Site icon अग्नि आलोक

मोदी सरकार ने किसानों के आगे टेंके घुटने, 2 मांगे मानी

Share

मोदी सरकार ने किसानों के आगे घुटने टेके दिये है। सरकार ने MSP का लिखित आश्वासन देने की बात मानी व
पराली जलाने पर होने वाले अर्थदंड से किसानों को बाहररखने आ आश्वासन देे दिया है।

सरकार और किसान नेताओं के बीच चार में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई, जबकि अन्य दो मुद्दों के लिए चार जनवरी को फिर से बैठक होगी। हजारों की संख्या में पंजाब-हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों के किसान पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।

दोपहर ढाई बजे शुरू हुई किसान संगठन के नेताओं और सरकार के बीच बैठक के खत्म होने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”आज की बैठक पहले की तरह बहुत अच्छे वातावरण में हुई। आज की बैठक में किसान संगठनों के नेताओं ने जो चार विषय चर्चा के लिए रखे थे, उसमें दो मुद्दों पर रजामंदी हो गई है। पहला- पराली को लेकर और दूसरा- बिजली कानून।” उन्होंने आगे कहा कि कृषि कानूनों और एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा खत्म नहीं हुई है। इसके लिए फिर से चार जनवरी को बैठक होगी। तोमर ने कहा, ”सर्दी का मौसम है, इसलिए किसानों को बुजुर्गों और बच्चों को घर जाने के लिए कहना चाहिए। यह भी किसान संगठनों से मैंने कहा है।”

वहीं, किसान संगठनों में एक संगठन के नेता कलवंत सिंह संधू ने बैठक के बाद कहा, ”सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी।” उन्होंने आगे कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही। अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे। दो घंटे तक चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री प्रदर्शनकारी किसानों के लंगर में भी शामिल हुए। आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे। इसके साथ ही एमएसपी पर कानून भी बनाए। वहीं, पराली और बिजली को लेकर भी किसानों ने मांग रखी है।

Exit mobile version