*सम्पूर्ण पुनर्वास न होने तक सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मी. पर रखने की मांग!*
*नर्मदा घाटी में सितम्बर 2023 में बांध निर्मित तबाही से बेघर हुए लोगों के सम्पूर्ण पुनर्वास को लेकर अनशन जारी!*
आज मध्य प्रदेश के धार जिले के गाँव – चिखल्दा के खेड़ा मोहल्ले में तीसरे दिन भी जारी रहा मेधा पाटकर जी का अनिश्चितकालीन अनशन और दूसरे से क्रमिक अनशन पर बैठे प्रभावितों के स्थान पर नए 4 प्रभावितों द्वारा क्रमिक अनशन जारी रखा गया|
आज अनशन बैठे हारूबाई बेवा विष्णुराम निवासी एकलरा बडवानी की कृषि भूमि सरदार सरोवर परियोजना में वर्ष 2017 से लगातार डूब रही है| जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार कृषि भूमि के बदले 60 लाख रु. की पात्रता होते हुए भी आज तक लाभ नहीं मिला है| इनके जैसे ही सैकड़ों परिवारों को कृषि भूमि के बदले लाभ मिलना बाकी है| इन सभी की मांगों को लेकर हारू बाई आज से क्रमिक अनशन पर बैठी है|
क्रमिक अनशन पर बैठी रजाना बाई त्रिभुवन ग्राम – चिखल्दा खेड़ा की निवासी है| जिनका गाँव वर्ष 2019 व पिछले वर्ष सितम्बर 2023 में सरदार सरोवर बांध में जलभराव की वजह से इनका सम्पूर्ण गाँव जलमग्न हो गया था| इनके गाँव के लिए आदर्श पुनर्वास नीति के अनुसार आज तक प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। आज मकान बनाने के लिए 5.80 लाख रू मिलना बाकी है।
मोहन पिता हीरा निवासी निसरपुर धार इसकी कृषि भूमि सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों को बसाने के लिए गई थी, इसको मध्यप्रदेश राज्य की पुनर्वास नीति कंडिका 4.3 के तहत जीने किसानों भूमि अधिग्रहित की जायेगी, बशर्ते की डूब से प्रभावित विस्थापितों के लिए आवासीय भूखंड व कृषि योग्य भूमि की व्यवस्था के लिए अनु.जाति/जनजाति, लघु व सीमांत कृषको से भूमि अधिग्रहित नही की जावेगी और अन्य व्यक्तियो से भूमि अधिग्रहण इस प्रकार किया जायेगा कि उसके एव वयस्क पुत्रो व अविवाहित पुत्रियों के पास कम से कम 2 हेक्टर कृषि भूमि शेष रहे, जिसका चयन कृषक अपनी इच्छानुसार करेगा। इन प्रकरणों में GRA आदेश दिया गया था इसके बाद ही मूलचंद्र झापड़िया का मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में आदेश दिया गया था इसका आज तक पालन नही किया गया था, क्रमिक अनशन पर बैठे है| इनके साथ दीपक पिता कैलाश गांव चिखल्दा खेड़ा भी क्रमिक अनशन पर बैठे है|
कल दिनांक 16.06.2024 शाम को बड़वानी विधायक राजन मंडलोई भी समर्थन देने के लिए सत्याग्रह स्थल पहुंचे थे, इसके विधायक ने कहा की विधानसभा में भी सरदार सरोवर बांध प्रभावितों की मांग उठाने वाला हू।
आज मौके पर नायब तहसीलदार व डा की टीम पहुंची थी, परंतु मेधा पाटकर ने कहा की मेरी चिंता मत करो इन विस्थापितों का कानूनी पुनर्वास जरूरी है।
मेधा पाटकर जी ने अधिकारीयों को बताया कि सरदार सरोवर से प्रभावित कई हजार परिवारों का आज तक सम्पूर्ण पुनर्वास नहीं हुआ है| सैकड़ों प्रभावितों को वर्ष 2019 में जल भराव के बाद उनके घर न होने की आवाज से अपने डूबे हुए घरों से निकाल कर अस्थाई टीनशेडस में रखा गया था, किन्तु आज तक उन परिवारों का निराकरण कर उन्हें पुनर्वास के लाभ नहीं दिए गए|
BWL बेक वाटर लेवल में हुई गड़बड़ी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहाँ कि BWL में अवैध रूप से बदलाव किये जाने की वजह से ही पिछले साल सितम्बर 2023 में हजारों मकान और हजारों एकड़ जमीन जिन्हें डूब से अप्रभावित बताया गया था वे सब जलमग्न हो गए और लोगों को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा| उन लोगों आज लगभग एक साल पूर्ण होने के बावजूद भी नुकसान की भरपाई नहीं मिली है| इन लोगों को पूर्व में सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित मानकर भूअर्जन किया गया किन्तु इन्हें पुनर्वास के लाभ से वंचित रखते हुए इनका पुनर्वास नहीं किया गया| इसलिए इन लोगों को डूब में मानते हुए इन्हें पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाए| एवं जब तक यह सभी पुनर्वास के कार्य पूर्ण नहीं होते तब तक सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 122 मी. पर रखा जाए|