भाजपा के वरिष्ठ विधायक और कई बार मंत्री रह चुके बुंदेलखंड से आने वाले भूपेन्द्र सिंह सरकार व संगठन से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। उनकी गिनती न केवल बुंदेलखंड बल्कि, प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं में होती है। ऐसे में उनके द्वारा जिस तरह से मोर्चा खोला गया है, उसके मायने अब राजनैतिक बीथिका में निकाले जा रहे हैं। दरअसल, जब भी प्रदेश में भाजपा की सरकार रही और वे विधायक बन कर आए तो उन्हें मंत्रिमंडल में जरूर शामिल किया गया है, लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ है, बल्कि सरकार में उनके धुर विरोधी और सागर जिले के ही दल बदलकर आने वाले गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बना दिया गया है। जिले से वे एक मात्र मंत्री हैं, सो स्वाभाविक है कि जिला प्रशासन भी उनकी बात मानता है। ऐसे में माना जा रहा है कि भूपेन्द्र सिंह की स्थानीय स्तर पर प्रशासन में पूछ परख कम हो चुकी है
। इसकी वजह से उन्हें नाराज बताया जा रहा है। उनकी यह नाराजगी विधानसभा के पहले ही दिन ध्यानाकर्षण के रुप में दिखाई दी। ध्यानाकर्षण सूचना में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने सागर जिले के मालथौन में एक अशासकीय शिक्षण संस्था के संचालन में अनियमितता का विषय उठाया। पूर्व मंत्री ने कहा कि आदर्श कॉन्वेंट स्कूल की जांच में अधिकारी ने कई गंभीर अनियमितता पाई थी। स्कूल में यहां शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन, छात्र-छात्राओं की मैपिंग नियमानुसार नहीं करने, शुल्क का वितरण पत्रक सही नहीं होने, खेल मैदान नहीं होने और फर्नीचर के अभाव में नीचे बैठाने की बात सामने आई। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर स्कूल बनाया गया है। इसको लेकर अधिकारियों ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने और अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया था। उन्होंने कहा इससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश है। स्कूली शिक्षामंत्री राव उदय प्रताप ने जवाब देते हुए कहा कि संस्था की मान्यता निरस्त की गई थी।
संस्था ने इस पर कोर्ट से स्थगन ले लिया। इस पर मंत्री ने कहा कि यह मामला एक घंटे में ठीक कर दूंगा, लेकिन इसके माध्यम से प्रदेश के मामले उठाने का प्रयास है। मध्य प्रदेश में कई स्कूल नियम विरुद्ध चल रहे हैं। कुछ स्कूल में खेल के मैदान नहीं, कुछ में यौन शोषण हुआ, फर्जी शैक्षणिक संस्थाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार नीति लाए। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्री जी इतना कह दीजिए कि सरकार अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार अच्छी नीति लाएगी तो जनता में अच्छा मैसेज जाएगा। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि समय के साथ आपको बदलाव दिखेगा। मैं यह बात जिम्मेदारी से कह रहा हूं। बात यहीं समाप्त नहीं होती है, बल्कि उन्होंने एक सोशल मीडिया फ्लेटफार्म को दिए साक्षात्कार में जो बातें कहीं हैं, उससे यह तो तय है कि वे अपनी उपेक्षा की वजह से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस से आए एक नेता द्वारा सागर जिले में भाजपा को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। यह नेता मंत्री हैं। वे पार्टी को समाप्त कर अपना प्रभाव जमाना चाहते हैं, जो उनके रहते तो नहीं हो सकता है। वे बगैर नाम लिए कहते हैं ऐसे नेता का क्या भरोसा कब पार्टी छोडक़र चले जाएं। जो एक बार दलबदल कर सकता है ,वह दोबारा भी कर सकता है। उनका कहना है कि मेरे जिले में दो लोगों को लेकर मेरी आपत्ति है , पहले भी थी और अब भी है। उनका नाम सभी जानते हैं। वे कांग्रेस से आए हैं। प्रशासन जानता है कि हमें किसकी सुनना है। यही वजह है कि प्रशासन उनकी सुनता है। उन्होंने वीडी शर्मा द्वारा पूर्व में दी गई नसीहत के बार में कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था, चाहता तो मै भी उत्तर दे सकता था, लेकिन वे पार्टी अध्यक्ष हैं और हमने उनके पद का मान रखा है।
पहले भी भूपेंद्र सिंह द्वारा साधा गया था निशाना
बता दें, भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले में आयोजित एक दीपावली मिलन समारोह के दौरान कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के प्रति नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों के कारण भाजपा कार्यकर्ता पहले परेशान हुए हैं, उन्हें वे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इस दौरान उन्होंने खुरई के पूर्व कांग्रेस विधायक अरुणोदय चौबे और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर भी बिना नाम लिए निशाना साधा था।
भूपेंद्र सिंह को वीडी ने दी थी परोक्ष रुप से नसीहत
भाजपा से विधायक और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को पार्टी स्वीकार करे, लेकिन मैं नहीं करूंगा। इसको लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भूपेंद्र सिंह को कड़ा संदेश दिया था। वीडी शर्मा ने कहा तब कहा था कि भाजपा की नीति, नेतृत्व और कामों से प्रभावित होकर कोई पार्टी में शामिल हुआ है तो उसका संगठन स्वागत करता है। भाजपा में शामिल होने वाले लेाग अब भाजपा के हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत किसी के कुछ विचार हो सकते हैं, लेकिन संगठन के नाते से भाजपा में आए लोग अब भाजपा की ताकत हैं। वह पार्टी के कार्यकर्ता हैं। पार्टी में शामिल होने वाले लोगों पर कोई संदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी को कोई व्यक्तिगत परेशानी है तो पार्टी फोरम पर चर्चा होती है। भाजपा में कभी कोई मनभेद नहीं होते। हम एक परिवार हैं और परिवार के नाते से ही काम करते हैं।
कार्यकर्ताओं को किया जा रहा परेशान
यह नेता भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। वो मैं होने नहीं दंूगा। क्योंकि जो लोग भाजपा से जुूड़े हैं , हम पर विश्वास करके भाजपा में आए हैं। मैं उनका विश्वास नहीं टूटने दूंगा। उनके मामले में बोलता हूं, तो मुझसे बुराई है। मेरी कोई व्यक्तिगत बुराई नहीं है। नही मेरा कोई बिगाड़ा है और न ही उनकी इतनी औकात है कि वे मेरा कुछ बिगाड़ सकें। उनका कहना है कि हमोर और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बीच कभी कोई मतभेद नहीं रहा है। कुछ लोग हैं, जो हमारे और भार्गव के बीच अफवाह फैलाकर मतभेद पैदा करना चाहते हैं। मै अगर चाहूं तो आज समझौता हो जाए। मैं भी जयजयकार करने लंगू तो मेरा भी समझौता हो जाएगा, लेकिन मैं तो भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच में बोलता है तो मेरी व्यक्तिगत लड़ाई कही जाती है।