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ताजा समाचार -पूरी दुनिया जहां क्रिसमस का जश्न,बेथलहम में पसरा मातम,घने कोहरे और शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत,भारतीयों समेत 303 यात्रियों के साथ आज उड़ान भरेगा विमान

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भारत में एक दिन में कोविड-19 के 656 नए मामले सामने आए,वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,742 हो गई है। जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रविवार को सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान के दौरान ड्रोन से गिराए गए हथियारों और नकदी के दो पैकेट जब्त किए। सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ एवं कर्ली टेल्स की संस्थापक कामिया जानी के श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच जानी ने रविवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह एक हिंदू हैं और उन्होंने कभी भी गोमांस नहीं खाया तथा न ही कभी इसे बढ़ावा दिया। गाजा में दो मकानों पर इजराइल के हमले में एक बड़े परिवार के दर्जनों लोगों समेत 90 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए।

महाराष्ट्र में कोरोना के 50 नए मामले

महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 50 नए मामले सामने आए, जिसके बाद महामारी फैलने के बाद से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 81,72,135 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के दैनिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। बुलेटिन में कहा गया है कि नए मामलों में से नौ जेएन.1 उपस्वरूप से जुड़े हैं। इसके साथ ही राज्य में इस नए स्वरूप जुड़े मामलों की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई। बुलेटिन के अनुसार जेएन.1 रोगियों में ठाणे शहर के पांच, पुणे शहर के दो, और पुणे जिले, अकोला शहर और सिंधुदुर्ग जिले के ग्रामीण इलाकों का एक-एक रोगी शामिल हैं। पुणे के एक मरीज ने अमेरिका की यात्रा की थी। बुलेटिन में कहा गया है कि जेएन.1 के सभी रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं।

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की सांता क्लॉज हैं: फिरहाद हाकिम

पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की सांता क्लॉज हैं जो लोगों को साल भर विकास का उपहार देती हैं। हाकिम को बनर्जी का करीबी माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘जब हम बच्चे थे तो क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हम सोचते थे कि सांता क्लॉज आएगा। क्रिसमस की सुबह हम देखते थे कि खिलौने या चॉकलेट उपहार में मिले हैं। उस वक्त मैं सोचता था कि क्या सांता क्लॉज सच में आया था? अब मुझे पता चल गया है कि सांता क्लॉज सच में आता है।’ बनर्जी की तारीफ करते हुए हाकिम ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की सांता क्लॉज हैं जिन्होंने राज्य को सब कुछ दिया है।मंत्री ने कहा, ‘ममता बनर्जी हमारी अपनी सांता हैं जो कन्याश्री योजना के जरिए जरूरतमंद अभिभावकों की उनकी बेटी की पढ़ाई जारी रखने में मदद करती हैं। जब माता-पिता के पास अपनी बेटियों की शादी करने के लिए पैसा नहीं होता है तो वह परिवार की मदद करने के लिए रूपश्री कार्ड लेकर आती हैं।’

बाल ‘साहिबजादों’ के शहादत दिवस पर शोक संगीत बजाने का फैसला वापस

पंजाब सरकार ने ‘शहीदी सभा’ के दौरान 27 दिसंबर को शोक संगीत (नोट) बजाने का अपना निर्णय वापस ले लिया है। इस कार्यक्रम में श्रद्धालु सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के बेटों के अतुल्य बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।इस निर्णय को वापस लेने की घोषणा रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की। शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बाल ‘साहिबजादों’ के शहादत दिवस पर शोक संगीत बजाने के फैसले को ‘गुरमत मर्यादा’ के विरूद्ध करार देते हुए उसपर आपत्ति जताई थी। एसजीपीसी ने मांग की थी कि यह फैसला तत्काल वापस लिया जाए।

दवाइयों की हो रही थी तस्करी, अंतरराज्यीय गिरोह का पंजाब पुलिस ने किया भंडाफोड़

पंजाब पुलिस ने रविवार को दावा किया कि उसने उत्तर प्रदेश और गुजरात में स्थित दवा निर्माण कारखानों से कथित तौर पर अवैध ओपिओइड विनिर्माण और आपूर्ति इकाइयों को चलाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब मादक पदार्थों और दवाओं की तस्करी करने वाले एक स्थानीय तस्कर प्रिंस कुमार को गिरफ्तार किया गया। प्रिंस कुमार के संबंधों की महीने भर की गयी सावधानीपूर्वक जांच के बाद यह मामला सामने आया है।

जादवपुर यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन में नहीं गए राज्यपाल, ममता और बुद्धदेब साव ने बांटी डिग्रियां, गरमाई सियासत

पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच विवाद जारी है। इसी बीच रविवार को तनावपूर्ण माहौल में यादवपुर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह हुआ, जिसमें राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शामिल नहीं हुए और समारोह की अध्यक्षता बुद्धदेब साव ने की, जिन्हें बोस ने अनुशासनात्मक आधार पर कार्यवाहक कुलपति के पद से हटा दिया था। दीक्षांत समारोह में लगभग 5,000 छात्रों को डिग्री और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। 24 दिसंबर को दीक्षांत समारोह की निर्धारित तिथि से पहले रात को साव को उनके पद से हटा दिया गया था। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्यपाल के “मनमाने और एकतरफा फैसले” की आलोचना की और विश्वविद्यालय के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय ‘कोर्ट’ से साव को उनकी शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।

ताबड़तोड़ आतंकी घटनाओं से दहली घाटी, कमान संभालने जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे सेना प्रमुख मनोज पांडे!

जम्मू- कश्मीर एक बार फिर आतंकवादियों की करतूत से दहल रहा है। जवानों की वाहन पर हमले से लेकर रिटायर्ड एसपी को गोली मारने की घटनाओं ने घाटी में हलचल मचा दी है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पुंछ-राजौरी सेक्टर में हाल के आतंकवादी हमलों के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार को जम्मू का दौरा कर वहां की स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं और वहां आतंकवाद रोधी तंत्र को और मजबूत करने पर चर्चा कर सकते हैं।

सेना प्रमुख जनरल पांडे आज पहुंचेंगे जम्मू, सैन्य अफसरों संग करेंगे मंथन

सैन्य प्रमुख अपने दौरे के दौरान वर्तमान आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन तथा हालिया आतंकी हमलों में जवानों की शहादत के संबंध में चर्चा करेंगे। सेना मुख्यालय की ओर से इलाके में चल रहे सैन्य ऑपरेशन पर बारीकी से नजर रखी गई है पुंछ में आतंकी हमले व जवानों के बलिदान के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार को जम्मू पहुंचेंगे। वे राजोरी-पुंछ में हालिया आतंकवाद की घटनाओं तथा आतंकवाद निरोधक ग्रिड को मजबूत करने के संबंध में अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे।

सैन्य प्रमुख अपने दौरे के दौरान वर्तमान आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन तथा हालिया आतंकी हमलों में जवानों की शहादत के संबंध में चर्चा करेंगे। सेना मुख्यालय की ओर से इलाके में चल रहे सैन्य ऑपरेशन पर बारीकी से नजर रखी गई है।

सेना जल्द ही कार्रवाई करते हुए उन अधिकारियों को कार्यभार सौंप सकती है जो स्थिति पर नियंत्रण कर सके। राजोरी-पुंछ सेक्टर में हाल में तीन हमले सेना पर हुए हैं जो 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के नियंत्रण में आते हैं।

केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर संजय सिंह (जिन्हें डब्ल्यूएफआई का नया अध्यक्ष चुना गया) ने कहा, “मैं फ्लाइट में था। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही मैं कोई टिप्पणी करूंगा।”

राजधानी दिल्ली में शीतलहर और कोहरा छाया हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि आज से एक बार फिर थोड़ी ठंड बढ़ेगी। तापमान दो डिग्री तक कम हो सकता है।

ब्रह्मोस से लैस आईएनएस इंफाल बनेगा नेवी का हिस्सा; समुद्र में दुश्मनों का चुन-चुन कर करेगा खात्मा

आईएनएस इंफाल को मुंबई में नौसैनिक डॉकयार्ड में कमीशन किया जाएगा, इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। इसे 20 अक्तूबर को नौसेना को सौंपा गया था। इसका 75 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही बना है। 

रडार को चकमा देने वाला गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस इंफाल मंगलवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगा। इसे नौसेना की पश्चिमी कमान में तैनात किया जाएगा। भारत में बना यह युद्धपोत सतह से सतह पर वार करने वाली भारतीय मिसाइल प्रणाली ब्रह्मोस से भी लैस है। इसके नौसेना के बेड़े में शामिल होने से समुद्र में हमारी ताकत बढ़ जाएगी। इसे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ एक ताकतवर रक्षा दीवार बनाने में मदद करेगा।

आईएनएस इंफाल को मुंबई में नौसैनिक डॉकयार्ड में कमीशन किया जाएगा, इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। इसे 20 अक्तूबर को नौसेना को सौंपा गया था। इसका 75 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही बना है। इसमें तैनात की जा रही ब्रह्मोस मिसाइल भी भारत में विकसित हैं। पिछले महीने ही विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल को भी इसके जरिए सफलता से दागा गया। कमीशन से पहले ही भारत में बने किसी युद्धपोत में ऐसा परीक्षण पहली बार हुआ।

ताकत, तकनीक और क्षमता में बेजोड़
विशाखापट्टनम श्रेणी के डिस्ट्रॉयर का चौथा युद्धपोत है। इसे नौसेना के ही युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया और मुंबई में मझगांव डॉक लि. ने बनाया। आत्मनिर्भर भारत मिशन और भारत की बढ़ती क्षमता का उदाहरण माना जा रहा है।

ब्रह्मोस के साथ यह मध्यम दूरी की सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल और टारपीडो भी दाग सकता है। भारत में बने एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर और 76 एमएम की सुपर गन माउंट भी इसमें हैं।

n56 किमी. प्रति घंटा रफ्तार 
इसे संयुक्त गैस और गैस प्रोपल्शन से शक्ति मिलती है, जिससे यह 30 नॉट (56 किमी) प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ सकता है। यह परमाणु, जैविक और केमिकल हमलों के बीच भी काम करने में सक्षम। लड़ने की क्षमता बढ़ाने और बचाव के लिए उच्च स्तरीय ऑटोमेशन भी रखा गया है।

सबसे तेजी से बना
आईएनएस इंफाल का नौतल 19 मई 2019 को रखा गया था। 20 अप्रैल 2019 को जहाज पहली बार पानी में उतारा गया। इसके बाद इसी साल 28 अप्रैल से इसके पूर्ण परीक्षण समुद्र में शुरू हुए और 6 महीने के भीतर 20 अक्तूबर को इसे नौसेना को सौंप दिया गया। इस लिहाज से यह अपने आकार का भारत में सबसे तेजी से बना डिस्ट्रॉयर है।

घने कोहरे और शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत, अगले दो से तीन दिनों तक राहत के आसार नहीं

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बीते दो दिन से सुबह के समय घने कोहरे का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके चलते एक दिन पहले दिल्ली में कई उड़ानें भी प्रभावित हुई थीं। दृश्यता कम होने से लोगों को मुश्किल हुई।

जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब, हरियाणा से लेकर राजस्थान व बिहार तक पूरा उत्तर पश्चिम भारत घने कोहरे और भीषण शीतलहर की चपेट में है। पहाड़ी राज्यों के ऊंचाई वाले इलाकों में बीते कुछ दिनों से हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में गलन भी बढ़ गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों तक राहत भी नहीं मिलेगी।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बीते दो दिन से सुबह के समय घने कोहरे का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके चलते एक दिन पहले दिल्ली में कई उड़ानें भी प्रभावित हुई थीं। दृश्यता कम होने से लोगों को मुश्किल हुई। रविवार को पंजाब के अमृतसर व राजस्थान के चुरू में कोहरे से सुबह को दृश्यता लगभग न के बराबर रही।

बर्फबारी से नए साल का स्वागत
जम्मू-कश्मीर में नए साल का स्वागत बारिश और बर्फबारी से  होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, एक से तीन जनवरी तक प्रदेश में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बर्फबारी होगी। अभी कश्मीर में शीतलहर के साथ अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चल रहा है। श्रीनगर में तापमान माइनस 2.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। पहलगाम में माइनस 3.9 और गुलमर्ग में माइनस 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह के पारे में सुधार हुआ है और यहां न्यूनतम तापमान माइनस 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दिल्ली में रविवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 411 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। शनिवार को यह 450 पर था।

भारतीयों समेत 303 यात्रियों के साथ आज उड़ान भरेगा विमान; मानव तस्करी की आशंका के बीच रोका गया था प्लेन

निकारागुआ जा रहे विमान को फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह में बृहस्पतिवार को वैट्री हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया था। विमान के सोमवार सुबह आगे की यात्रा पर रवाना होने की उम्मीद है।

भारतीयों समेत 303 यात्रियों को निकारागुआ लेकर जा रहे विमान को तीन दिन तक रोके जाने के बाद फ्रांस ने सोमवार को फिर यात्रा शुरू करने की अनुमति दे दी है। उड़ान की अनुमति के बाद फ्रांस के चार जजों ने यात्रियों के बयान दर्ज करना बंद कर दिया है।

निकारागुआ जा रहे विमान को फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह में बृहस्पतिवार को वैट्री हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया था। विमान के सोमवार सुबह आगे की यात्रा पर रवाना होने की उम्मीद है।

भारत आने की उम्मीद
माना जा रहा है कि विमान भारत आ सकता है, क्योंकि ज्यादातर यात्री यहीं के हैं। हालांकि विमान के निकारागुआ या दुबई जाने की भी चर्चाएं हैं। मीडिया के मुताबिक, 10 यात्रियों ने शरण का भी अनुरोध किया है, लेकिन उस पर क्या फैसला हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह विमान रोमानियाई चार्टर कंपनी लेजेंड एयरलाइंस का है। एयरलाइंस के वकील ने मानव तस्करी से इन्कार किया।  

क्या था मामला
गौरतलब है कि गुरुवार को एयरबस A340 दुबई से उड़ान भरकर निकारागुआ जा रही थी। इस फ्लाइट में कुल 303 भारतीय सफर कर रहे थे। विमान फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस के एक छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर रुका था। इसी दौरान फ्रांस पुलिस को खबर मिली कि विमान में सफर कर रहे भारतीय मानव तस्करी का शिकार बनने जा रहे हैं। इसके बाद फ्रांस पुलिस टीम एयरपोर्ट पर पहुंच गई और विमान को उड़ान भरने रोक दिया। तब से रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस का विमान पेरिस से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री एयरपोर्ट पर रुका हुआ है। यात्रियों में 11 नाबालिग भी हैं।

फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, फ्रांस के न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण 300 से अधिक यात्रियों की सुनवाई रद्द करने का फैसला किया है। हालांकि, इससे पहले रविवार को सभी यात्रियों को फ्रांस की अदालत में पेश किया गया, जहां इनको हिरासत में रखने की अधिकतम अवधि पर चर्चा हुई। चार न्यायाधीशों ने यात्रियों से उनकी यात्रा के उद्देश्यों की पुष्टि करने के लिए पूछताछ की। साथ ही सभी यात्रियों से बात करने के लिए दो दिन का समय दिया है।

भारतीय दूतावास भी एक्शन में आया
इस बीच फ्रांस पुलिस ने भारतीय दूतावास को भी मामले की जानकारी दी। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया था, ‘फ्रांस के अधिकारियों ने हमें इस मामले की जानकारी दी है। हम अपने नागरिकों तक पहुंच गए हैं और काउंसर एक्सेस प्राप्त कर लिया है। उनकी पूरी तरह से मदद कर रहे हैं।’

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले: विदेश में देश को बदनाम करना गलत, आज सब सुनते हैं भारत की बात

ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि धनखड़ ने कहा, हमारे एक सांसद हार्वर्ड जाकर कहते हैं, भारत में लोकतंत्र खतरे में है। विदेश में देश को यूं बदनाम करना गलत है। 

 नववर्ष के स्वागत जश्न में हुड़दंग करना पड़ेगा भारी, 350 बाइकों पर दो-दो पुलिसवाले करेंगे धरपकड़

दिल्ली यातायात पुलिस की प्रयासों से गत वर्ष नववर्ष की पूर्व संध्या पर होने वाले सड़क हादसों में कमी आई थी। इस बार भी यातायात पुलिस विशेष प्रबंध कर रही हैं। नववर्ष की पूर्व संध्या पर शराब पीकर वाहन चलाने व हुड़दंग करने वाले सावधान हो जाए। इस बार यातायात पुलिस 350 विशेष बाइक सड़कों पर उतार रही है। इन पर दो-दो यातायात पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बाइक सवार पुलिसकर्मी गश्त करते हुए शराब पीकर वाहन चलाने, खतरनाक ढंग व तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों को तुरंत पकड़ लेंगे। इसके अलावा प्रमुख चौराहों व सड़कों पर यातायात पुलिस की टीमें तैनात की जाएंगी।

दिल्ली यातायात पुलिस की प्रयासों से गत वर्ष नववर्ष की पूर्व संध्या पर होने वाले सड़क हादसों में कमी आई थी। इस बार भी यातायात पुलिस विशेष प्रबंध कर रही हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस की 350 बाइक सड़क पर उतरेंगी। इन पर सवार पुलिसकर्मी नियम तोड़ने वालों को पकड़ेंगे। इसके अलावा करीब 275 टीमें दिल्ली के प्रमुख चौराहों, होटलों, पब व सड़कों पर तैनात रहेंगी। शराब पीकर वाहन चलाने वालों को पकड़ने के लिए पीसीआर व स्थानीय पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। ऐसे लोगों के वाहन जब्त कर मामला दर्ज किया जाएगा।

अफगानिस्तान में बच्चों का हो रहा गंभीर उत्पीड़न, बुनियादी सेवाएं तक है पहुंच से दूर; यूएन रिपोर्ट का दावा

22 दिसंबर, 2023 को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की बुनियादी सेवाओं तक पहुंच बाधित हुई है। इसका अहम कारण लंबे संघर्ष, विस्थापन, अत्यधिक गरीबी, खाद्य असुरक्षा रही है।

अफगानिस्तान में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि ने एक नई रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने कहा कि देश में बच्चे अत्यधिक असुरक्षित हैं। 22 दिसंबर, 2023 को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की बुनियादी सेवाओं तक पहुंच बाधित हुई है। इसका अहम कारण लंबे संघर्ष, विस्थापन, अत्यधिक गरीबी, खाद्य असुरक्षा रही है। साथ ही आजीविका के अवसरों की कमी और सार्वजनिक सेवाओं में निवेश की कमी सहित प्राकृतिक आपदाएं भी खास वजह रही हैं। यौन हिंसा, स्कूल छोड़ने और असुरक्षित प्रवासन, जिसमें पाकिस्तान से जबरन वापसी भी शामिल है, जैसे गंभीर उत्पीड़न के प्रति उनकी संवेदनशीलता बढ़ रही है।” 

रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों की माध्यमिक और तृतीयक शिक्षा के अनिश्चितकालीन निलंबन ने उनके शिक्षा के अधिकारों को प्रभावित किया। उनके बढ़ते जोखिमों और हानिकारक मुकाबला तंत्रों के सामने उजागर किया। 

तालिबान से किया मदद का आग्रह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 16 वर्षीय महबूबुल्लाह के प्रोफाइल तैयार हुए, जो छह लोगों के अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काबुल में एक दुकान पर काम कर रहा है। महबूबुल्लाह ने गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करने की शिकायत की और तालिबान से उसकी मदद करने का आग्रह किया। 

उन्होंने कहा, ‘हमें एक मुकाम तक पहुंचने और भविष्य में कुछ बनने के लिए पढ़ाई करनी चाहिए। ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो जूता पॉलिश करने वाले या अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल मिलाकर, 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 के बीच कुछ महीनों से लेकर 17 साल की उम्र के 3,545 बच्चों के खिलाफ 4,519 गंभीर उत्पीड़न का सत्यापन किया गया, जिनमें से अधिकांश के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया गया’। 

तालिबान कर रहा बच्चों के समर्थन का दावा
इधर, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे बच्चों का समर्थन कर रहे हैं और तालिबान के लड़ाकों में कोई किशोर नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पहले से यह नियम है कि जो किशोर हैं उन्हें काम करने की अनुमति नहीं है। अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात के सत्ता में आने के बाद, सभी सुरक्षा विभागों में पेशेवर नियुक्तियां हैं, और उनमें कोई किशोर नहीं है’।

इस्राइल ने हमास के 200 ठिकानों पर किए हमले; 166 फलस्तीनी मार गिराए, 14 इस्राइली सैनिकों की भी मौत

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि इसी अवधि में इस्राइली हमले में कम से कम 166 फलस्तीनी मारे गए। वहीं 384 घायल हो गए। उन्होंने यह दावा भी किया है कि युद्ध के दौरान 14 इस्राइली सैनिक भी मारे गए। 

इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग के थमने के आसार कही भी नजर नहीं आ रहे। इस बीच,इस्राइली सेना ने गाजा में 24 घंटे के भीतर हमास के 200 ठिकानों पर हमले किए। इन हमलों में फलस्तीन के 166 लोगों के मारे गए हैं। इस्राइली सेना ने रविवार को जानकारी दी कि हमलों के दौरान हमास के ठिकानों की भी जांच की गई। सैनिकों को हमास के ठिकानों से बड़ी संख्या में हथियार व गोला-बारूद बरामद हुए। 

इस्राइली सैनिकों की भी मौत
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि इसी अवधि में इस्राइली हमले में कम से कम 166 फलस्तीनी मारे गए। वहीं 384 घायल हो गए। उन्होंने यह दावा भी किया है कि युद्ध के दौरान 14 इस्राइली सैनिक भी मारे गए।

इस्राइली सेना ने जब्त किया हमास का हथियार गोदाम 
इस्राइली सेना ने रविवार को बताया कि उत्तरी गाजा का एक आवासीय भवन वास्तव में हमास का हथियार गोदाम था। सैनिकों को तलाशी के दौरान वहां बच्चों के अनुकूल विस्फोटक ‘क्षेत्र, दर्जनों विस्फोटक, सैकड़ों ग्रेनेड व खुफिया दस्तावेज बरामद हुए। यह भवन स्कूलों, एक क्लीनिक व एक मस्जिद के बगल में था। 

दराज-तुफाह के स्कूल से बड़ी संख्या में हथियार बरामद
इस्राइली सेना ने बताया कि दराज-तुफाह में अभियान के दौरान एक स्कूल की तलाशी ली गई, जहां से बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए। इनमें रॉकेट व अन्य उपकरण शामिल थे, जो हमास की नौसेना कमांडो यूनिट के थे। उत्तरी गाजा में एक अन्य अभियान के दौरान सैनिकों ने बड़ी संख्या में आतंकियों की पहचान की, जो एक सैन्य ठिकाने से निकल रहे थे। वहां हमास ने निगरानी डिवाइस लगा रखी थी। इसके बाद सेना के हवाई हमला करके भवन व आतंकियों को खत्म कर दिया। 

सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनिएल हगारी ने शनिवार रात मीडिया को बताया कि जमीनी युद्ध शुरू होने के बाद से अबतक सैनिकों ने 30 हजार से ज्यादा विस्फोटक उपकरण जब्त किए हैं। इनमें एंटी टैंक मिसाइलें व रॉकेट शामिल हैं। उन्होंने कहा, गाजा में बड़ी संख्या में हथियार मौजूद हैं।

उत्तरी गाजा पर नियंत्रण का दावा
इस्राइल ने दावा किया कि उसने उत्तरी गाजा पर लगभग नियंत्रण हासिल कर लिया है और दूसरे इलाकों में हमास आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ने की योजना बना रहा है। उधर, जबालिया के बाशिंदों ने रातभर इस्त्राइली गोलाबारी की सूचना दी।

बाइडन और नेतन्याहू के बीच बैठक
उधर, व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपि जो बाइडन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ युद्ध पर चर्चा की। इस दौरान बाइडन ने नागरिकों और मानवीय मदद का समर्थन करने वाले लोगों की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

खुद तय करते हैं सैन्य अभियान: नेतन्याहू
 इस्त्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें यह दावा किया गया था कि अमेरिका ने इस्राइल को इस बात पर राजी कर लिया है कि वह साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के दौरान सैन्य अभियान का विस्तार नहीं करेगा। नेतन्याहू ने कहा, इस्राइल एक संप्रभु राष्ट्र है। हमारे सैन्य निर्णय, हमारी अपनी गणना पर आधारित होते हैं।

गाजा की ये है वर्तमान स्थिति
इस जंग के कारण गाजा एक बड़े खंडहर में तब्दील हो गया है। इसके 2.4 मिलियन लोग इस्राइली घेराबंदी के कारण पानी, भोजन, ईंधन और दवा की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन हुआ है।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के अस्सी प्रतिशत लोग विस्थापित हो गए हैं। कई लोग दक्षिण की ओर भाग गए हैं और अब अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं। 

 न तो रोशनी और न ही क्रिसमस ट्री, बेथलहम में सिसकियों की गूंज; क्रिससम पर जश्न की जगह पसरा मातम

येरूशलम के आर्कबिशप पियरबेटिस्टा पिज्जाबल्ला ने रविवार को चर्च ऑफ द नैटिविटी में कहा कि हमाका विशेष ध्यान गाजा में पीड़ित हमारे ईसाई समुदायों के साथ है। हम यहां प्रार्थना करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में युद्धविराम ही पर्याप्त नहीं है, हमें इस शत्रुता को रोकना होगा। हिंसा से केवल हिंसा ही उत्पन्न होती है।

पूरी दुनिया जहां क्रिसमस का जश्न मना रही है वहीं, ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में रोशनी की बजाय अंधेरा छाया हुआ है। वहां क्रिसमस कैरोल की जगह लोगों की सिसकियों की आवाजें गूंज रही हैं। हर साल क्रिसमस पर जहां बेथलहम लोगों से गुलजार रहता था वहीं इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर को बेथलहम में निराशा और वीरानी देखने को मिली। ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में इस्राइल-हमास की जंग के कारण कोई जश्न नहीं मनाया गया। वहां न तो कोई रोशनी की गई और न ही कोई क्रिसमस ट्री नजर आया। 

फलस्तीनी सुरक्षा बल करते रहे गश्त 
इस्राइल और हमास के बीच जारी जंग को देखते हुए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर यहां फलस्तीनी सुरक्षाकर्मी बड़ी संख्या में गश्त करते रहे। उनके बूटों की आवाजों से इलाका गूंजता रहा। यीशु मसीह के जन्मस्थान के रूप में माने जाने वाले वेस्ट बैंक शहर में क्रिसमस समारोह को प्रभावी ढंग से रद्द कर दिया गया। येरूशलम के आर्कबिशप पियरबेटिस्टा पिज्जाबल्ला ने रविवार को चर्च ऑफ द नैटिविटी में कहा कि हमाका विशेष ध्यान गाजा में पीड़ित हमारे ईसाई समुदायों के साथ है। हम यहां प्रार्थना करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में युद्धविराम ही पर्याप्त नहीं है, हमें इस शत्रुता को रोकना होगा। हिंसा से केवल हिंसा ही उत्पन्न होती है।

उन्होंने बताया कि सभी क्रिसमस समारोह रद्द कर दिए गए हैं। जब हम घंटियों की आवाज के बजाय टैंकों और बमबारी की आवाज़ सुन रहे हों तो हम कैसे जश्न मनाएँगे? 

हमास ने कही ये बात
इस बीच, हमास ने रविवार को फलस्तीनी ईसाइयों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने ईसाई फलस्तीनी लोगों की सम्मानजनक राष्ट्रीय स्थिति को महत्व देते हैं। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक करने वाली पोस्ट शेयर की है। उन्होंने  कहा कि “लगातार नुकसान, दुःख और विनाश के साथ ‘मेरी क्रिसमस’ मनाने वालों को शुभकामनाएं देना कठिन है।”

बेथलहम के लिए बड़ा आर्थिक झटका
क्रिसमस के जश्न को रद्द करने से इस शहर की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। यीशु के जन्मस्थान वाले शहर की आय का बड़ा हिस्सा पर्यटन से आता है और यहां सबसे ज्यादा पर्यटक क्रिसमस के दौरान आते हैं। अब जबकि हमास और इस्राइल के बीच जंग चल रही है तो ऐसे में कई प्रमुख एयरलाइन्स ने इस्राइल के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। ऐसे में यहां पर्यटक बहुत कम संख्या में आ रहे हैं। 

गाजा की क्या है वर्तमान स्थिति
इस जंग के कारण गाजा एक बड़े खंडहर में तब्दील हो गया है। इसके 2.4 मिलियन लोग इस्राइली घेराबंदी के कारण पानी, भोजन, ईंधन और दवा की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन हुआ है।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के अस्सी प्रतिशत लोग विस्थापित हो गए हैं। कई लोग दक्षिण की ओर भाग गए हैं और अब अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं। 

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