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*मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों के साथ किया क्रूर मजाक — 11खरीफ फसलों का एमएसपी कम हुआ 

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 डीजल और उर्वरक की कीमत में अभूतपूर्व वृद्धि को नजरअंदाज किया गया*

*एमएसपी की घोषणा में पिछली सरकार से भी खराब साबित हुआ इस सरकार का रिकॉर्ड, अब किसानों के पास लागत की ड्योढ़ीे एमएसपी के लिए संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं: योगेंद्र यादव, संस्थापक, जय किसान आंदोलन*

खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ ही मोदी सरकार ने एक बार फिर देश के किसानों के साथ क्रूर मजाक किया है। 14 खरीफ फसलों में से 11 फसलों के एमएसपी में वास्तविक रूप से कमी की गई है।

खरीफ फसलों की खरीद के लिए सरकार के आंकड़ों की समीक्षा करते हुए, जय किसान आंदोलन के संस्थापक और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, “आज ही, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2023 में 6.7% की मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है। किसानों के लागत के मामले में, मुद्रास्फीति और भी अधिक है, क्योंकि डीजल और उर्वरक की कीमत में काफी अधिक वृद्धि हुई है। यदि किसानों के लागत में मुद्रास्फीति की तुलना सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से की जाए तो यह स्पष्ट है कि 14 फसलों में से 11 के लिए एमएसपी में वृद्धि लागत मुद्रास्फीति से कम है। इस प्रकार, वास्तविक रूप में, 11 फसलों के लिए एमएसपी घटा दि गई है।

योगेंद्र यादव ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए घोषित एमएसपी की तुलना यूपीए सरकार के पिछले 9 वर्षों से की जाए, तो मोदी सरकार के दौरान हर फसल के लिए एमएसपी में वृद्धि कम हुई है। साफ है कि मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादों को पूरा करने की बजाय किसानों की आय कम करने पर अड़ी है। आज की घोषणा ने एक बार फिर मोदी सरकार के किसान विरोधी एजेंडे को उजागर कर दिया है”।

जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा ने केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी की घोषणा पर घोर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “हर साल, एमएसपी के नाम पर, यह सरकार किसानों को धोखा देती है। अब यह स्पष्ट है कि किसानों के पास व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए संघर्ष के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है”।

*मीडिया सेल | स्वराज इंडिया*

*संपर्क: आशुतोष – 9999150812*

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