एस पी मित्तल, अजमेर
राजस्थान के जोधपुर के बिरामी गांव निवासी मांगीलाल और उनकी पत्नी सुगनी के लिए 16 फरवरी की रात का वो क्षण बेहद खुशनुमा था, जब भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य और उनके बेटे रवि बिश्नोई ने वीडियो कॉल किया। ग्रामीण पृष्ठभूमि के माता पिता और क्रिकेटर रवि की आंखों में खुशी के आंसू थे। मां सुगनी ने बताया कि यूं तो बाहर होने पर रवि रोजाना ही फोन करता है, लेकिन 16 फरवरी का फोन खास था। 16 फरवरी को पहला अवसर रहा, जब रवि विश्नोई ने भारतीय टीम के सदस्य के तौर पर कोलकाता के मैदान पर क्रिकेट खेला। रवि ने पहले ही मैच में वेस्ट इंडीज के दो दिग्गज खिलाडिय़ों को आउट किया और मात्र 17 जन दिए। रवि की स्पिन गेंदबाजी को देखते हुए ही उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। मां सुगनी देवी ने बताया कि 16 फरवरी को जब टी-20 मैच शुरू होते ही वह टीवी के सामने बैठ गई। मैच समाप्ति के बाद टीवी के सामने से तभी उठी, जब बेटे का फोन आया। मां ने कहा कि रवि ने परिवार का ही नहीं बल्कि राजस्थान और अपने देश का नाम रोशन किया है। मेरा आशीर्वाद रवि के साथ है, इसलिए वह बहुत तरक्की करेगा। बेटे का अपने देश के लिए खेलते देखना बहुत अच्छा लगता है। मालूम हो कि रवि का परिवार बहुत साधारण है। लेकिन भारतीय टीम में शामिल होने के बाद से ही रवि का परिवार जोधपुर में चमक गया। 16 फरवरी की सफलता के बाद तो रवि के परिवार को लगातार बधाइयां मिल रही है। एक माता-पिता के लिए सबसे ज्यादा खुशी तब होती है, जब उनकी पहचान पुत्र या पुत्री की सफलता से हो। अब तक तो यही कहा जाता था कि रवि, मांगीलाल और सुगनी देवी का बेटा है, लेकिन अब कहा जाएगा कि मांगी लाल और सुगनी देवी रवि बिश्नोई के माता-पिता है। बेटे की सफलता पर पूरा परिवार गौरवान्वित है। 16 फरवरी को टी-20 मैच में भारत की जीत में रवि बिश्नोई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कप्तान रोहित शर्मा ने रवि पर जो भरोसा जताया उस पर रवि खरे उतरे हैं। रवि का चयन वनडे क्रिकेट टीम में भी हो गया था, लेकिन तब उन्हें खेलने का अवसर नहीं मिला। 16 फरवरी को जब टी-20 में मौका मिला तो रवि ने पूरा फायदा उठाया। जानकारों के अनुसार रवि ने अब 18 फरवरी को होने वाले दूसरे टी20 मैच में अपनी जगह पक्की कर ली है।