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मोरबी पुल हादसा भगवान् की मर्जी’ – कोर्ट में बोले आरोपी ओरवी कंपनी के मैनेजर

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गुजरात के मोरबी पुल हादसा का आज चौथा दिन है। रविवार शाम हुए इस भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या 135 हो चुकी है। आज हादसे के चौथे दिन भी एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के जवान शवों की तलाश कर रहे हैं। इस बीच बुधवार को इस हादसे के बाद गिरफ्तार किए गए 9 लोग कोर्ट में पेश किए गए। इन 9 लोगों में से एक ने कोर्ट में जज से कहा कि हादसा भगवान की मर्जी है।

इस हादसे में गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में से एक दीपक पारेख है, जो इस पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा का मैनेजर है। दीपक पारेख ने आज कोर्ट में जज के सामने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, ये भगवान की इच्छा है। पारेख के इस बयान से लोगों का गुस्सा और भड़क उठा है। इस हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों और संबंधियों को खोया है, उनकी मांग है कि हादसे के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो।

125 लोगों की टीम अभी भी नदी में तलाश रही लाशें


इधर हादसे के चौथे दिन आज बुधवार को भी 125 लोगों की टीम 12 नावों के साथ शवों की तलाशी कर रहे हैं। इस हादसे के कारण आज राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। मालूम हो कि 30 अक्टूबर की शाम हुए पुल हादसे में अब तक 135 शव बरामद हुए हैं। इधर इस हादसे में गिरफ्तार किए गए 9 आरोपियों की पैरवी करने से वकीलों ने इंकार किया है।

एल्युमिनियम की 4 लेयर वाली चादरें हादसे की वजह


मोरबी बार एसोसिएशन ने एक बैठक के बाद यह फैसला लिया कि ओरेवा कंपनी के आरोपियों का केस कोई भी वकील नहीं लड़ेगा। राजकोट बार एसोसिएशन ने भी यही फैसला किया है। दूसरी ओर बुधवार को पुलिस ने कोर्ट में कहा कि मोरबी का सस्पेंशन ब्रिज हादसा उसकी नई फ्लोरिंग की वजह से हुआ था।रिनोवेशन के नाम पर ब्रिज में लगे लकड़ी के बेस को बदलकर एल्युमिनियम की चार लेयर वाली चादरें लगा दी गई थीं। इससे पुल का वजन बेहद बढ़ गया था। पुरानी केबल्स भीड़ बढ़ने पर इस लोड को संभाल नहीं सकीं और ब्रिज टूट गया। जिससे यह हादसा हुआ।

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