इस समय पूरे देश में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान का विरोध तेज हो गया है। फिल्म के गाने ‘बेशर्म रंग’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकिनी पहनने और बोल्ड दृश्यों के चलते हिंदू संगठन और सामाजिक संगठन फिल्म का विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ कई मुस्लिम संगठनों ने भी पठान फिल्म को मुस्लिमों की भावनाओं के खिलाफ बताते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की है। हालांकि इस बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जो फिल्म पठान और शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण के समर्थन में उतर आए हैं।
स्वरा भास्कर :
बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने खुलकर फिल्म पठान का समर्थन किया है और फिल्म का विरोध करने वालों को लताड़ भी लगाई है। उन्होंने मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘हमारे देश के नेताओं को अभिनेत्रियों के कपड़ों को देखने से फुरसत मिलती तो क्या पता कुछ काम भी कर लेते।’
अखिलेश यादव :
सामजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पठान फिल्म को लेकर चल रहे विवाद में शाहरुख खान का समर्थन किया है। उन्होंने शाहरुख खान का एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि, ‘नाकारत्मकता सोशल मीडिया की खपत को बढ़ाती है और इस तरह इसके सामूहिक नैरेटिव को बल मिलता है, जो सोशल मीडियो को विभाजनकारी और विनाशकारी बनाती हैं। सिनेमा एक काउंटर नैरेटिव को बनाए रखने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है।’
प्रकाश राज :
अभिनेता प्रकाश राज भी उन लोगों में से एक हैं जो इस पूरे विवाद में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के समर्थन में खड़े है। उन्होंने इनका समर्थन करते हुए लिखा है कि, ‘#Besharam BIGOTS.. तो ये ठीक है जब भगवा कपड़े पहना शख्स रेपिस्ट को हार पहनाता है। हेट स्पीच देता है, ब्रोकर विधायक, भगवा कपड़े पहनने वाले स्वामीजी बच्चों का रेप करते हैं। लेकिन ये किसी फिल्म की ड्रेस नहीं हो सकती?’
नुसरत जहां :
तृणमूल कांग्रेस नेता और बांगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां ने भी इस मामले में बयान जारी करते हुए शाहरुख खान का समर्थन किया है। एक न्यूज़ टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए नुसरत ने कहा है कि, ‘लोगों को हर चीज़ से दिक्कत है। उन्हें महिलाओं के हिजाब पहनने से दिक्कत है। उन्हें महिलाओं के बिकनी पहनने से दिक्कत है।’
अमिताभ बच्चन :
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने सीधे तौर पर तो फिल्म पठान या शाहरुख खान को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने सेंसरशिप का मुद्दा उठाते हुए कहा, ”मुझे यक़ीन है कि मंच पर मेरे सहयोगी इस बात से सहमत होंगे कि अब भी नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।”