इंदौर के पास महू में आदिवासी युवती की संदेहास्पद मौत से गुस्साई भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने गोलियां दागी थीं, इससे एक मौत हुई थी, जबकि एक युवक घायल हुआ था। गोली लगने से युवक के पैर से खून का फव्वारा फूट पड़ा था। खून देखकर वह बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसके दो ऑपरेशन हुए। शनिवार को उसे छुट्टी दे दी गई। अब वह अपने घर गवली पलासिया पहुंच चुका है।
घायल युवक का नाम संजय कटारे है। वह पुलिस की गोली से गंभीर रूप से घायल हो गया था। तब उसका दोस्त उसे बाइक पर घर लेकर गया, जहां घर के बाहर खाट लगाकर सो रहे पिता बरसिंह ने बेटे को खून से लथपथ देखा तो उनके होश उड़ गए थे। खून रोकने के लिए दो गमछे उन्होंने बेटे की जांघ पर बांधे, लेकिन खून निकलना बंद नहीं हुआ।
ताबड़तोड़ चचेरा भाई और पिता उसे पास के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गए मगर वहां एडवांस रुपए जमा करने के लिए कहा गया। इसके बाद संजय को एम्बुलेंस से एमवाय अस्पताल लाकर भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने देखा तो अंदर गोली नहीं थी, सिर्फ छर्रे थे। गोली पैर के आर-पार हो गई थी। पुलिस ने संजय को उपद्रवी बताया है और उसके खिलाफ केस दर्ज किया है।
मैं रोजाना सुबह 8 बजे दिहाड़ी के लिए घर से महू के मजदूर चौक चला जाता हूं। उस दिन भी मजदूर चौक से ठेकेदार के साथ काम करने पीथमपुर चला गया था। माल (मकान निर्माण के लिए उपयोग होने वाली सामग्री) ज्यादा बन जाने की वजह से लौटने में देर हो गई। रास्ते में डोंगरगांव चौकी के पास लोगों की भीड़ लगी थी। मुझे पता नहीं था वहां क्या हो रहा था। करीब 1500 से 2 हजार लोग वहां थे।
‘भीड़ देख मैं भी वहां दो मिनट के लिए रुक गया। एक लाश भी पड़ी हुई थी। तभी देखा की पत्थर चलने लगे। मैं साइड में खड़ा था तभी सामने से गोली आकर पैर में लगी और मैं गिर गया। पैर से खून निकलने लगा। मैंने घर पर एक बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। खून देखकर मैं बेहोश हो गया और फिर मुझे होश ही नहीं आया। वहां पर खड़ा मेरा दोस्त मुझे लेकर घर आया। यहां से मुझे परिजन एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे।
पैर में गोली लगने के बाद से एमवाय अस्पताल में भर्ती संजय कटारे शनिवार शाम को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर गवली पलासिया स्थित अपने घर पहुंचा।
मेरे पैर का ऑपरेशन हुआ है। जिस पैर में गोली लगी है, उसके पंजे की उंगलियां काम नहीं कर रही थीं इसलिए सीधे पैर से नस निकाली है और उल्टे पैर में डाली है। अभी मैं ठीक से चल भी नहीं पा रहा हूं। डॉक्टरों ने कहा है कि धीरे-धीरे चलने की कोशिश करना। घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी। अब छोटे वाले भाई के ऊपर आ गई है। भेरुलाल मेरे घर के पास ही रहता था। मैं जानता था उसको। घर के आगे आकर रुकता था। ठेकेदार उसे काम पर ले जाने के लिए यहीं आते थे।’ बता दें कि घटना में भेरुलाल को भी पुलिस की गोली लगी थी और उसकी मौत हो गई।
महू में 15 मार्च की रात एक आदिवासी युवती की मौत के बाद हंगामा हो गया था। भीड़ ने चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस ने बचाव में फायरिंग की थी, जिसमें एक युवक भेरुलाल की मौत हो गई और संजय कटारे के पैर में गोली लगी थी।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी पर किया था पथराव
दरअसल, महू में 15 मार्च बुधवार शाम को डोंगरगांव पुलिस चौकी के सामने एक आदिवासी युवती की मौत पर उसके परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि दबंगों ने गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या की है। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा तो गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज किया और करीब 25 हवाई फायर भी किए।
इसी बवाल में पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक भेरुलाल की मौत हो गई, जबकि संजय कटारे के पैर में गोली लगी और वो गंभीर घायल हो गया। इस घटना के बाद आईजी आर. गुप्ता ने कहा था कि- पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में 12 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बडगोंदा थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर गंभीर रूप से घायल हुए। उनकी आंख में चोट लगी।
घटना के बाद लड़की के परिवार वालों ने दावा किया था कि हमें 15 मार्च को फोन आने पर ही पता चला कि आदिवासी युवती इस लड़के (आरोपी यदुनंदन) के घर में थी। वो तो धामनोद में पढ़ती है। वहां से गवली पलासिया कैसे आ गई। उसका अपहरण किया गया था, फिर मार दिया और कहानी गढ़ दी गई। बता दें कि आरोपी युवक यदुनंदन के घर में पानी गर्म करने की रॉड से करंट लगने से युवती की मौत होना बताया गया था। आरोपी युवक अपनी मां के साथ रहता था।
युवती का युवक के घर आना-जाना था। आरोपी युवक यदुनंदन की मां राधा बाई कह चुकी है कि डेढ़ साल से युवती और यदुनंदन का अफेयर चल रहा था, ये बात उसके घरवालों को भी पता थी। 6 दिन से लड़की हमारे घर में ही रह रही थी। बुधवार को मैं और मेरा बेटा मजदूरी पर चले गए। घर में वो अकेली थी। इसी दौरान वह बिजली की रॉड से पानी गर्म कर रही थी, तभी करंट लगने से उसकी मौत हो गई।