इन्दौर एमपी एमएलए विशेष न्यायालय ने झोपड़ी वाले के रूप में मशहूर एंव बाइक से विधानसभा जाकर सुर्खियां बटोरने वाले विधायक कमलेश्वर डोडियार पर तीन साल पहले दर्ज दुष्कर्म मामले में निर्णय सुनाते उन्हें बरी कर दिया। कमलेश्वर डोडियार मध्यप्रदेश में भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के एकमात्र विधायक हैं और वे रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं।
कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ उनके एमएलए बनने से पहले 11 नवंबर 2022 को सैलाना की एक युवती की शिकायत पर रतलाम के महिला थाने में धारा 469, 506, 294, 500, 450 एवं 376 (2) (एन) भा.दं.सं. में केस दर्ज किया गया था। युवती ने अपनी शिकायत दर्ज कराते पुलिस को बताया था कि कमलेश्वर डोडियार ने उसके साथ 2018 से 20 जुलाई 2022 तक फिजिकल रिलेशन में रहते शादी का झांसा देकर कई बार संबंध बनाए। और अब शादी करने से मना कर रहा है। उसके घरवाले उसकी दूसरी जगह शादी कर रहे हैं। युवती की इस शिकायत के बाद कमलेश्वर डोडियार को उस समय गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था कुछ समय तक वह जेल में भी रहा। और जमानत के बाद केस रतलाम कोर्ट में सुनवाई हेतु प्रस्तुत हुआ था। उसके बाद भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) से विधानसभा चुनाव जीत जाने के बाद केस रतलाम कोर्ट से एमपी एमएलए (जनप्रतिनिधि) कोर्ट इन्दौर में ट्रांसफर हो गया था। जहां सुनवाई चल रही थी।
पुलिस द्वारा पेश चालान और सभी पक्षों गवाहों की सुनवाई पश्चात कोर्ट के फैसले अनुसार, युवती ने कोर्ट के समक्ष इस प्रकार की घटना कारित किए जाने से इंकार किया है। वहीं एफआईआर में विशिष्ट रूप से इस संबंध में कोई उल्लेख नहीं है कि अभियुक्त द्वारा कब-कब व किस-किस स्थान पर रेप किया। उक्त केस में प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ 4 फोटो प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें अभियुक्त की सगाई फिक्स होने का उल्लेख है। उक्त फोटो अन्य फोटो से जोड़कर बनाया गया है। उक्त तथ्य की स्वीकारोक्ति अनुसंधान अधिकारी द्वारा की गई है। फोटो भील चंदु मईडा के नाम से जारी किया है। फोटो किस सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किए गए एवं किसके द्वारा अपलोड किए, यह बिंदु भी जांच में सामने नहीं आया।
फोटो में कोई आपत्तिजनक मुद्रा नहीं है। कोर्ट निर्णय में कहा गया कि फरियादिया द्वारा मात्र यह कहा गया कि अभियुक्त ने उसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। यह लिखा था कि उसकी सगाई हो गई है, जबकि वास्तव में कोई सगाई नहीं हुई। कोर्ट में यह साबित हुआ कि फोटो अभियुक्त द्वारा अपलोड नहीं किया गया। दो भिन्न फोटो को जोड़कर अपलोड किया गया है, जिस पर भील चंदु मईड़ा का उल्लेख है। चंदु मईड़ा व सोशल मीडिया साइट से अनुसंधान नहीं किया गया, जिससे यह प्रमाणित नहीं है कि फोटो अभियुक्त द्वारा अपलोड किए गए हैं। कोर्ट के फैसले के अनुसार युवती ने गुस्से में आकर रिपोर्ट करना बताया है।
केस में युवती व उसके भाइयों के 164 द.प्र.सं. के बयान अभिलेख पर हैं। युवती द्वारा कथनों पर अपने हस्ताक्षर होना स्वीकार किया है, लेकिन कोर्ट परीक्षण में घटना के संबंध में कोई समर्थन नहीं किया। साक्षी ने पुलिस द्वारा वन स्टॉप सेंटर में रखा जाना बताया है व उनके कहे अनुसार कथन दिया जाना बताया है। उक्त बयानों के आधार पर एमपी, एमएल कोर्ट से अभियुक्त कमलेश उर्फ कमलेश्वर पिता ओंकार डोडियार निवासी ग्राम लुणी (राधाकुंआ) तहसील सैलाना को मप्र को भा.दं.सं. की धारा 376 (2) (एन), 294, 506 भाग-2 के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।