मतदान 19 अप्रैल से शुरू, 1 जून को खत्म; 4 जून को आएंगे नतीजे,सात चरण में चुनाव और होगी हर दावे की अग्निपरीक्षा
अगले लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। ये सात चरण में होंगे। पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा। सातवें चरण के लिए 1 जून को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे। इस पूरी कवायद में भारी भरकम खर्च होगा। देश में लोकसभा का अगला चुनाव सात चरणों मे होगा। इलेक्शन कमीशन (EC) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा के पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा। दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 7 मई, चौथे चरण के लिए 13 मई, पांचवें चरण के लिए 20 मई, छठे चरण के लिए 25 मई और सातवें चरण के लिए 1 जून को वोटिंंग होगी। नतीजों का ऐलान 4 जून को होगा। इस तरह चुनावी कवायद को पूरा होने में करीब डेढ़ महीने का वक्त लगेगा। आइए, यहां जानते हैं देश के पहले चुनाव पर कितना खर्च हुआ था, तब से इस खर्च में कितनी बढ़ोतरी हो गई है, इस खर्च को कौन उठाता है?
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का शनिवार को ऐलान हो गया। इसी के साथ आचार संहिता भी लागू हो गई। 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। वोटिंग से लेकर नतीजे तक इसमें 46 दिन लगेंगे।
लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी कर दी गई हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। बाकी तीन राज्यों में एक फेज में चुनाव होंगे। अरुणाचल और सिक्किम में 19 अप्रैल, आंध्र प्रदेश में 13 मई को वोट डाले जाएंगे।
इलेक्शन शेड्यूल में सीटों की संख्या 543 से बढ़कर 544 सीटें हो गई है। इसकी वजह मणिपुर की आउटर मणिपुर लोकसभा सीट है। इस लोकसभा सीट में 28 विधानसभा सीटें है। 15 विधानसभा सीटों में 19 अप्रैल को और 13 विधानसभा सीटों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
इलेक्शन शेड्यूल में 543 की जगह 544 सीटें क्यों हैं?
मणिपुर में 2 लोकसभा सीटें- इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर हैं। इनर मणिपुर में 19 अप्रैल को और आउटर मणिपुर में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को चुनाव होंगे।
आउटर मणिपुर में कुल 28 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 15 सीटों पर 19 अप्रैल को लोकसभा के लिए मतदान होगा। इसमें हेइरोक, वांगजिंग तेन्था, खंगाबोक, वबागाई, ककचिंग, हियांगलाम, सुगनू, चंदेल (एसटी), सैकुल (एसटी), कंगपोकपी, सैतु (एसटी), हेंगलेप (एसटी), चुराचांदपुर (एसटी), सैकोट (एसटी), और सिंघाट (एसटी) शामिल हैं।
इसके अलावा, आउटर मणिपुर की बाकी 13 विधानसभा सीटों में 26 अप्रैल को मतदान होगा। ये हैं जिरीबाम, तेंगनौपाल (एसटी), फुंगयार (एसटी), उखरुल (एसटी), चिंगाई (एसटी), करोंग (एसटी), माओ (एसटी), तडुबी (एसटी), तामेई (एसटी), तामेंगलोंग (एसटी), नुंगबा (एसटी), टिपाईमुख (एसटी), और थानलॉन (एसटी)।
इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था। इसलिए इलेक्शन शेड्यूल के सभी 7 फेज में सीटों की संख्या 543 से बढ़कर 544 सीटें हो गई।
चुनाव आयोग ने आज 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया।
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी एक फेज में 19 अप्रैल को मतदान होगा। आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक फेज में वोटिंग होगी। ओडिशा में चार चरणों में 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को वोट डाले जाएंगे।
इनके अलावा गुजरात की 5, यूपी की 4, हरियाणा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु की 1-1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। यहां उस क्षेत्र में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही नोटिफिकेशन जारी होगा और वोटिंग होगी।
सभी राज्यों में काउंटिंग लोकसभा चुनावों की काउंटिंग के साथ 4 जून को होगी।
यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर 7 फेज में चुनाव होंगे। पहले फेज का नामांकन 27 मार्च को और वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। जबकि आखिरी फेज का नामांकन 14 मई और वोटिंग 1 जून को होगी। नतीजे 4 जून को आएंगे। सबसे ज्यादा 5वें और 6वें चरण में 14-14 सीटों पर वोटिंग होगी। सबसे कम पहले फेज में 8 सीटों पर मतदान होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के 370 के पार और एनडीए 400 सीटों के आंकड़े को पीछे छोड़ देने का दावा किया है। चुनाव आयोग ने सात चरण में चुनाव कराने की घोषणा की है। 04 जून को नतीजे आएंगे। भाजपा के नेता जीत का जितना बड़ा किला बना रहे हैं, विपक्ष के नेता उस पर चुटकी ले रहे हैं। समाजवादी पार्टी के संजय लाठर कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता ही बता देगी कि कितने पर अटक गई भाजपा। महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता अनिल देशमुख कहते हैं कि भाजपा और एनडीए की हवाइयां उड़ी हैं। आप उन्हें 400 के पार भेज रहे हैं? सरकार तो विपक्ष की बनेगी। प्रतिक्रिया में टीएमसी की राज्यसभा सांसद का कहना है कि हमें अपना पता है। पश्चिम बंगाल में भाजपा का खाता खुल जाए तो बड़ी बात है।
मणिपुर में 19 और 26 अप्रैल को मतदान; एक सीट पर दो चरणों में वोटिंग
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इनर मणिपुर संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। यह जनरल कैटेगरी की लोकसभा सीट है। आउटर मणिपुर संसदीय सीट पर 26 अप्रैल को मतदान कराए जाने हैं। यह लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक आउटर मणिपुर लोकसभा सीट पर दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे। ऐसा फैसला सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लिया गया है। मणिपुर की स्थिति बेहद संवेदनशील है ऐसे में चुनाव दो चऱणों में कराने का फैसला लिया गया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार कुछ अभिनव प्रयोग भी देखने को मिलेंगे।
पूरा चुनाव कार्यक्रम यहां समझिए
चुनाव आयोग ने बताया कि लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनावों की भी घोषणा की गई है। इसके अलावा 26 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी होंगे। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को खत्म होगा। सभी के नतीजे एक साथ चार जून को आएंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीट, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 89 सीट और 7 मई को तीसरे चरण में 94 सीट पर मतदान होगा। इसी तरह 13 मई को चौथे चरण के चुनाव के लिए 96 सीट पर, 20 मई को पांचवें चरण में 49 सीट, 25 मई को छठे चरण में 57 सीट, जबकि एक जून को सातवें एवं अंतिम चरण में 57 सीट पर मतदान होगा।
कौन उठाता है खर्च?
लोकसभा चुनाव का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती है। इसमें चुनाव आयोग के प्रशासनिक कामकाज से लेकर वोटर आईडी कार्ड बनाने, चुनाव में सुरक्षा, पोलिंग बूथ बनाने, ईवीएम मशीन खरीदने, मतदाताओं को जागरूक करने जैसे खर्च शामिल होते हैं।
कितना खर्च होने का अनुमान?
पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 पेश किया था। इसमें चुनाव खर्च के लिए आवंटन 2023 में 2,183.78 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,442.85 करोड़ रुपये हो गया है। इस आवंटन में से 1000 करोड़ रुपये लोकसभा चुनावों में जाएंगे। मतदाता पहचान पत्र के लिए आवंटन को बढ़ाकर 404.81 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 2023-24 में मतदाता पहचान पत्र के लिए संशोधित बजट 79.66 करोड़ रुपये था। ईवीएम के लिए बजटीय आवंटन 34.84 करोड़ रुपये है। अन्य चुनाव खर्चों के मद में कुल 1,003.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चुनाव आयोग को इस वित्तीय वर्ष में चुनाव कराने के लिए 321.89 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं। इसमें से 306.06 करोड़ रुपये चुनाव कराने में होने वाले खर्च के लिए हैं। सार्वजनिक कार्यों के लिए अलग रखी गई रकम 2.01 करोड़ रुपये है। प्रशासनिक सेवाओं के लिए किया गया आवंटन 13.82 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री ने पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान चुनाव-संबंधी खर्च के लिए 3,147.92 करोड़ रुपये और चुनाव आयोग के प्रशासन के लिए 73.67 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में 3,870 करोड़ रुपये की भारी रकम खर्च हुई थी।