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बुलडोजर एक्शन पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट आग बबूला,कहा-किसी का भी घर तोड़ना ‘फैशन’ बन गया है

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इंदौर: उज्जैन नगर निगम के बुलडोजर एक्शन पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने कहा कि “नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों” को ताक पर रख कर किसी का भी घर गिरा देना “फैशन” बन गया है. इस मामले में कोर्ट ने उज्जैन नगर निगम को उन दोनों याचिकाकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिनको घरों पर बुलडोजर चलाया गया था.

दरअसल, 13 दिसंबर 2023 को संदीपनी नगर स्थित राधा लांगरी और विमल गुर्जर के घरों पर बगैर किसी पूर्व सूचना के नगर निगम ने उनके घरों को ध्वस्त कर दिया था. इसको लेकर राधा लांगरी और विमल गुर्जर ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका डाली थी. इस मामले पर जस्टिस विवेक रुसिया की बेंच नगर निगम की अवैध कृत्य पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है. कोर्ट ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक रुसिया ने नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतो का पालन किए बिना कार्रवाई करने और डिमोलिश्न की कार्रवाई का सहारा लेने के अधिकारियों प्रवृत्ति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा कि इस मामले में जैसे याचिकाकर्ताओं के परिवारों के खिलाफ आपरादाकि मामला दर्ज किया गया था और फिर उनके घरों पर तोड़-फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

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