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मप्र सरकार कर सकती है बड़ा फैसला, खुल सकते हैं कोचिंग सेंटर्स

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भोपाल। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार बड़ा फैसला कर सकती है. सोमवार को वैक्सिनेशन पर बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात के संकेत दिए हैं. बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई कि पब्लिक प्लेस में केवल उन्हीं लोगों को एंट्री दी जाए जिनके पास कोरोना वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट होगा. हालांकि सरकार ने अभी इस विषय पर कोई फैसला नहीं किया है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानने इस विषय पर चर्चा के लिए कहा है.

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार इस विषय पर कोई फैसला भी ले सकती है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा टीके की दूसरी डोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. जिन लोगों ने पहली डो लगवा ली है लेकिन दूसरी डोज़ लगवाने में लापरवाही कर रहे हैं, उनकी पहचान कर दूसरी डोज लगाई जाए.

खुल सकते हैं कोचिंग सेंटर्स
बैठक में इस विषय पर भी चर्चा की गई कि अगर कोचिंग क्लासेस संचालक अपने यहां उन्हीं बच्चों को दाखिला दें जिन्होंने वैक्सीन लगवा लिया है, तो उन्हें सेंटर खोलने की परमिशन देने पर  विचार किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में टीकाकरण अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीके की पहली डोज लगाने के लिए विशेष कैम्प लगाए जाएं.

यहां हुआ शत प्रतिशत वैक्सिनेशन
बैठक के दौरान जानकारी दी गयी कि नगर पंचायत बुढ़ार और नगर परिषद खेतिया में शत-प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण हो चुका है. प्रदेश के 13 जिलों की 66 ग्राम पंचायतों में भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है. मुख्यमंत्री ने सिवनी, आगर-मालवा, मुरैना, अनूपपुर, छतरपुर, मंदसौर, खरगौन, टीकमगढ़, भिंड, छिंदवाड़ा, मंडला, बड़वानी, सतना, सीधी, झाबुआ, दमोह और पन्ना में टीकाकरण तेज करने के निर्देश दिए हैं.

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