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प्रोसेसिंग इंडस्ट्री व एक्सपोर्ट की ज्यादा डिमांड से 25% तक महंगा है आम

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इंदौर

इंदौर में आम आए करीब महीनाभर होने को है, लेकिन अब तक दाम खास ही बने हुए हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि रत्नागिरि, देवगढ़, केरल, बेंगलुरू, आंध्रप्रदेश जैसे प्रमुख आम उत्पादक क्षेत्रों में फसल 20 फीसदी तक खराब हो गई है। इसके अलावा एक्सपोर्ट खुल जाने के कारण इस बार खाड़ी देशों से आम की जबरदस्त मांग आ रही है।

साथ ही उत्पादक क्षेत्रों की प्रोसेस इंडस्ट्री में भी खपत बढ़ी है। इसके चलते आम के दामों में सामान्य से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। चोइथराम मंडी में महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश के कुछ शहरों से लगभग 10 गाड़ी करीब 1 लाख किलो आम प्रतिदिन पहुंच रहा है।

कारोबारियों का कहना है कि शुरुआत में हर साल दाम में तेजी ही रहती है। मई अंत से जून मध्य तक दाम कम होते हैं, जब देश के अधिकतर हिस्सों से आम इंदौर आने लगता है। हालांकि इस बार दाम में खास कमी के आसार कम ही हैं।

रत्नागिरि, देवगढ़ से 500 पेटी हापुस रोज आ रहा है

रत्नागिरि व देवगढ़ से रोज 500 पेटी हापुस आ रहा है। थोक में 150 से 200 रु. किलो है। विजयवाड़ा व आंध्रा से 25 फरवरी से बादाम की आवक हो रही है। रोज 15 गाड़ी आ रहा है। केरल से काला पहाड़, पायरी, लाल पट्‌टा, हापुस 15 मार्च के बाद से आने लगा है।

बारिश लेट और ठंड ज्यादा इससे घटी आम की उपज

रत्नागिरि जिला सहकारी अम्बा उत्पादक संघ अध्यक्ष प्रदीप सावंत के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले फूल अच्छे थे, लेकिन बारिश देर से हुई और ठंड ज्यादा रही, इससे फसल कम आई। अभी हापुस 900 से 1600 रु. प्रति दर्जन बिक रहा है। आखिर में रेट कुछ कम 700 से 1400 रुपए दर्जन तक आ सकते हैंं।

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