जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, उनका (संघ प्रमुख) का बयान गैर जिम्मेदाराना है. हिंदू धर्म का आचार्य मैं हूं, मैं हूं जगद्गुरु. इसलिए हिंदू धर्म पर अनुशासन मेरा होगा. वे एक संगठन के प्रमुख हैं. उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. इतना ही नहीं रामभद्राचार्य ने कहा, पहले संघ कुछ और था और अब संगठन काफी बदल गया.
रामभद्राचार्य ने कहा, ‘हम मंदिर खोज नहीं रहे हैं. जहां-जहां सर्वे के आधार पर जहां मंदिर मिले हैं, हम वही मांग रहे हैं. हम मंदिर खोज नहीं रहे हैं. उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए. कोई मंदिर खोया नहीं है. अधिकार मांगना कोई पाप नहीं है. हमने कोई पाप नहीं किया.’
मोहन भागवत की बात मुझे चुभी- रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, दूसरी बात उन्होंने जो कही, मुझे बहुत चुभी. राममंदिर बनने के बाद कुछ लोग हिंदू मुद्दे उठाकर नेता बनना चाहते हैं. हम नेता नहीं बनना चाहते. न हमें नेता बनना है. हम अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे. ऐसी हल्की शब्दावली का इस्तेमाल उन्हें नहीं करना चाहिए था.
संभल पर क्या बोले रामभद्राचार्य?
संभल में पत्थरबाजी पर रामभद्राचार्य ने कहा, संभल में जब सर्वे हुआ तभी तो हमने कहा कि मंदिर हमें मिलना चाहिए. उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. हमने कभी उनके मंदिर नहीं तोड़े. उन्होंने हमारे 30 हजार मंदिर तोड़े.
रामभद्राचार्य ने कहा, जहां-जहां सर्वे में मंदिर मिलेंगे, वहां हम दावा करेंगे. हम किसी को उकसा नहीं रहे हैं. हम संघर्ष के लिए नहीं कह रहे हैं. आत्मरक्षा का सबको अधिकार है. हिंदुओं को भी आत्मरक्षा करनी होगी. हिंदुओं की बहन बेटियों पर कितना अत्याचार हुआ? हिंदुओं को जागना पड़ेगा. हमें भी आत्मरक्षा करनी होगी.
मुस्लिम भी भारत में रहें- रामभद्राचार्य
रामभद्राचार्य ने कहा, मुस्लिम भी भारत में रहें. हम कब कह रहे हैं कि उनका देश नहीं है. लेकिन वे हिंदुओं का अस्तित्व मिटाकर नहीं रह सकते. मुस्लिमों को भी अपना बड़ा दिल दिखाना होगा. उन्हें हमारे मंदिर हमें सौंप देना चाहिए.
जगद्गुरु ने धर्मगुरुओं और संघ के बीच बढ़ते विवाद पर कहा कि RSS बहुत बदल रहा है. हमने कई संघ प्रमुख देखे. जब तक रज्जू भैया संघ प्रमुख थे, तब तक संघ कुछ और था. अब तुष्टिकरण की वजह से RSS बदल रहा है. मोहन भागवत को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. अगर वे हमें फोन करेंगे तो कहेंगे कि आपको ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.