इंदौर
टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर की देश की कई प्रमुख कंपनियां मप्र में निवेश की योजना पर काम कर रही हैं। इंदौर सहित कई अन्य जिलों में जल्द ही करीब 12 कंपनियां अपनी इंडस्ट्री शुरू करने वाली हैं। मप्र से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में उन्हें भविष्य की कई संभावनाएं दिख रही हैं।
मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) के मुताबिक कुछ मल्टीनेशनल ब्रांड भी आएंगे। राजस्थान की न्यू झील फैशन वियर बदनावर में भूमिपूजन कर चुकी है। यह करीब 250 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है।
17 एकड़ में कंपनी का प्रोडक्शन जब पूरी तरह शुरू होगा तो 12 हजार को रोजगार मिलेगा। धार जिले के ही जैतापुर में काशीदा अपेरल्स प्रा. लि. (बीबा) ने 18 एकड़ जमीन ले ली है। कंपनी 53 करोड़ का निवेश करेगी और 1250 रोजगार देगी।
उज्जैन में बच्चों के कपड़े बनाने वाली बेस्ट काॅर्पोरेशन की यूनिट बनकर तैयार है। यहां अगले महीने से प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा। इसमें 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, जिसमें 90 प्रतिशत रोजगार महिलाओं काे मिलेगा। उज्जैन में ही प्रतिभा की अगली यूनिट आ चुकी है। यहां भी 4 हजार लोगों को रोजगार मिलना है।
15 से अधिक कंपनियां तलाश रही जमीन-
भोपाल में गोकुलदास एक्सपोर्ट की इकाई की शुरुआत हाल ही में सीएम ने की थी। नीमच में कोटा की कंपनी एक्सपोर्ट के हिसाब से 50 एकड़ जमीन चाहती है। कंपनी 300 करोड़ का निवेश करना चाहती है। भीलवाड़ा की एक कंपनी नीमच के पास झांझरवाड़ा में जगह तलाश रही है। सूत्रों का कहना है दिल्ली, बेंगलुरू, त्रिचूर से 15 से ज्यादा कंपनियां जमीन तलाश रही हैं।
सीसीआईपी की रियायतें भी कर रहीं आकर्षित
कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट प्रपोजल 100 करोड़ से अधिक के निवेश पर निवेशकों को अतिरिक्त सुविधाएं व लाभ देती हैं। इसी के चलते इंदौर में टीसीएस और इन्फोसिस को रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराई गई थी।
कई कंपनियों से किया संपर्क, अधिकांश ने दिखाई रुचि
एमपीआईडीसी के प्रयासों के बाद ट्रेंड सेटर्स इंटरनेशनल, रिचा ग्लोबल एक्सपोर्ट्स, मोडेलामा, मैट्रिक्स क्लोदिंग, पर्ल ग्लोबल, रेमंड, पेज इंडस्ट्रीज (जॉकी), आदित्य बिड़ला फैशन सहित कई कंपनियांे ने भी रुचि दिखाई है।
ये सुविधाएं और मिले तो कई कंपनियाें के आने की संभावना
- दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू के कई ग्रुप ने सरकार को दिए सुझाव में कहा है कि मेनपॉवर की उपलब्धता का सर्वे कर स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर प्लग एंड प्ले सुविधा दी जाए।
- एमएसएमई इकाइयों को प्रमोट करने के लिए पॉलिसी में प्रावधान किए जाए।
- स्किल डेवलपमेंट पर सरकार काम करें तो कंपनियां अधिक रुचि लेंगी।
- कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाएं, जहां इकाइयों के शोरूम, सिटी ऑफिस और प्रदर्शनी एरिया भी हो।
- सिंगल पाइंट कॉन्टैक्ट ऑफिसर नियुक्त किए जाए, ताकि निवेशकों को सुविधा हो।
टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में निवेश को लेकर कई बड़े प्लेयर्स में भारी उत्साह है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड सहित अन्य राज्यों के कई ग्रुप आ रहे हैं। कुछ ने प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। एक साल में और भी कंपनियां काम शुरू कर देंगी।
– मनीष सिंह, एमडी, एमपीआईडीसी