भोपाल. गिद्धों की संख्या में मप्र अव्वल है। यह दावा मप्र वन विभाग ने सोशल मीडिया मैसेंजिंग ऐप एक्स पर किया है। शुक्रवार दोपहर एक्स पर मैसेज पोस्ट कर एक वीडियो साझा किया है। इसमें बताया है कि प्रदेश में 10 हजार गिद्ध हो गए हैं। उधर, प्रदेश में गिद्धों की गणना के लिए विभाग की अधिकृत नोडल एजेंसी वन विहार की डायरेक्टर पदमाप्रिया बालाकृष्णन का कहना है कि अभी गणना में मिले साक्ष्यों का अध्ययन कर रहे हैं। रिपोर्ट जारी नहीं की है। बता दें, गिद्धों की गणना 73 वन मंडलों में 16 से 18 फरवरी तक की गई थी। इसमें मिले साक्ष्य के आधार पर बताया गया, करीब 800 से 1000 गिद्ध बढ़े हैं। यह दावा प्राथमिक तौर पर विभाग के कुछ अफसरों ने ही किया है।
आंकड़े बढऩा तय
बीते वर्ष की गणना के अनुसार, प्रदेश में 9448 गिद्ध थे। एक साल में संख्या बढ़ी है। भोपाल बर्ड संस्था की सदस्य डॉ. संगीता राजगीर ने बताया, गणना के साक्ष्य के आधार पर अध्ययन होता है। इसके बाद संख्या साफ होती है। वे बोलीं- संरक्षण पर बेहतर काम हुए हैं, इसलिए गिद्धों की संख्या बढ़ेगी।
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ भारत में
पूरी दुनिया के देशों में सबसे ज्यादा टाइगर भारत में ही हैं। भारत में टाइगर्स की संख्या 3167 है और इंडिया के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा बाघों वाला देश रूस है। यहां मात्र 540 टाइगर हैं। इस लिहाज से मध्यप्रदेश राज्य पूरी दुनिया के देशों को टक्कर दे रहा है।
घड़ियाल स्टेट मध्यप्रदेश
प्रदेश में सबसे अधिक घड़ियाल चंबल नदी में है। यहां के आंकड़ों से अन्य राज्यों की तुलना की गई तो यह सर्वाधिक हैं। अकेले चंबल नदी में ही 1255 घड़ियाल मिले ते। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसके अफसरों का कहना है कि टाइगर के संरक्षण के बाद अब जलीय जीव संरक्षण और संवर्धन के मामले में भी मध्यप्रदेश को बड़ी सफलता मिली है। बताया जाता है कि चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या खत्म होने की स्थिति में थी। तब दुनियाभर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे। इनमें से पूरे भारत में 96 और चंबल नदी में 46 घड़ियाल ही थे।