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मनवीर सिंह चुंडावत के स्टिंग ऑपरेशन से हुआ नीट और जेईई की परीक्षा में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़

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डमी से परीक्षा दिलाव कर डफर स्टूडेंट को पास करवा रहे हैं धंधेबाज। 
आरोपियों ने कहा हमारे इस गैर कानूनी कामों में सरकार के मंत्री तक शामिल हैं

एस पी मित्तल अजमेर

11 सितंबर को अजमेर रेंज के आईजी एस सेंगाथिर के हवाले से सभी अखबारों में छपा है कि पुलिस ने उस गिरोह का भंडाफोड किया है जो नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में रिश्वत लेकर स्टूडेंट को पास करने की गारंटी लेते हैं। पुलिस ने जयपुर से अर्पित व गजेन्द्र स्वामी तथा कोटा से मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार भी किया है। असल में इस मामले के पीछे जी न्यूज़ के संवाददाता मनवीर सिंह चुंडावत का स्टिंग ऑपरेशन रहा है। इस ऑपरेशन का प्रसारण 10 सितंबर को सायं पांच बजे जी मीडिया समूह के राष्ट्रीय न्यूज चैनल जी हिंदुस्तान और राजस्थान के प्रादेशिक चैनल पर एक साथ हुआ। इससे जयपुर से लेकर दिल्ली तक में हड़कंप मच गया। मनवीर सिंह इस स्टिंग ऑपरेशन पर पिछले एक वर्ष से मेहनत कर रहे थे। मनवीर ने ही सबसे पहले जयपुर के पिंक स्क्वायर मॉल, वसंत का ढाबा तथा राजापार्क स्थित किंग कॉर्नर होटल आदि स्थानों पर गिरोह के सदस्यों से मुलाकात की। अलग अलग दौर की बातचीत में अर्पित और अलवर की बानसूर तहसील के निवासी गजेंद्र स्वामी ने मनवीर को बताया कि वे पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट को नीट जेईई जैसी परीक्षाओं में पास करवाने की गारंटी लेते हैं। परीक्षा लेने वाले विभागों में उनकी सेंटिंग है, इसलिए वे परीक्षा केंद्र का निर्धारण भी अपनी मर्जी से करवाते है। मनमाफिक शिक्षण संस्थान में परीक्षा केंद्र निर्धारित करवाने के बाद वे परीक्षा में डमी स्टूडेंट को बैठाते हैं। यानी असली के बजाए नकली स्टूडेंट से परीक्षा दिलवाई जाती है। नकली स्टूडेंट्स का इंतजाम कोटा के मशहूर कोचिंग सेंटरों में पढऩे वाले होशियार स्टूडेंट्स से किया जाता है। इन नकील स्टूडेंटों को भी हजारों रुपए का भुगतान किया जाता है। यदि नकली स्टूडेंट भी हमारे मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं तो हम ओएमआर सीट में भी गड़बड़ी करवा देते हैं। यह सारा खेल आपसी मिलीभगत का है और इसमें मंत्री तक शामिल हैं। नीट की परीक्षा में पास करवाने के लिए ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 70 लाख तथा सामान्य वर्ग के लिए एक करोड़ रुपए तक लिए जाते हैं। अर्पित और गजेंद्र ने मनवीर को बताया कि किस प्रकार विद्यार्थियों के दस्तावेजों में भी बदलाव किया जाता है। प्रतिवर्ष करीब एक हजार डफर स्टूडेंटों को पास करवाया जाता है। गिरोह के माध्यम से सिलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स को सरकार मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने की गारंटी भी दी जाती है। जी न्यूज़ के संवाददाता मनवीर ने दलालों से जब भी बातचीत की तो खुफिया कैमरा साथ होता था, इसलिए सारी बातचीत का वीडियो भी तैयार हो गया। यह वीडियो ही पुलिस को उपलब्ध करवाया गया। गिरोह के सदस्यों ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के मालिकों की लूट खसोट भी उजागर की। दलालों ने बताया कि सरकार संस्थान ही मेरिट के हिसाब से प्राइवेट कॉलेजों का निर्धारण करते हैं। कई बार संबंधित स्टूडेंट कॉलेज में प्रवेश नहीं लेता है। नियम है कि खाली रही सीट पर सरकार ही नए स्टूडेंट का निर्धारित करेगी, लेकिन यदि कोई स्टूडेंट प्रवेश के बाद कॉलेज छोड़ देता है तो फिर कॉलेज के मालिक नए स्टूडेंट को प्रवेश देने के लिए स्वतंत्र होते हैं। यानी खाली सीट मैनेजमेंट कोटे में चली जाती है। प्रतिवर्ष ऐसा होता है कि अनेक स्टूडेंट प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं लेते हैं। ऐसे स्टूडेंटों का पता लगाकर पहले कॉलेज में प्रवेश करवाया जाता है और नाम कटवा कर सीट को मैनेजमेंट कोटे में डलवाया जाता है। हर कॉलेज मालिक जरुरतमंद स्टूडेंट से करोड़ों रुपया लेते हैं। इसका फायदा वो ही स्टूडेंट उठाते हैं, जिनके परिवार के सदस्य बड़ा अस्पताल चलाते हैं। ऐसे डफर स्टूडेंट को सिर्फ एमबीबीएस की डिग्री लेनी होती है।
12 सितंबर को होनी है नीट की परीक्षा:
नीट और जेईई की परीक्षा में घोटाले का भंडाफोड़ तब हुआ है जब नीट की परीक्षा 12 सितंबर को होनी है। जी न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन के बाद योग्य विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने का अवसर मिलेगा। यदि भंडाफोड़ नहीं होता तो गिरोह के सदस्य डफर स्टूडेंट्स को पास करवा लेते। संवाददाता मनवीर सिंह के स्टिंग ऑपरेशन को प्रभावी तरीके से राष्ट्रीय चैनल जी हिंदुस्तान पर प्रसारित करवाने में जी मीडिया के सीईओ पुरुषोत्तम वैष्णव और प्रादेशिक चैनल के संपादक मनोज माथुर की सकारात्मक भूमिका रही।

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