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बाजार को उम्मीद:अक्टूबर से दिवाली10 हजार करोड़ का कारोबार; रियल एस्टेट में 2700 करोड़ तो सोने में 500 करोड़ की खरीदी-बिक्री

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इंदौर

त्योहारी सीजन अक्टूबर व नवंबर में इस बार शहर में 10 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हो गया है। इससे सरकार को भी अकेले इंदौर से 700 करोड़ का टैक्स खाते में आएगा, वहीं पंजीयन विभाग से 270 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। सबसे ज्यादा कारोबार इस बार रियल एस्टेट सेक्टर और सोने में ही दिखाई दिया। लोगों ने भविष्य की बचत के हिसाब से इन दोनों सेक्टर में जमकर निवेश किया है।

त्योहारी सीजन में एक टन से अधिक का सोना बिक गया है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए है। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में 24 हजार से अधिक सौदे पंजीबद्ध किए गए और इन सौदों से 2700 करोड़ की संपत्तियां बिकी हैं, जिससे प्रदेश सरकार को 270 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिला। बीते साल इसी सीजन में केवल दो हजार करोड़ मूल्य की दो हजार संपत्तियां ही बिकी थीं और शासन को भी पंजीयन विभाग से 200 करोड़ का राजस्व मिला था।

ज्वेलरी, कपड़ा-किराना, लाइट-टेंट को उम्मीद

दिवाली के बाद अब कुछ दिन में शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। इस सेक्टर से ज्वेलरी और रेडीमेड सेक्टर के साथ ही मैरिज गार्डन, टेंट, डीजे, लाइटिंग, लाउड स्पीकर, मिठाई, किराना और पूरी होटल इंडस्ट्री को भी बड़े कारोबार की उम्मीद है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि 19 माह बाद फिर शादियों पर काफी कम प्रतिबंध है, अब शादियां 300 मेहमानों के साथ करने को मंजूरी मिली हुई है, इससे होटल, मैरिज गार्डन में भी बुकिंग फुल चल रही है।

इंदौर जिले का औसतन मासिक कारोबार साढ़े तीन से चार हजार करोड़ रुपए है
इंदौर जिले का औसतन मासिक कारोबार साढ़े तीन से चार हजार करोड़ रुपए का है, लेकिन त्योहारी सीजन में यह पांच से छह हजार करोड़ के बीच पहुंच गया। इस सीजन के लिए मप्र में दो माह में ही 15 लाख ई-वे बिल के माध्यम से अन्य राज्यों से 50 हजार करोड़ से ज्यादा का माल पहुंच गया था। साथ ही प्रदेश के अंदर करीब 12 लाख ई-वे बिल के माध्यम से 24 हजार करोड़ का माल इधर से उधर भेजा गया। इस पूरे कारोबार में इंदौर की हिस्सेदारी करीब 18 फीसदी रही।

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