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महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता मामले पर मैराथन सुनवाई शुरू

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महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से अविभाजित शिवसेना के विधायकों को अयोग्य ठहराने से संबंधित एक मामले में सवाल -जवाब किया गया। प्रभु से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने सवाल-जवाब किया।

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे सेना के विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका की सुनवाई मंगलवार से फिर शुरू हुई। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने साफ किया है कि सुनवाई नियम कानून के तहत ही किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अयोग्यता मामले की सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। विधानसभा अध्यक्ष के सामने मंगलवार की सुबह सुनवाई शुरू हुई। जिरह के दौरान शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक व मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सारे सवाल पूछे, जिसका प्रभु ने उत्तर दिया। ज्यादातर समय इनके बीच जिरह में ही निकल गया। अब बुधवार की सुबह 11 बजे फिर से जिरह होगी। बुधवार 22 नवंबर से 24 नवंबर और तीन दिनों के अवकाश के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार सुनवाई होगी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पहले ही साफ कर चुके हैं कि जरूरत पड़ी, तो नागपुर में शीतकालीन सत्र के दौरान भी सुनवाई करेंगे। मंगलवार को सुनवाई की नई समय सारिणी सामने आई है।

शिवसेना विधायकों की तरफ से 34 याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई छह ग्रुप में की जा रही है, जबकि शिंदे गुट लगातार अलग-अलग सुनवाई की मांग कर रहा है। उद्धव व शिंदे गुट की पूरी बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी याचिकाओं को 6 समूह में बांटकर सुनवाई करने का फैसला लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट में अयोग्यता मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने निर्देश दिया था कि शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के संबंध में 31 दिसंबर तक निर्णय लिया जाए। कोर्ट के निर्देश के बाद विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने सुनवाई से संबंधित नया शेड्यूल तैयार किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि 31 दिसंबर से पहले विधानसभा अध्यक्ष सुनवाई पूरी कर फैसला सुना देंगे।

सुनील प्रभु ने दिए जवाब

विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे शुरू हुई। सुनील प्रभु को विटनेस बॉक्स में खड़ा किया गया। उस वक्त पर उद्धव सेना के सुनील प्रभु, अनिल देसाई, अनिल परब और अजय चौधरी थे। शिंदे सेना की ओर से उस वक्त कोई विधायक नहीं था। हालांकि, शिंदे सेना और उद्धव सेना के वकील मौके पर थे। सुनील प्रभु से गीता की शपथ लेकर कार्यवाही शुरू हुई। सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक जिरह चली। दोपहर में एक घंटे के लंच के बाद 2 बजे फिर कार्यवाही शुरू हुई, जो साढ़े चार बजे तक चली।

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