।’

यह कहकर विनता का पुत्र आकाश में उड़ गया। उसका नाम अरुण था। वह इतना तेजवान था कि उसने ज्यों ही उड़ान भरी, आकाश गुलाबी आभा से रंजित हो गया। उसका तेज देखकर सूर्यदेव भी प्रभावित हुए। उन्होंने अरुण को अपना सारथी बना लिया। सूर्यदेव का रथ जब निकलता तो रथ के आगे बैठा उनका सारथी अरुण, सूर्यदेव से पहले प्रकट हो जाता। इसीलिए सूर्योदय से पहले आकाश गुलाबी दिखता है और अरुण के नाम पर ही उस गुलाबी आभा को अरुणिमा कहते हैं।

इस घटना के कुछ दिन बाद विनता और कद्रू में एक शर्त लगी और यह तय हुआ कि जो शर्त हारेगा, वह दूसरे का दास बनेगा। कद्रू, छल से शर्त जीत गई और विनता को 500 वर्ष के लिए कद्रू का दासत्व स्वीकार करना पड़ा। अरुण का शाप फलीभूत हो गया।

विनता का दूसरा अंडा समय से फूटा और उसमें से एक विशाल पक्षी निकला। वह गरुड़ था।
गरुड़ बड़ा हुआ तो उसे अपनी माता विनता के दासत्व का पता लगा। उसने कद्रू के सर्प-पुत्रों से विनता को मुक्त करने का आग्रह किया। दुष्ट सर्पों ने गरुड़ से कहा, ‘यदि तुम देवलोक से अमृत लाकर हमें दे दो, तो हम तुम्हारी माता को मुक्त कर देंगे।’

गरुड़, पर्वतों से विशाल और देवताओं से अधिक सामर्थ्यवान था। वह अमृत लेने देवलोक पहुंच गया। देवताओं ने बहुत प्रयास किया, पर गरुड़ उन्हें परास्त करके अमृत का कलश ले गया। गरुड़ इतना निष्ठावान था कि अमृत पास होने के बावजूद उसके मन में अमृत को चखने की इच्छा उत्पन्न नहीं हुई। उसकी इस निष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने गरुड़ को अपना वाहन बना लिया।

अमृत-कलश लेकर गरुड़ कद्रू के सर्प-पुत्रों के पास पहुंचा और उसने कलश कुश घास पर रख दिया। अमृत-कलश को देखकर सर्प अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने विनता को कद्रू के दासत्व से मुक्त कर दिया। परंतु गरुड़ के लिए एक काम शेष था। सर्पों को अमृत-पान करने से रोकना था। इसके लिए गरुड़ ने सर्पों से कहा कि उन्हें स्नान के उपरांत ही अमृत-पान करना चाहिए। सर्प नदी की ओर चले गए। इस बीच गरुड़ ने अमृत-कलश उठाया और फिर से उसे इंद्र को सौंप दिया।

सर्प, जब स्नान करके लौटे तो अमृत-कलश को वहां न पाकर उन्हें क्रोध आ गया। क्रोध ने बुद्धि हर ली। वे कुश घास पर टपके अमृत को पीने की मंशा से नुकीली घास को चाटने लगे। इसका परिणाम यह हुआ कि घास की नोक को चाटने से सर्पों की जीभ के दो हिस्से हो गए। तब से, सांप की जीभ दो भाग में बंटी होती है! 

2.5 लाख में डार्कवेब पर बिक रहा 75 करोड़ भारतीयों का डाटा

दुनिया के सबसे बड़े डाटा डामें करीब 75 करोड़ भारतीयों का डाटा भी शामिल है। मदर ऑफ ऑल लीक (एमओएबी) कहे जा रहे इस डाटा लीक की 320 करोड़ डाटा एंट्री हैं। 12 टेराबाइट (टीबी) के इस डाटासेट में से करीब 1.8 टीबी में 75 करोड़ भारतीयों के मोबाइल नंबर, घर का पता और आधार शामिल हैं। डार्कवेब पर भारतीय डाटा को बेचने का दावा करने वाले साइबोडेविल का कहना है कि कंप्रेस करने के बाद 600 जीबी में यह डाटा उपलब्ध कराया जा सकता है। साइबोडेविल ने पूरे डाटा सेट के लिए 3,000 डॉलर यानी करीब 2.5 लाख रुपये की मांग की है।

साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडसेक के मुताबिक, एमओएबी को अंजाम देने वाले साइबो क्रू के सहयोगी साइबोडिविल और यूनिट 8,200 ने बिक्री के लिए जिस डाटाबेस को पेश किया है, वह भारतीय मोबाइल नेटवर्क प्रदाता कंपनियों से जुड़ा है।

डाटा सुरक्षा पर सवाल
क्लाउडसेक के मुताबिक, यह डाटा लीक देश के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की डाटा सुरक्षा पर सवालिया निशान भी खड़ा करता है। हालांकि, अभी इस संबंध में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी कि डाटा कहां से लीक हुआ है, लेकिन क्लाउडसेक के शोधकर्ताओं के मुताबिक डाटा लीक का स्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों की तरफ से किए जाने वाला केवाईसी डाटा हो    सकता है

खतरे में पड़ सकती है लोगों की सुरक्षा
क्लाउडसेक के खतरा खुफिया और सुरक्षा अनुसंधानकर्ता स्पर्श कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और सरकार को जल्द से जल्द इस लीक डाटा को सत्यापित करना चाहिए और डाटा स्टोरेज व सुरक्षा की खामियों की पहचान करते हुए साइबर अपराधियों से निपटना चाहिए। व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) के लीक होने से बहुत से लोगों और संगठनों के लिए एक खतरे पैदा होते हैं, जिससे संभावित रूप से वित्तीय नुकसान, पहचान की चोरी, प्रतिष्ठा की क्षति और साइबर हमलों की संभावना बढ़ जाती है।

पिछले वर्ष जुलाई में दी थी धमकी
साइबोक्रू समूह के सदस्यों ने पहले जुलाई 2023 में सरकारी लुकअप क्षमताओं सहित भारतीय फोन नंबर केवाईसी विवरण तक रियल टाइम पहुंच का दावा किया था। साइबोक्रू समूह को भारतीय मोबाइल नेटवर्क उपभोक्ता डाटाबेस के साथ-साथ 81.5 करोड़ आधार और पासपोर्ट रिकॉर्ड तक पहुंच का दावा करते हुए, भारतीय वाहन डाटाबेस तक एपीआई एक्सेस बेचते हुए भी देखा गया है।

लालटेन जलाने के लिए लालू खोज रहे हैं ‘माचिस’… इधर, कमल खिलाने के लिए नीतीश ने चला दिया ‘तीर

बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी इस बार नीतीश कुमार को बख्शने के मूड में नहीं हैं. लालू यादव भी राबड़ी आवास से बिहार में खेला शुरू कर दिया है. आरजेडी सूत्रों की मानें तो लालू ने नीतीश कुमार का खेल बिगाड़ने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है. इसके लिए प्लान-A, प्लान-B और प्लान-C बनाया गया है.

बिहार की राजनीति एक बार फिर से करवट लेने जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 9 साल में चौथी बार पाला बदलना तय माना जा रहा है. ऐसे में 18 महीने पुरानी चाचा-भतीजे की जोड़ी एक बार फिर से बेपटरी हो गई है. एक बार फिर से बड़े भाई और छोटे भाई का संबंध टूटना महज सिर्फ औपचारिकता ही रह गई है. ऐसे में दोनों तरफ से कुछ ही देर के आरोप- प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर शुरू हो जाएगा, जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाएंगे. हालांकि, इस बार आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव , नीतीश कुमार को बख्शने के मूड में नहीं हैं. लालू भी राबड़ी आवास से बिहार में खेला शुरू कर दिया है. आरजेडी सूत्रों की मानें तो लालू ने नीतीश कुमार का खेल बिगाड़ने के लिए पूरा प्लान तैयार कर उस पर काम भी शुरू कर दिया है. इसके लिए प्लान-A, प्लान-B और प्लान-C बनाया गया है.

पलान-ए के तहत लालू यादव की नजर आरजेडी से जेडीयू में गए उन विधायकों पर है, जो बीजेपी के साथ जाने पर असहज महसूस कर रहे हैं. वहीं, प्लान-बी की तरह विधानसभा अध्यक्ष बड़ा खेला कर सकते हैं और प्लान- सी के तहत आरजेडी नीतीश कुमार के अगले कदम का इंतजार करेगी. दूसरी तरफ, आरजेडी सूत्रों ने दावा किया है कि जेडीयू के कुछ विधायक लालू यादव के सीधे संपर्क में हैं. ऐसे में अगर नीतीश कुमार के विधायक तीर का साथ छोड़ कर लालटेन जलाने आते हैं तो निश्चित रूप से यह माचिस का काम करेंगे. हालांकि, इसकी संभावना अभी न के बराबर दिख रही है. क्योंकि, नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं.

लालू यादव का लालटेन बुझेगा?
बता दें कि 26 जनवरी को झंडा पहराने के बाद से ही बिहार की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई है. हर कोई नीतीश कुमार का पाला बदलने की भविष्यवाणी कर रहा है. हालांकि, जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी नेता अभी तक संभलकर बात कर रहे हैं. किसी भी खेमे की तरफ से स्पष्ट संकेत नहीं दिया जा रहा है. लेकिन, इस बीच कहीं न कहीं दोनों खेमा जेडीयू और आरजेडी अपने-अपने विधायकों के सीधे संपर्क में है. दोनों को डर सता रहा है कि विधायक कहीं पाला न बदल लें.

किस प्लान पर लालू कर रहे हैं काम
वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘बीजेपी के कई विधायक ऐसे हैं, जो नीतीश कुमार को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन, ये विधायक पीएम मोदी और अमित शाह के फैसले को कभी चुनौती नहीं देंगे. जबकि, जेडीयू को अपने विधायकों पर उतना भरोसा नहीं है. क्योंकि, हाल ही जेडीयू के एक विधायक ने पीएम मोदी और राम मंदिर को लेकर भद्दी टिप्पणी कर रामभक्तों का मजाक उड़ाया था. ऐसे में माना जा रहा है कि जेडीयू के कुछ विधायक बीजेपी के साथ असहज महसूस कर रहे हैं. जबकि, बीजेपी विधायक पार्टी आलाकमान के निर्देशों को पालन करेंगे. लेकिन, नीतीश कुमार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने विधायकों को कैसे एकजुट रख सके.’

क्या नीतीश कुमार फिर से बदलेंगे पाला
कुछ बीजेपी नेताओं की मानें तो विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ हो तो अचरज नहीं होना चाहिए. माना जा रहा है कि जबतक विधानसभा का चुनाव नहीं होता है तबतक नीतीश कुमार ही सीएम बने रहेंगे. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार को केंद्र में या किसी प्रदेश का राज्यपाल बना कर एक सेफ एग्जिट दिया जा सकता है.

इधर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी बेटे तेजस्वी यादव को गद्दी पर बैठाने के लिए अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं. माना जा रहा है कि बुझती लालटेन में लौ जलाने के लिए लालू यादव ने जेडीयू के ऐसे विधायकों से संपर्क किया है, जो पहले आरजेडी में रह चुके हैं. ऐसे विधायकों की संख्या तकरीबन 8-9 से बताई जा रही है. आरजेडी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे को डिप्टी सीएम का ऑफर दिया है. लेकिन, जीतन राम मांझी ने ऑफर स्वीकार करने से मना कर दिया है.

बिहार की मौजूदा हालात पर क्या बोले चिराग पासवान?

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, “बिहार में मौजूद स्थिति को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) की चिंताएं रही हैं… मैंने स्पष्ट किया था कि जब तक अधिकृत जानकारी नहीं आती है तब तक कोई बयान देना सही नहीं है… यह जानकारी ज़रूर प्राप्त हो रही थी कि कुछ चीज़ें हैं जिसे लेकर सुगबुगाहट हो रही थी। लोक जनशक्ति पार्टी ने अपनी तमाम चिंताओं और विषयों को रखा है, उनके द्वारा भी आश्वासन दिया गया है। आज की तारीख में परिस्थिति गठबंधन को लेकर काफी सकारात्मक है… पहले यह साफ हो जाए कि मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) जी इधर आ रहे हैं या नहीं, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता…”

देश की सबसे लंबी सुरंग में रेल संचालन का सफल ट्रायल, लगे भारत माता के जयकारे

Jammu Kashmir : देश की सबसे लंबी सुरंग में रेल संचालन का सफल ट्रायल, लगे भारत माता के जयकारे

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Sun, 28 Jan 2024 06:03 AM IST

सार

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रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना में रामबन जिले के खड़ी से सुम्बड़ रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन का सफल ट्रायल किया है। इसमें ट्रेन देश की सबसे लंबी यातायात टनल (12.75) टी-49 से होते हुए 1418 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुम्बड़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची जहां भारत माता के जयघोष लगे।

अब सुम्बड़ से संगलदान तक ट्रायल की तैयारी – फोटो : अमर उजाला

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भारतीय रेल ने कश्मीर को रेल नेटवर्क से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के अपने प्रयास में एक और कदम आगे बढ़ाया है। रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना में रामबन जिले के खड़ी से सुम्बड़ रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन का सफल ट्रायल किया है। इसमें ट्रेन देश की सबसे लंबी यातायात टनल (12.75) टी-49 से होते हुए 1418 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुम्बड़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची जहां भारत माता के जयघोष लगे।रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना में रामबन जिले के खड़ी से सुम्बड़ रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन का सफल ट्रायल किया है। इसमें ट्रेन देश की सबसे लंबी यातायात टनल (12.75) टी-49 से होते हुए 1418 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुम्बड़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची जहां भारत माता के जयघोष लगे। 

यूएसबीआरएल परियोजना के 111 किलोमीटर लंबे बनिहाल-कटड़ा रेल सेक्शन पर बनिहाल से खड़ी और सुम्बड़ परिचालन के लिए अब तैयार है। सीआरएस निरीक्षण के तहत खड़ी से सुम्बड़ रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन का ट्रायल सफल रहा। इसमें इलेक्ट्रिक इंजन को दौड़ाया गया। यूएसबीआरएल परियोजना में काम कर रही कोंकण रेलवे और इरकॉन के इंजीनियरों ने बताया कि खाड़ी व सुम्बड रेलवे स्टेशनों के बीच 25 केवी रेलवे विद्युतीकरण (आरओसीएस) का काम पूरा हो गया है। बता दे की तीन जनवरी को बनिहाल-खड़ी तक का निरीक्षण किया गया था। 

अब सुम्बड़ से संगलदान तक ट्रायल की तैयारी
खड़ी से सुम्बड़ तक ट्रेन का सफल ट्रायल होने के बाद अब रेलवे संगलदान रेलवे स्टेशन तक ट्रायल की तैयारी में है। संगलदान रेलवे स्टेशन पर ट्रैक, प्लेटफॉर्म व अन्य काम पूरा हो गया है। सुम्बड़ और संगलदान के पुल का काम भी कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। 

बिहार में जो चल रहा है, मुझे लगता है वो देश के लिए सबसे बड़ा खतरा: संजय राउत

बिहार में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “बिहार में जो चल रहा है, मुझे लगता है वो देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है…एक तरफ आप अयोध्या के राम की बात करते हैं, रामराज्य की बात करते हो, दूसरी तरफ आप बिहार में पलटूराम(नीतीश कुमार) को साथ लेकर जाना चाहते हो…असली पलटूराम भाजपा के लोग हैं…”

मैं तो इसे अफवाह ही मानूंगा, बिहार के राजनीतिक हालात पर क्या बोले मनोज झा?

बिहार में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “…मैं तो इसे अफवाह ही मानूंगा…जो संशय की स्थिति है वो संशय असहज कर रहा है और इस असहजता को दूर करने का निदान सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है… बिहार पूरे देश में अच्छे कारणों से चर्चा का विषय है। मुझे इसमें कोई दरार नहीं दिखती….अंतत: इस ‘महागठबंधन’ के मुखिया नीतीश कुमार हैं…इसकी बुनियाद उन्होंने, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने मिलकर रखी थी…”

जारांगे पाटिल ने खत्म किया मराठा आरक्षण आंदोलन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मराठा आरक्षण कार्यकर्ता महेश जारांगे पाटिल ने नवी मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। जारांगे पाटिल ने आज राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगें माने जाने के बाद अपना अनशन समाप्त करने की घोषणा की।

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